Private Schools do not Get Relief : प्रशासन के बाद हाईकोर्ट ने भी प्राइवेट स्कूलों को झटका दिया, दायर याचिका खारिज!

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 4 हफ़्तों में विस्तृत जवाब मांगा!

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Private Schools do not Get Relief : प्रशासन के बाद हाईकोर्ट ने भी प्राइवेट स्कूलों को झटका दिया, दायर याचिका खारिज!

Jabalpur : हाईकोर्ट ने अवैध फीस वसूली मामले पर प्राइवेट स्कूलों पर की गई कार्रवाई और संचालकों की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। हाई कोर्ट ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए यह याचिका खारिज की है। अब इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 4 हफ़्तों में विस्तृत जवाब मांगा है। अवैध फीस वसूली मामले में 11 स्कूलों से जुड़े 21 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।

हाईकोर्ट ने कहा कि ये अपराध बेहद गंभीर है और जांच शुरुआती दौर में है। लिहाजा अभी पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई पर रोक नहीं लगाई जा सकती। हालांकि हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से कार्रवाई को लेकर पूरा विस्तृत जवाब मांगा है। कोर्ट ने अब इस मामले पर अगली सुनवाई 1 जुलाई के सप्ताह में तय की गई है।

जबलपुर जिले में प्रशासन ने अवैध रूप से फीस बढ़ाने वाले स्कूलों के खिलाफ एक्शन लिया था। प्रशासन ने स्कूली किताब की दुकान वालों पर भी कार्रवाई करते हुए 11 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया। जबलपुर जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि इन स्कूलों ने चालू शैक्षणिक सत्र में छात्रों से अवैध रूप से 81.3 करोड़ रुपए का शुल्क वसूला है। प्रशासन के एक्शन से प्राइवेट स्कूलों में हड़कंप मच गया।

11 स्कूलों पर 22 लाख जुर्माना

जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना था कि अवैध रूप से फीस बढ़ाने वाले स्कूलों पर अधिकारियों ने 11 विद्यालयों पर 22 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह का कहना है कि इस मामले में अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जिला प्रशासन ने गलतियां पाए जाने के बाद स्कूल पदाधिकारियों और पाठ्यपुस्तकों की दुकानों के मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की।

कार्यवाही के खिलाफ हाई कोर्ट गए स्कूल संचालक

स्कूल संचालकों ने पुलिस की जांच कार्रवाई और गिरफ्तारी पर रोक को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर गुरुवार को सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने स्कूल संचालकों के द्वारा अभिभावकों से मांगी गई फीस को गंभीर माना। ऐसे में अब 11 स्कूलों के 21 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखने की बात भी कही।

जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर पुलिस-प्रशासन और शिक्षा विभाग ने पूरे जिले में ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए 60 से अधिक स्कूलों में जांच करवाई, जिसमें 11 स्कूलों की गंभीर लापरवाही पाई थी। अवैध फीस वसूली के अपराध में पुलिस-प्रशासन की जद में आए निजी स्कूल संचालकों की गिरफ्तारी और जांच को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिस पर गुरुवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए अवैध फीस वसूली में आरोपी बनाए गए निजी स्कूल संचालकों को राहत नहीं देने से इंकार कर दिया है।

पुलिस कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर

जिला प्रशासन की कार्रवाई के दौरान दोषी पाए गए निजी स्कूल संचालकों ने जांच और पुलिस कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जिस पर जबलपुर हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई। हाईकोर्ट में स्कूलों की ओर से कहा गया कि एफआईआर दर्ज हो चुकी है और वो जांच में सहयोग करने तैयार हैं लेकिन उन पर पुलिस कार्रवाई न की जाए।

बुक सेलर्स से सांठगांठ कर फर्जी किताबें बेची

शासन की ओर से कोर्ट को बताया गया कि स्कूलों ने अवैध रूप से अतिरिक्त फीस ही नहीं वसूली है, बल्कि बुक सेलर्स से सांठगांठ कर फर्जी किताबें सिलेबस में लगाने का अपराध भी किया, जो कि बच्चों का भी अनहित करने जैसा है। सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि अगर आरोपी स्कूल संचालकों और उनके गठजोड़ पर पुलिस कार्रवाई नहीं की जाती, तो वे जांच को प्रभावित कर सकते हैं। क्योंकि, पुलिस और प्रशासन को अभी उनके स्कूलों से और भी कई दस्तावेज जब्त करने हैं। इन तमाम दलीलों को सुनने के बाद हाई कोर्ट जस्टिस विशाल धगट की कोर्ट ने निजी स्कूल संचालकों को राहत देने से इंकार कर दिया है।