ग्वालियर: शासकीय धनराशि निकालने के बाद उसका निर्माण कार्य पूर्ण कराने में उपयोग न कर शासकीय धन का दुरूपयोग करने वाले 9 ग्राम पंचायतों के पूर्व सरपंच जेल जायेंगे । जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं विहित प्राधिकारी श्री आशीष तिवारी ने पंचायत राज अधिनियम की धारा-92 के तहत इस आशय के अलग-अलग आदेश जारी कर इन पूर्व सरपंचों को अभिरक्षा में लेकर 30 दिवस के लिये जेल में रखने के निर्देश भारषाधक अधिकारी अर्थात अधीक्षक केन्द्रीय कारागार को दिए हैं।
न्यायालय विहित प्राधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार विभिन्न ग्राम पंचायतों के इन पूर्व सरपंचों द्वारा विभिन्न शासकीय योजनाओं के तहत जारी की गई धनराशि का लगातार दुरूपयोग किया गया। इन सभी पूर्व सरपंचों के विरूद्ध मध्यप्रदेश पंचायतीराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 के अंतर्गत वसूली के प्रकरण पंजीबद्ध कर राशि चुकाने के लिए पर्याप्त समय दिया गया। किंतु उन्होंने रकम नहीं चुकाई। इन प्रकरणों में अधिनियम की धारा 89 अंतर्गत प्राप्त जांच प्रतिवेदन अनुसार ये सभी दोषी साबित हुए। इस कारण विचार उपरांत अंतिम आदेश पारित कर 15 दिवस में रकम शासकीय कोष में जमा करने के लिए आदेशित किया गया था, किंतु इन पूर्व सरपंचों द्वारा राशि जमा नहीं कराई गई।
इसके बाद विहित प्राधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ग्वालियर न्यायालय ने मध्यप्रदेश पंचायतीराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 की उप धारा 2 के अधीन जेल में सुपुर्द करने के अलग-अलग वारंट जारी कर दिए हैं।
इन पूर्व सरपंचों के खिलाफ हुई है यह कार्रवाई
श्रीमती जशोदा पत्नी श्री रामसेवक पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत बारौल, श्रीमती गिरजा यादव पत्नी श्री कल्लू सिंह यादव पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत कुलैथ, श्री गजाधर सिंह पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत मऊछ, श्रीमती रामकली बाई पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत अमरौल, श्री बलवीर सिंह गुर्जर पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत हिम्मतगढ़, श्री हरिशंकर पाठक पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत गधौटा, श्री नंदकिशोर बघेल पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत बहांगीखुर्द, श्रीमती आशा रानी पत्नी स्व. रामहेत सिंह गुर्जर पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत तिघरा व श्रीमती रामकली पत्नी श्री कमल सिंह पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत कुम्हर्रा ।