गांधी ग्राम सेवा केंद्र के 4थे स्थापना दिवस समारोह में “आत्म निर्भर गांव” विषय पर चिंतन 

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गांधी ग्राम सेवा केंद्र के 4थे स्थापना दिवस समारोह में “आत्म निर्भर गांव” विषय पर चिंतन 

भोपाल से चालीस किलोमीटर दूर चार मंडली गांव में ग्राम सेवा समिति ने गांधी ग्राम सेवा केंद्र की शुरूआत की थी। तब से हर वर्ष 15 जुलाई को इस छोटे से गांव में गांधी ग्राम सेवा केंद्र का स्थापना दिवस ग्राम विकास के विविध रचनात्मक कार्य करते हुए मनाया जाता है। इस आयोजन में शामिल होने समग्र ग्राम विकास के रचनात्मक कार्यों से जुडी विशिष्ट विभूतियां और इन कार्यों से जुड़ने के इच्छुक युवा काफी संख्या में चार मंडली गांव पहुंचते हैं। गत 15 जुलाई को यहां “आत्म निर्भर गांव में आत्म निर्भर जैविक खेती की भूमिका ” विषय पर गंभीर चर्चा का आयोजन किया गया था। ग्राम सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ आर के पालीवाल, आई आर एस, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त के पद से सेवानिवृति के बाद इसी केंद्र के माध्यम से सहकारी जैविक खेती, जल संरक्षण और समग्र ग्राम विकास पर विविध रचनात्मक प्रयोग कर रहे हैं।

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इस आयोजन में कई प्रदेशों के जैविक खेती विशेषज्ञों ने शिरकत की। । बैतूल से शिशिर कुमार चौधरी के नेतृत्व में नमन सेवा समिती से जुडे जैविक खेती करने वाले प्रगतिशील किसानों ने जैविक खेती की समस्याओं और चुनौतियों के बारे में बताया कि इसमें कंपोस्ट खाद बनाने और खरपतवार को नष्ट करने में काफ़ी मेहनत लगती है। युवा पीढ़ी खेती में मेहनत नहीं करना चाहती। डॉ आर के पालीवाल ने कहा कि जैविक खेती में हम खरपतवार को नष्ट नहीं करते बल्कि उसका खाद बनाते हैं। उन्होने यह भी कहा कि जैविक खेती में सहकारिता बहुत सहायक है। सहकार से जैविक खाद्य पदार्थों के वितरण और मार्केटिंग का कार्य सुचारू रूप से होता है।संगोष्ठी में मुजफ्फर नगर, उत्तर प्रदेश से अतिक्रमण के खिलाफ सबसे लंबा सत्याग्रह करने वाले मास्टर विजय सिंह, दुर्ग, छत्तीसगढ़ से संपूर्ण छत्तीसगढ़ में नशा मुक्ति अभियान चला रहे अजय कल्याणी, एन जी ओ पाठशाला के समन्वयक डा परशुराम तिवारी और उनके कई सहयोगी, युवा फाउंडेशन के संचालक भावना सिंह और परीक्षित सिंह दंपति ,नेशनल एक्सप्रेस समाचार पत्र समूह दिल्ली के संस्थापक विपिन गुप्ता एवम समाज सेवी डॉ विजय खैरा, अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वृक्ष मित्र सुनील दूबे, भूदान यात्रा में विनोबा जी के सहयोगी रहे श्रीमती एवम श्री दयाराम नामदेव जी, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के प्रतिष्ठित लेखक बृह्मदीप अलूने, भोपाल डेंटल क्लिनिक के डॉ सचिन गुप्ता आदि अनेक गणमान्य अतिथि शामिल हुए। सुदूर ग्रामीण परिवेश में संपन्न होने वाला यह ऐसा अनूठा आयोजन है जिसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए जमीनी कार्यकर्ता ग्रामीण परिवेश में बैठकर ग्रामीण विकास पर चिंतन मनन करते हैं। विगत वर्षों में यहां गोवा के पर्यावरणविद कुमार कलानंद मणि, पद्मश्री धर्मपाल सैनी, पदम श्री विजय दत्त श्रीधर, पद्मश्री बाबू लाल दहिया, पद्मश्री उमा शंकर पांडे, वरिष्ठ गांधीवादी लेखिका डा सुजाता चौधरी, हरिजन सेवक संघ दिल्ली की सचिव उर्मिला श्रीवास्तव , सेवाधाम उज्जैन के संस्थापक डा सुधीर भाई गोयल, नेशनल एक्सप्रेस के श्री वेंकटेश गुप्ता , हरिजन सेवक संघ के सचिव संजय राय , जमनालाल बजाज पुरुस्कार से सम्मानित विमला बहन और रमेश भईया, आई टी क्षेत्र के समाजसेवी अमित परमार ,इंदौर के डा पुष्पेंद्र दुबे, न्यास योग ग्रैंड मास्टर रीता सिंह, वरिष्ठ सर्वोदय कार्यकर्ता स्व. किशोर भाई, मनोज मीता आदि पधार चुके हैं।

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चिंतन शिविर के समाजसेवी कार्यों में भोपाल के नोबल मल्टी स्पेशियल्टी हॉस्पिटल के सौजन्य से निशुल्क मेडिकल कैंप लगाया गया था जिसमें विशेष रूप से आदिवासी हॉस्टल के बच्चों और गरीब ग्रामवासियों की स्वास्थ संबंधी विविध जांच हुई और दवाइयां उपलब्ध कराई गई।वप्रोफेसर अरविंद द्विवेदी के मार्गदर्शन में कार्यकर्ताओं ने बेतवा नदी के उदगम स्थल झिरी , ग्राम सेवा केंद्र परिसर और गांव के सामुदायिक पार्क में श्रमदान से साफ सफाई की और लगभग सौ से अधिक पौधों का रोपण किया गया।