मोदी की नहीं, नीतिश कुमार और चंद्र बाबू नायडू की असल परीक्षा अब…

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मोदी की नहीं, नीतिश कुमार और चंद्र बाबू नायडू की असल परीक्षा अब…

 

देश ने जिस तरह का जनादेश लोकसभा में दिया है, वह वास्तव में अनपेक्षित था। अब बिना गठबंधन के भाजपा का उद्धार नहीं हो सकता। देश-दुनिया के सबसे बड़े राजनैतिक दल को इक्कीसवीं सदी में पूर्ण बहुमत से वंचित कर मतदाताओं ने यह संदेश दिया है कि धर्म को राजनीति से जोड़ने की कवायद ठीक नहीं है। धार्मिक रहो, लेकिन धर्म को राजनीति से परे रखो। तो यह जनादेश प्रधानमंत्री को सीधे-सीधे यही कह रहा है कि अब समन्वय और संतुष्टि का समय आ गया है। बार-बार लोग यही कह रहे हैं कि जदयू और टीडीपी ही तीसरी बार मोदी की नैया पार लगाएंगे। तो मोदी को कठिन परीक्षा से गुजरना तय है, पर कठिनतम परीक्षा चंद्रबाबू नायडू और नीतिश कुमार की भी है। मोदी ने अपने वर्तमान पद से इस्तीफा दे दिया है और कहा जा रहा है कि मोदी अब 8 जून 2024 को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे।

नीतीश कुमार (जन्म 1 मार्च 1951, बख्तियारपुर, बिहार, भारत) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं और सम्प्रति बिहार के मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले उन्होंने 2005 से 2014 तक बिहार के मुख्यमंत्री और 2015 से 2017 में सीएम के रूप में एक संक्षिप्त कार्यकाल के बाद, उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और एक बार फिर एनडीए से हाथ मिला लिया। नीतीश ने 2022 में आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। वे बिहार के सबसे लंबे समय तक रहने वाले मुख्यमंत्री हैं। वह जनता दल यू राजनीतिक दल के प्रमुख नेताओं में से हैं।

नारा चंद्रबाबू नायडू (जन्म 20 अप्रैल 1950), जिन्हें बाबू या सीबीएन के नाम से भी जाना जाता है , एक भारतीय राजनीतिज्ञ, राजनेता और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने 1995 से 2004, 2014 से 2019 तक मुख्यमंत्री और 2004 से 2014, 2019 से 2024 तक आंध्र प्रदेश के विपक्षी नेता के रूप में भी कार्य किया। वे 2015 से तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।

तो आज बस इतना ही कि यदि मोदी, नीतीश और चंद्रबाबू की कुंडली मिल गई, तब देश को आसमान छूने में देर नहीं लगेगी। बाकी जो होगा, वह वक्त बताएगा और यह वक्त पर ही पता चलेगा…।