Retired IPS in New Role: DIG रहे धर्मेंद्र चौधरी नई भूमिका में, चर्चित केस में की पैरवी, हाईकोर्ट ने ट्रायल पर अंतरित रोक लगाकर दी राहत

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Retired IPS in New Role: DIG रहे धर्मेंद्र चौधरी नई भूमिका में, चर्चित केस में की पैरवी, हाईकोर्ट ने ट्रायल पर अंतरित रोक लगाकर दी राहत

इंदौर: रिटायर्ड DIG एवं IPS अफसर रहे धर्मेंद्र चौधरी पुलिस सर्विस से अलग होने के बाद भी लोगों को न्याय दिलाने के लिए नई भूमिका में आ चुके हैं।

राज्य पुलिस सेवा से IPS बनकर कई जिलों में पुलिस कप्तानी और DIG की जिम्मेदारी संभालने के बाद इन दिनों वे इंदौर में वकालत कर लोगों को अदालत से न्याय दिलाने का काम कर रहे हैं।

इंदौर के दो बच्चों और उनके माता-पिता के बीच मोबाइल चलाने और टीवी देखने से मना करने के चर्चित मामले में एडवोकेट धर्मेंद्र चौधरी ने माता-पिता को बड़ी राहत हाईकोर्ट से दिलाई है।

इस मामले में माता-पिता की ओर से अधिवक्ता धर्मेंद्र चौधरी ने हाईकोर्ट में पैरवी की। उन्होंने बताया कि हाई कोर्ट में दायर की गई याचिका में उल्लेख किया गया था कि 25 अक्टूबर 2021 को बच्चे थाने पहुंचे और पुलिस अफसरों को माता-पिता के द्वारा मोबाइल देखने, टीवी चलाने पर रोज-रोज डांटने की बात बताई।

पुलिस ने परिजन के खिलाफ जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया। यह पूरा वाक्या इंदौर के चंदन नगर थाना क्षेत्र का है। जहां पर पेरेंट्स ने अपनी 21 साल की बेटी और 8 साल के बेटे को मोबाइल फोन चलाने और टीवी देखने से रोका तो दोनों बच्चों ने थाने में जाकर अपने माता पिता के खिलाफ ही केस दर्ज करा दिया और अपनी बुआ के साथ रहने लगे। पुलिस ने इस मामले में बंधक बनाने, भद्दी टिप्पणी करने और महिला को व्यभिचार की धमकी देने की धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया। पुलिस ने यह केस वर्ष 2021 में दर्ज किया था। हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए फिलहाल पेरेंट्स को राहत दी है। हाईकोर्ट ने ट्रायल पर अंतरित रोक लगा दी है।

विदिशा सहित कई जिलों में कर चुके हैं कप्तानी

धर्मेंद्र चौधरी विदिशा सहित कई जिलों में पुलिस अधीक्षक रह चुके हैं। वे राज्य पुलिस सेवा से भर्ती हुए थे। कई शहरों में डीएसपी रहे, इसके बाद पदोन्नत होकर के कई जिलों में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रहे। इसके बाद उन्हें आईपीएस अवार्ड हुआ। वे विदिशा सहित कई जिलों में एसपी रहे। इसके बाद पदोन्नत होकर वे भोपाल के डीआईजी बने।