

BA वास्तुशास्त्र पाठ्यक्रम प्रारम्भ: हिन्दी माध्यम से अध्ययन की सुविधा प्रदान करने वाला देश का पहला पाठ्यक्रम!
डॉ. दिनेश चौबे की रिपोर्ट
Ujjain : महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के वास्तुशास्त्र विभाग द्वारा सत्र 2025-26 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अन्तर्गत (बी.ए.) वास्तुशास्त्र पाठ्यक्रम प्रारम्भ किया गया। स्नातक स्तर पर हिन्दी माध्यम से अध्ययन की सुविधा प्रदान करने वाला यह देश का पहला पाठ्यक्रम हैं। विश्वविद्यालय के वास्तुशास्त्र विभाग द्वारा सत्र 2020 से (एम.ए.) वास्तुशास्त्र पाठ्यक्रम भी संचालित किया जा रहा हैं। 2023 से वास्तु विभाग विभिन्न पाठ्यक्रमों एम.ए., डिप्लोमा वास्तुशास्त्र, कृषि ज्योतिष, देव प्रतिमा एवं चित्र विधान पाठ्यक्रम स्वतन्त्र रूप से संचालित कर रहा है। इन पाठ्यक्रमों में संस्कृत ग्रन्थों का अध्ययन तथा परीक्षा भी हिन्दी माध्यम से ही आयोजित की जाती है।
इन पाठ्यक्रमों में विशेष रूप से वास्तुशास्त्र के वैज्ञानिक एवं प्रायोगिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए सत्र में प्रायोगिक कार्य, आवासीय, धार्मिक एवं जलाशय वास्तु के प्रायोगिक हेतु शैक्षणिक भ्रमण एवं अन्य प्रायोगिक कार्य किया जाता हैं। विभाग द्वारा समय-समय पर वास्तु एवं पुरातात्त्विक विषयों से सम्बन्धित कार्यशाला, संगोष्ठी एवं वास्तुपर्व का आयोजन भी किया जाता हैं साथ ही वास्तुविभाग सामाजिक पटल पर कार्य करने के लिए कटिबद्ध है। गत वर्षों में विभाग द्वारा संचालित ग्रामवास्तु प्रेक्षण परियोजना एवं ‘चल मिलें गांव की चौखट पे’ विभाग की प्रमुख उपलब्धियां रहीं हैं। ज्ञात हो कि इसी सत्र से ज्योतिर्विज्ञान विभाग में (बी.ए) ज्योतिर्विज्ञान भी प्रारम्भ हुआ हैं!