‘मोहन’ की नसीहत का शाही असर…

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‘मोहन’ की नसीहत का शाही असर…

संघ प्रमुख मोहन भागवत की नसीहत का असर एक सप्ताह में ही नजर आने लगा है। ओडिशा के शपथ ग्रहण समारोह में निवर्तमान मुख्यमंत्री और वर्तमान में प्रतिपक्ष की भूमिका में आ चुके नवीन पटनायक की उपस्थिति और सत्तारूढ़ हो रही भाजपा के व्यवहार ने मिसाल पेश कर सभी का मन जीत लिया था। और ‘मोहन’ के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर ओडिशा के सीएम मोहन चरण माझी तक सभी अहंकार रहित नजर आए थे। संघ प्रमुख मोहन भागवत के नागपुर में 10 जून 2024 को संघ के कार्यकर्ता विकास वर्ग समारोह के समापन के मौके पर दिए भाषण की दूसरी प्रमुख नसीहत का शाही असर भी अब नजर आने लगा है। पिछले तेरह महीने से आग में झुलसकर त्राहि-त्राहि कर रहे मणिपुर से अब भय और चिंतामुक्त होने के आसार बनने लगे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मणिपुर की राज्यपाल अनुसुईया उइके के बीच 16 जून 2024 को दिल्ली में हुई अहम बैठक से यह उम्मीद जग रही है। संघ प्रमुख मोहन ‘भागवत’ ने मणिपुर पर चिंता जताते हुए कहा था कि ‘मणिपुर एक साल से शांति की राह देख रहा है. बीते 10 साल से राज्य में शांति थी, लेकिन अचानक से वहां कलह होने लगी या कलह उपजी या उपजाई गयी, उसकी आग में मणिपुर अभी तक जल रहा है, त्राहि-त्राहि कर रहा है, उस पर कौन ध्यान देगा? जरूरी है कि इस समस्या को प्राथमिकता से सुलझाया जाए।’ मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कहा था कि, ‘चुनाव खत्म हो चुके हैं और अब ध्यान राष्ट्र निर्माण पर केंद्रित होना चाहिए।’ उन्‍होंने नसीहत दी थी कि, ‘इस बार भी हमने अपने लोकमत जागरण का काम किया है। वास्तविक सेवक मर्यादा का पालन करते हुए चलता है। अपने कर्तव्य को कुशलता पूर्वक करना आवश्यक है।’ उन्‍होंने करा था, ‘काम करें, लेकिन इसे मैंने करके दिखाया… इसका अहंकार हमें नहीं पालना चाहिए, जो ऐसा करता है वही असली सेवक है।’

इसका असर दिखा और मणिपुर में शांति-व्यवस्था को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने कदम उठाना शुरू कर दिया है।हालांकि राष्ट्र निर्माण की नसीहत पर अमल करते हुए मणिपुर से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसियों को सफलता हासिल करने के लिए कश्मीर की तर्ज पर जम्मू संभाग में भी क्षेत्र प्रभुत्व और आतंकवाद की गतिविधियों पर पूरी तरह से लगाम लगाने की नीति (जीरो टेरर प्लान) को लागू करने का निर्देश दिया। शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी नीत सरकार नए तरीकों से आतंकवादियों पर नकेल कसने के लिए प्रतिबद्ध है। सूत्रों ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में हाल में हुए आतंकवादी हमलों के मद्देनजर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए बुलाई गई एक उच्चस्तरीय बैठक में गृह मंत्री ने अपनी यह मंशा जताई।

गौरतलब है कि पूर्वोत्तर का राज्य मणिपुर पिछले 13 माह से हिंसा की आग में झुलस रहा है। गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक साल पहले जून 2023 में भी दिल्ली में बैठक हुई थी। उसके बाद देश चुनावी दौर में गया था और मणिपुर झुलसता रहा था। पर अब उम्मीद है कि संघ प्रमुख ‘मोहन’ की पीड़ा रंग लाई है और जल्दी ही मणिपुर में लगी आग बुझ जाएगी। ‘मोहन’ की नसीहत का शाही असर मणिपुर को राहत देगा तो जम्मू-कश्मीर से भी राष्ट्र निर्माण की सुगंध फैलकर पूरे देश को तरोताजा करेगी…।