Clash Over Bhojshala Issue : भोजशाला मुद्दे पर हिंदूवादी नेताओं में टकराव, ज्ञापन देकर सवाल उठाए!

जानिए, कौन है वो हिंदूवादी नेता और क्या सवाल उठाए गए!

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Clash Over Bhojshala Issue : भोजशाला मुद्दे पर हिंदूवादी नेताओं में टकराव, ज्ञापन देकर सवाल उठाए!

धार से छोटू शास्त्री की रिपोर्ट

   Dhar : विवादास्पद भोजशाला मुद्दे पर हिंदूवादी नेताओं में आपसी तनाव उभरता दिखाई दे रहा है। एक हिंदूवादी नेता सोनू गायकवाड़ ने भोज उत्सव समिति के अध्यक्ष सुरेश चंद्र जलोदिया को ज्ञापन देकर कई मुद्दों पर सवाल खड़े किए। उन्होंने यह पूछा कि भोजशाला के संबंध में जारी न्यायालयीन प्रक्रिया में हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की भूमिका क्या है? इसके अलावा उन्होंने धार के कुछ नेताओं पर भी उंगली उठाई। उन्होंने अपना ज्ञापन और अपना पक्ष सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है।

उन्होंने ज्ञापन में लिखा कि मेरी आस्था सदैव भोजशाला रही हैं। मेरा समर्पण भोजशाला के लिए रहा। गत 25 वर्षों से में इस भोजशाला के हर संघर्ष में सक्रिय रहकर काम करता रहा हूं। परंतु वर्तमान स्थिति में जिस प्रकार के घटनाक्रम चल रहे हैं, उनसे मेरा मन बहुत आहत हुआ। इसलिए वर्तमान की भोज उत्सव समिति से कुछ प्रश्न पूछे हैं। इन प्रश्नों को पूछने के साथ मुझे यह पूरा विश्वास था कि यह मुझे मारेंगे और मै  पूरी मन स्थिति से गया था। मुझे वहां मार खाना है। आगे भी मैं प्रश्न पूछता रहूंगा और मार खाता रहूंगा। क्योंकि, मेरा कमिटमेंट हिंदू समाज से है। जो प्रश्न हिंदू समाज के हित में रहेंगे वह मैं बार-बार पूछता रहूंगा चाहे में अपनी जान भी क्यों दे दूं।

भोजशाला मुक्ति के संघर्ष में मैंने पहले भी तत्कालीन शासन के द्वारा मार खाई है और 302 जैसे झूठे प्रकरण भी झेले हैं आज भी जो सत्ता के मद में चूर होकर मुझे मारना चाहते हैं। मैं प्रस्तुत हूं, परंतु में हिंदू समाज की और से सदैव प्रश्न लेकर भोज उत्सव समिति के सामने खड़ा होता रहूंगा। उन्होंने कुछ सवाल पूछे हैं जो इस प्रकार हैं।

(1) वर्तमान में हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस द्वारा लगाई गई याचिका पर आपकी सहमति है क्या?
(2) हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के पदाधिकारी, जिन्होंने धार की जनता जानती नहीं भोजशाला आंदोलन में सहभागी हुए हजारों हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के साथ खड़ी हैं, कार्यकर्ता जिन्हें जानते नहीं फिर क्यों भोज उत्सव समिति उनके साथ है?(3) हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस के कोर्ट में केस करने से पहले आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ताओं एवं हिंदू समाज से सहमति क्यों नहीं ली गई?
(4) भोज उत्सव समिति भोजशाला मुक्ति के लिए संघर्षरत है समिति द्वारा यह याचिका क्यों नहीं लगाई गई? यदि वर्तमान समिति याचिका लगाने में सक्षम नहीं थी तो पूर्व में अनेक कार्यकर्ता जो आंदोलन में संघर्षशील थे उन्हें यह याचिका लगाने के लिए आग्रह करते?
(5) हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने कोर्ट में जिस स्थानीय व्यक्ति आशीष गोयल को याचिकाकर्ता बनाया। उनके चयन पर हिंदू समाज संशय कर रहा है। क्योंकि यह एक राजनीतिक व्यक्ति है। समिति सदैव दावा करती है कि यह संघर्ष गैर राजनीतिक है, फिर आशीष गोयल क्यों?
(6) पूर्व में भी यह व्यक्ति भोजशाला आंदोलन में संदिग्ध था इसने पूर्व सरकार में एवं उसे समय के कांग्रेसी विधायक को आंदोलन संबंधित जानकारी दी एवं आंदोलन को कमजोर करने के षड्यंत्र में अपनी भूमिका निभाई इसके एवज में इसने स्वयं को एवं परिवार को लाभ पहुंचाया। इस कारण समिति के कार्यकर्ताओं ने 2006 में इसकी सार्वजनिक पिटाई की थी। आज भी यह व्यक्ति संदिग्ध है। विधानसभा चुनाव में पार्टी के विरुद्ध निर्दलीय के समर्थन के कारण निष्कासित किया गया है। अतः यह व्यक्ति कभी भी हिंदू समाज के लिए विश्वसनीय नहीं हो सकता। समिति आखिरकार क्यों इसे मान्यता दे रही है यह स्पष्ट करें?
(7) पूर्व में जब पूर्व जिला प्रचारक नवल किशोर शर्मा एवं उनके सहयोगियों ने इस आंदोलन को पुनर्गति देने के लिए प्रयास किया था तो भोज उत्सव समिति ने उसका विरोध किया था। परंतु एक बाहरी संस्था इसका इस संघर्ष से कोई लेना-देना नहीं उसे क्यों स्वीकार किया? क्या समिति को धार नगर के हिंदू समाज पर भरोसा नहीं है? कोर्ट में याचिका कर्ता के रूप में समिति का कोई सदस्य या आशीष गोयल के अलावा धार नगर के हिंदू समाज का कोई व्यक्ति क्यों नहीं लिया गया?
(8) यह  सत्याग्रह गैर राजनीतिक रूप से माँ सरस्वती  मंदिर भोजशाला की मुक्ति  एवं  उसके गौरव की पुनर्स्थापना हेतु सत्याग्रहों द्वारा प्रारंभ किया गया था। परंतु, समय-समय पर इस सत्याग्रह का राजनीतिक लाभ लेने के लिए राजनेता सम्मिलित होते रहे एवं इसके उद्देश्यों को भटकाने का प्रयत्न करते रहे इससे सत्याग्रह की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो रहा है या फिर भोज उत्सव समिती स्वयं इसका राजनीतिक लाभ लेना चाहती है यह स्पष्ट करें एवं ऐसे स्वार्थी तत्वों को रोकने के लिए भोज उत्सव समिति स्पष्ट नीति बनाएं!