Controversy Over Army-Like Dress : नगर निगम की रिमूवल गैंग की सेना जैसी ड्रेस पर विवाद! 

कांग्रेस ने विरोध किया, जवाब में महापौर और निगम कमिश्नर बचाव में उतरे!

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Controversy Over Army-Like Dress : नगर निगम की रिमूवल गैंग की सेना जैसी ड्रेस पर विवाद!

Indore : सेना की वर्दी जैसी नगर निगम की रिमूवल गैंग को पहनाने से विवाद खड़ा हो गया। महापौर और नगर निगम कमिश्नर ने इसे अनुचित न बताते हुए अपने फैसले का बचाव किया।,जबकि, कांग्रेस ने इसे लोगों में डर फैलाने का प्रयास बताने के साथ सेना का अपमान कहा। महापौर ने कहा कि ऐसी ड्रेस पहनना कोई अपराध नहीं है। निगम आयुक्त ने कहा कि शिकायत आने पर मामला दिखवाएंगे।

नगर निगम का रिमूवल गैंग शहर में अतिक्रमण हटाने का काम करता है। रोज शहर के किसी न किसी हिस्से में चलती रहती है। इस वजह से कई बार विवाद की स्थिति भी बनती है। कार्रवाई से नाराज लोग हाथापाई करने लगते हैं। नगर निगम का मानना है कि नए ड्रेस कोड से ऐसी स्थिति नहीं बनेगी।

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रिमूवल गैंग को सेना जैसी ड्रेस के प्रयोग पर कांग्रेस प्रवक्ता विवेक खंडेलवाल ने कहा कि यह सेना का अपमान है। सेना की ड्रेस हर कोई नहीं पहन सकता। इस तरह की वर्दी क्विक रिस्पॉन्स टीम और पैरामिलिट्री वाले भी पहनते हैं। एक्ट के तहत उन्हें मंजूरी है। खंडेलवाल ने कहा कि सेना की वर्दी देश की जनता में सुरक्षा का भाव जगाती है, लेकिन आपने इस वर्दी का उपयोग जनता में डर पैदा करने के लिए किया है। यह निंदनीय है।

विवाद से बचने कर इस ड्रेस का इस्तेमाल

नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा का कहना है कि यातायात सुधार, अतिक्रमण हटाने जैसी कार्रवाई के दौरान ज्यादा विवाद होते हैं। ऐसे ड्रेस कोड से इससे बचा जा सकेगा। अगर इसको लेकर कोई शिकायत आती है, तो हम इस पर दोबारा विचार करेंगे। जबकि, चार साल पहले ग्वालियर नगर निगम ने भी आर्मी की तरह दिखने वाली डांगरी को रिमूवल गैंग की वर्दी के रूप में अपनाया था। हालांकि, आपत्ति के बाद इसे हटा दिया गया था।

अनुशासन और एकरूपता के लिए प्रयोग 

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इस मसले पर कहा कि यह रिमूवल गैंग के कर्मचारियों की विशेष ड्रेस है। इससे अनुशासन के साथ एकरूपता भी आएगी। लोगों को भी पता लगेगा कि यह रिमूवल गैंग के सदस्य हैं। अभद्रता या विवाद की स्थिति नहीं बनेगी। जनता के बीच इम्पैक्ट भी जाएगा। इसे सेना की वर्दी से जोड़ना गलत है। सेना की वर्दी और चिह्न कोई अन्य पहन ले तो अपराध है लेकिन उसी कलर की ड्रेस पहनना अपराध नहीं है।

दर्ज कराया जा सकता है मामला 

कांग्रेस ने इस बारे में गृह मंत्रालय का सभी राज्यों के सेक्रेटरी को जारी निर्देश का हवाला भी दिया। गृह मंत्रालय ने पत्र जारी कर कहा था कि जो लोग अनाधिकृत तरीके से इंडियन फोर्सेस (आर्मी, नेवी, एयरफोर्स) की वर्दी या उसके जैसी दिखने वाली यूनिफॉर्म पहनते हैं, उन पर आईपीसी की धारा-140 और 171 के तहत मामला दर्ज कराया जा सकता है।

आईपीसी की धारा-140 के मुताबिक, अगर कोई यह दिखाने के लिए कि वह इंडियन फोर्सेस का हिस्सा है..आर्मी, नेवी या एयरफोर्स की तरह दिखने वाले कपड़े पहनता है या प्रतीक चिह्न का इस्तेमाल करता है तो उसे अधिकतम 3 महीने तक की जेल और 500 रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।

पुलिस ने की थी इस्तेमाल, सेना ने ली थी आपत्ति

कोविड के दौरान इंदौर में पुलिस अधिकारियों ने इसी तरह की वर्दी पहनना शुरू की थी। 10 दिन में ही सेना ने इस पर आपत्ति ले ली और पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखा। सेना के एक सीनियर अधिकारी ने कहा था कि भले ही आर्मी की वर्दी न पहनने का कोई ऑर्डर हमारी तरफ से नहीं निकाला गया। लेकिन, अपील कई बार की जा चुकी है। हम सिर्फ अपनी फोर्स के लिए ही ऑर्डर निकाल सकते हैं। इस बारे में नियम तो तय हैं ही। इसके बाद पुलिस ने आर्मी यूनिफॉर्म जैसी दिखने वाली इस ड्रेस के इस्तेमाल पर तत्काल रोक लगा दी।