शनिदेव का साल है, संभल कर चलने में ही भलाई है…

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अंग्रेजी नव वर्ष का पहला दिन शनिवार है। ऐसे में शनिदेव का यह साल किसी को भी कभी भी बेहाल कर सकता है। पहले दिन ही इसके संकेत खुलकर हवा में तैर रहे हैं। समझ सको तो समझ लो, वरना भुगतान करने के लिए तैयार रहो। अजब संयोग यह भी है कि हिंदू नववर्ष भी शनिवार से ही शुरु हो रहा है।
जिसमें शनिदेव ही राज करेंगे। ऐसे में न्याय तो होगा और गलती करने पर दंड का भागी भी बनना पड़ेगा। यदि लापरवाही की तो खामियाजा भी भुगतना पड़ेगा। भीड़भाड़ में शामिल हो रहे हैं तो भगदड़ का सामना करने के लिए भी तैयार रहना पड़ेगा। इसका परिणाम जनहानि भी हो सकता है। जैसा कि साल के पहले दिन ही वैष्णो देवी के दर्शन के लिए लगी भीड़ में भगदड़ होने से जनहानि की बुरी खबर ने हम सब का मन खट्टा कर दिया है।
भीड़ का हिस्सा बनने से कोरोना की तीसरी लहर भी महामारी का रूप ले सकती है, जैसा कि दूसरी लहर में त्रासदी को हम सब भुगत भी चुके हैं। चूंकि शनि न्याय के देवता हैं सो पहले महामारी फिर इलाज दवाई और फिर महामारी का उन्मूलन होगा। लेकिन यह भी उतना ही सच है कि यदि लापरवाही नहीं की, तब ही महामारी से बचा जा सकेगा। शनिदेव का न्याय कुछ इस तरह से होगा कि सरकार को पता नहीं चला और राज्य के कारोबारी पर सीबीआई का छापा भी पड़ गया।
पुलिस को कानोंकान खबर नहीं लगी और पड़ोसी राज्य की पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर रफूचक्कर हो गई। यह शनिदेव के न्याय की महज झलक हैं। यह घटनाएं हमारी आंखें खोलने के लिए काफी हैं। वरना 21 वीं सदी का बाइसवां साल शनिदेव का है और न्याय होगा तो दंड मिलना भी तय है। और शनिदेव की लाठी आवाज भी नहीं करती,पर मार तो करेगी। किसी को भनक भी नहीं लगेगी और तस्वीर बदली-बदली नजर आने लगेगी।
इस साल के राजा शनिदेव हैं, तो यह जरूरी है कि हम समझ लें कि शनिदेव को क्या पसंद है और उनकी नापसंदगी क्या है? शनिदेव हमारे जीवन में अच्छे कर्म का पुरस्कार और बुरे कर्म के दंड देने वाले हैं। कहते हैं कि जिसका शनि अच्छा होता है वह राजपद या राजसुख पाता है।
शनिदेव को क्या पसंद नहीं है, शनिवार को शनि के मंदिर जाने से पहले यह भी जानना जरूरी है। जुआ-सट्टा खेलना, शराब पीना, ब्याजखोरी करना, परस्त्री गमन करना, झूठ बोलना, निर्दोषों को सताना, किसी के पीठ पीछे उसके खिलाफ साजिश करना,भैंस, सांप, कुत्ते और कौवों को सताना शनिदेव को बिलकुल पसंद नहीं है। शनि मंदिर जाने से पहले इन कामों से तौबा कर लें, वरना अंजाम भुगतना पड़ सकता है।
प्रदेश में वर्तमान में एक्टिव कोरोना प्रकरणों की संख्या 497 है। दिनांक 01.01.2022 को 62 इंदौर, 27
भोपाल, 8 जबलपुर, 6 उज्जैन, 4 खरगौन, 3 होशंगाबाद, 3 शहडोल, 2 नरसिंहपुर एवं 2 रतलाम तथा बैतूल, छिंदवाडा, ग्वालियर, खण्डवा, राजगढ़, सागर, एवं विदिशा में एक-एक नवीन पॉजिटिव प्रकरण पाए गए हैं। जिनकी कुल संख्या 124 है तथा पाॅजीटिविटी दर 0.20 प्रतिशत है।
प्रदेश में ओमिक्रॉन के मरीज भी बढ़ रहे हैं। बाजारों में भीड़ इतनी ज्यादा है कि पॉजिटिविटी दर कभी भी 0.20 प्रतिशत से बढ़कर 200 फीसदी हो जाएगी और हमें भनक भी नहीं लगेगी। डरने की बात नहीं है, पर सावधानी जरूरी है। यही मान लें कि भीड़भाड़, बदचलनी, बदमाशी, बड़ों का अपमान, अय्याशी, शराबखोरी, सूदखोरी जैसे कृत्य शनिदेव को बर्दाश्त नहीं हैं। कोरोना से बचने के लिए पूरी सावधानी बरतिए। मास्क लगाएं, सोशल डिस्टेंसिंग रखें, हाथ सेनेटाइज करें और धोएं। नेकदिल इंसान बनकर यह साल गुजारिए और वर्ष 2022 को खुशियों का साल बनाइए। शनिदेव का साल है, संभल कर चलने में ही भलाई है…।