

सौतेली मां की हत्या करने वाले बेटे को उम्रकेद, 1 हजार रुपए जुर्माना!
Ratlam : न्यायालय सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश राजेश नामदेव ने शहर की पीएनटी कॉलोनी निवासी निखिलेश कौशल को अपनी सौतेली मां की हत्या करने के मामले में आरोपी बेटे को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए 1 हजार रुपए जुर्माना लगाया, प्रकरण में शासन की और से पैरवी करने वाले अपर लोक अभियोजक समरथ पाटीदार ने बताया कि 16-अगस्त- 2023 को शहर की पीएनटी कॉलोनी निवासी निखिलेश कौशल ने अपने पड़ोस में रहने वाले राजीव कौशल के घर जाकर सुबह 6:30 बजे जब वह सो रहा था तो उसे उठाया और बोला कि मम्मी किचन में गिर गई हैं। राजीव ने जब निखिलेश के घर जाकर देखा तो मंजू जमीन पर गिरी हुई पड़ी थी। फिर दोनों मंजू को ऑटोरिक्शा से जिला चिकित्सालय लेकर गए। जिला चिकित्सालय मे डॉक्टर प्रणब मोदी द्वारा महिला को चेक किया तो उसका ब्लडप्रेशर व पल्स ना होने से और ईसीजी सीधे लाइन में दिखाई देने पर डॉक्टर द्वारा महिला को मृत घोषित किया गया।
पोस्टमार्टम में डॉक्टरों को मृतिका के गले पर नाखून के निशान होने पर मृतिका मंजू कौशल के शव को अग्रिम कार्रवाई हेतु अस्पताल पुलिस चौकी के सुपुर्द कर इस संबंध में तहरीर अस्पताल पुलिस चौकी को भेजी गई थी। इस आधार पर थाना औद्योगिक क्षेत्र में सूचना प्राप्त होने पर मर्ग कायम करते हुए मामले की जांच प्रारंभ की गई। पुलिस द्वारा मर्ग कायम करने के बाद जांच के दौरान जिला चिकित्सालय में मृतिका मंजू कौशल के पोस्टमार्टम रूम में रखे शव का पंचायत नामा लिया गया व मृतिका की पुत्री निकिता वर्मा व अन्य साक्षीगण तरुण कौशल, किशोर कुमार कौशल, राजीव उर्फ पम्मी के कथन लिए गए। सभी ने कथनों में बताया कि आरोपी निखिलेश व मृतिका मंजू कौशल एक साथ एक ही घर में निवास करते थे और पारिवारिक तथ्यों के संबंध में उनके बीच झगड़ा होता रहता था।
निखिलेश की पत्नी के मायके चले जाने से निखिलेश सौतेली मां मंजू से झगड़ा करता रहता था और सभी साथियों ने निखिलेश द्वारा ही मां की हत्या करने की आशंका व्यक्त की थी।मृतिका मंजू कौशल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मेडिकल कॉलेज फोरेंसिक विभाग से प्राप्त करने पर रिपोर्ट में भी मृतिका मंजू का गला दबाने से श्वास रोध होना पाया गया। पुलिस जांच में भी आरोपी निखिलेश द्वारा ही उसकी सौतेली मां मंजू कौशल की पारिवारिक झगड़े में गला दबाकर हत्या करना पाए जाने पर अभियुक्त निखिलेश के विरुद्ध थाना औद्योगिक क्षेत्र में धारा 302 भारतीय दंड संहिता के तहत FIR दर्ज की गई। पुलिस द्वारा आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर अभियोगपत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।
न्यायालय में प्रकरण के विचारण के दौरान अभियोजन की और से 7 साक्ष्यों के कथन न्यायालय में कराए गए। साक्षियों ने न्यायालय में बताया कि निखिलेश की पत्नी पूजा का झगड़ा उसकी मां के साथ हुआ था इस कारण निखिलेश की पत्नी घर छोड़कर मायके चली गई थी उसके बाद वह वापस नहीं आई थी। साक्षियों ने यह भी बताया कि अंतिम संस्कार के समय भी मृतिका मंजू के गले में नाखून के निशान दिखाई दे रहें थे। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर एसएन हुसैन ने न्यायालय में बताया कि पोस्टमार्टम के दौरान मृतिका मंजू के गले पर बाहरी एवं आंतरिक चोटे थी। अपर लोक अभियोजक समरथ पाटीदार ने बताया कि घटना का कोई चश्मदिद साक्षी नहीं था, न्यायालय ने परिस्थितिजन्य साक्ष्य की कड़ी को आधार माना की “मृतिका मंजू व आरोपी निखिलेश एक ही मकान में एक साथ निवास करते थे। घटना के समय मकान में केवल दोनों ही थे मृतिका के गले में निशान थे। दम घुटने से मृत्यु हुई थी, मृतिका की अन्य किसी से रंजिश नहीं थी। घर में विवाद होता था, मृत्यु के संबंध में निखिलेश ने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया इससे यह दर्शित होता है कि आरोपी निखिलेश ही दोषी हैं!