Film review:  दो और दो प्यार 

अंग्रेज़ी फ़िल्म का मुम्बइया हिंग्लिश एडॉप्शन ! तौबा तौबा !!

493

Film review:  दो और दो प्यार 

मोहब्बत दुनिया भर के फिल्म वालों के लिए बेहतरीन कंज्यूमर आइटम है। सात साल पहले की हॉलीवुड फिल्म ‘द लवर्स’ का हिन्दी प्रस्तुतीकरण है ‘दो और दो प्यार’। फिल्म में विवाह और विवाहेत्तर संबंधों को बेहद संजीदगी से दिखाया गया है। फिल्म में पति-पत्नी और उनके प्रेमी-प्रेमिकाओं की कहानी है। रोमांस की दुनिया में भी एक पर एक फ्री का पैकेज !

 

पति और पत्नी के आपसी संबंधों में आये बदलाव को लेकर कई फिल्में बनी हैं। सिलसिला, अर्थ, गहराइयां, लाइफ इन ए मेट्रो आदि। इस फिल्म में संबंधों को बहुत ही नाजुक तरीके से दिखाया गया है और दर्शकों की रूचि ध्यान रखा गया है। एक दक्षिण भारतीय डेंटिस्ट काव्या गणेशन और बिजनेसमैन पति अनि बनर्जी (प्रतीक गाँधी) में प्रेम होता है फिर विवाह। शादी के 12 साल बाद उनमें प्रेम उड़ जाता है और दोनों अपने अपने स्तर पर किसी दूसरे में उसे खोजते हैं। काव्या (विद्या बालन) को मिलता है क्यूबा से आया एक फोटोग्राफर विक्रम (सेंथिल राममूर्ति) और अनि को मोहब्बत होती है उभरती अभिनेत्री नोरा ( इलियाना डीक्रूज़) से। फिर शुरू हो जाती है संबंधों की घिचड़-पिचड़! फिल्म में अंत भला तो सब भला।

 

फिल्म की लम्बाई 139 मिनट ही है, लेकिन इंटरवल के बाद वह खिंचती हुई लगती है। कहानी में कई मोड़ और घुमाव भी हैं, और लगता है कि किस्सा उलझ गया है। लेकिन अंग्रेज़ी की मूल फिल्म की तरह इस फिल्म का अंत बेहद संजीदगी और भावुकता से होता है। विज्ञापन फ़िल्में बनानेवालीं निर्देशिका शीर्षा गुहा ठाकुरता की यह पहली ही फीचर फिल्म है, जिसमें वे अपनी छाप छोड़ती हैं। फिल्म में अंग्रेज़ी के संवादों का बोलबाला है। एक पात्र तो केवल अंग्रेजी ही बोलता है। विद्या बालन और दूसरे कलाकारों का काम अच्छा है। गाने तो दो ही हैं, पर अच्छे हैं।

 

फुरसत हो और फ़िल्मी रोमांस में दिलचस्पी तो यह फिल्म देख सकते हैं। हल्की फुल्की फिल्म है।