कांग्रेस ने पूर्व वरिष्ठ मंत्री सहित 2 बड़े नेताओं को किया निलंबित, MLA को भी थमाया नोटिस
मीडियावाला के नेशनल हेड गोपेन्द्र नाथ भट्ट की विशेष रिपोर्ट
राजस्थान में लोकसभा की 25 सीटों पर चुनाव संपन्न होने के बाद भी राजनीतिक संग्राम कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
दोनों दलों भाजपा और कांग्रेस में दल बदल कर उम्मीदवार बने , पार्टी विचार धारा से अलग दलों के साथ गठबंधन करने और बाहर से आकर चुनाव लडने वाले प्रत्याशियों के खिलाफ असंतोष देखा जा रहा है।हालांकि इन दलों के अधिकांश नेताओं ने हालात की नाजुकता और पार्टी के निर्णयों को सर माथे चढ़ाया लेकिन कतिपय नेताओं ने इसे स्वीकार नहीं कर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ काम किया है।
इस मध्य कांग्रेस ने राजस्थान में अपने दो नेताओं एक पूर्व वरिष्ठ मंत्री अमीन खान और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव बालेंदु सिंह शेखावत को लोकसभा चुनाव के दौरान बाड़मेर और जालौर निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ प्रचार करने के आरोप में छह साल के लिए निलंबित कर दिया है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने बाड़मेर जैसलमेर में पार्टी उम्मीदवार राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालौपा) से कांग्रेस में शामिल हुए उम्मेदराम बेनीवाल और जालौर सिरोही में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत द्वारा इन नेताओं पर कथित “पार्टी विरोधी गतिविधियों” की शिकायतों के बाद यह कार्रवाई की है।
एआईसीसी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने दो अलग-अलग आदेशों में कहा कि खान और शेखावत को अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण निलंबित किया गया है।
उल्लेखनीय है पांच बार के विधायक अमीन खान ने कथित तौर पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालौपा) से कांग्रेस में शामिल हुए उम्मेदाराम बेनीवाल की उम्मीदवारी का विरोध किया था और निर्दलीय उम्मीदवार और भारतीय जनता पार्टी के बागी रवींद्र सिंह भाटी के पक्ष में बयान जारी किया।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव बालेंदु सिंह शेखावत पूर्व विधान सभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत के पुत्र है। बताया जा रहा है कि उन्होंने भी वैभव गहलोत तथा उम्मेदाराम बेनीवाल को अपेक्षित सहयोग नहीं दिया। किसी समय अशोक गहलोत के विश्वास पात्र रहें पूर्व विधान सभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत बाद में पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट गुट के साथ चले गए। इस कारण बालेंदु सिंह शेखावत भी पायलट गुट के साथ माने जाते है।
इधर एआईसीसी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा को भी पार्टी निर्णय के अनुरूप आचरण नहीं करने के लिए नोटिस थमा दिया है। बताया जाता है कि बांसवाड़ा डूंगरपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस हाई कमान द्वारा ऐन वक्त पर कांग्रेस विरोधी भारतीय आदिवासी पार्टी (बाप) के साथ समझौता करने और चौरासी विधायक राज कुमार रोत को इंडिया गठबंधन से चुनाव लड़ाने का फैसला लेने पर बांसवाड़ा डूंगरपुर के कई नेताओं के साथ डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा भी नाराज थे और उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ विभिन्न सभाओं में मंच भी साझा नही किए। हालांकि अनमने मन से अन्य नेता भी अंतिम समय में प्रचार कार्य में जुटे। कांग्रेस हाई कमान ने विधायक घोघरा के आचरण को आपत्तिजनक मान उन्हे नोटिस देकर उनसे स्पष्टीकरण मांगा है।