High Court Angry with Collector : जमीन मामले में हाई कोर्ट में तलब कलेक्टर नहीं पहुंची, नाराज जज ने कार्रवाई की बात कही! 

हाई कोर्ट ने कहा 'कोई भी अधिकारी सीधे जज को चिट्ठी नहीं भेज सकता!

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High Court Angry with Collector : जमीन मामले में हाई कोर्ट में तलब कलेक्टर नहीं पहुंची, नाराज जज ने कार्रवाई की बात कही! 

Jabalpur : हाईकोर्ट ने नर्मदापुरम में जमीन के एक मामले की सुनवाई के दौरान कलेक्टर सोनिया मीणा को तलब किया था। लेकिन, कलेक्टर ने खुद पेश होने के बजाए एडीएम के हाथ सीधे हाईकोर्ट जज के नाम चिट्ठी भेज दी। इस पर हाईकोर्ट ने नाराजी व्यक्त करते हुए कहा कि कोई भी अधिकारी अपनी बात सरकारी वकील के जरिए ही कोर्ट में रख सकता है। इस तरह सीधे जज को चिट्ठी नहीं भेज सकता। कलेक्टर ने न आने का कारण एक मेले की व्यवस्था करना बताया।

कोर्ट ने नर्मदापुरम कलेक्टर के इस रवैये पर उनके खिलाफ कार्रवाई की बात भी कही। हाईकोर्ट के जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने कहा कि आखिर क्यों निर्देश के बावजूद कलेक्टर कोर्ट में हाजिर नहीं हुईं। हाईकोर्ट ने नर्मदापुरम कलेक्टर पर कार्रवाई को लेकर आदेश सुरक्षित रखा है। हाई कोर्ट मामले की सुनवाई के दौरान कड़ी फटकार लगाई। एडीएम डीके सिंह पर भी नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने कहा कि इनके लिए सब कुछ कलेक्टर साहब हो गए। कलेक्टर के नाम की चिट्ठी लेकर आते हैं और कोर्ट में लहराते हैं।

कलेक्टर ने न पहुंचने का कारण बताया

कलेक्टर सोनिया मीणा ने कहा कि नागद्वार की तैयारी के लिए जा रहे कर्मचारियों की जिप्सी दो दिन पहले खाई में गिर गई थी और धूपगढ़ मार्ग पर लैंड स्लाइड हुआ है। 1 अगस्त से मेला और नागद्वार यात्रा शुरू होगी। इसलिए मेले की व्यवस्था देखने के लिए पचमढ़ी मैं हूं। एडीएम और तहसीलदार को हमने हाईकोर्ट भेजा था। कोर्ट ने क्या कहा ये मैं एडीएम से बात करने के बाद ही बता पाऊंगी।

ये है जमीन का पूरा मामला

नर्मदापुरम के प्रदीप अग्रवाल और नितिन अग्रवाल का जमीन को लेकर विवाद है। विवाद नहीं सुलझा तो इसे लेकर प्रदीप अग्रवाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जिस पर हाईकोर्ट के जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने नामांतरण की प्रक्रिया नए सिरे से करने का आदेश दिया। आदेश के बाद भी जब जमीन नामांतरण केस नर्मदापुरम गया तो वहां नामांतरण कार्यवाही न कर सिवनी मालवा तहसीलदार ने दूसरे पक्ष नितिन अग्रवाल से बंटवारे का आवेदन रिकॉर्ड में लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी। जबकि, हाईकोर्ट का आदेश था कि इसमें नामांतरण करना है, न कि बंटवारा।

इसके खिलाफ पक्षकार प्रदीप अग्रवाल ने रिवीजन आवेदन अपर कलेक्टर को सौंपा और बताया कि तहसीलदार की यह कार्यवाही हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन है, जिसे सुधारा जाए। अपर कलेक्टर ने भी तहसीलदार की कार्यवाही को सही ठहराया और कहा कि हाईकोर्ट के निर्देश का पालन हो रहा है। याचिकाकर्ता के वकील सिद्धार्थ गुलाटी ने कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट का आदेश नामांतरण का था, जबकि तहसीलदार बंटवारा कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने सुनवाई की और शुक्रवार को नर्मदापुरम कलेक्टर को उपस्थित होकर जमीन के मामले को लेकर हुई कार्यवाही समझाने को कहा था, पर वे उपस्थित नहीं हुई।