Beggary Free Indore : एक माह में इंदौर पूरी तरह भिक्षावृत्ति मुक्त शहर, प्रशासन और निगम की मुहिम!

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Beggary Free Indore : एक माह में इंदौर पूरी तरह भिक्षावृत्ति मुक्त शहर, प्रशासन और निगम की मुहिम!

कलेक्टर आशीष सिंह ने प्रशासन के अधिकारियों और निगम के झोनल अधिकारियों की बैठक ली!

Indore : शहर में भिक्षावृत्ति की रोकथाम के लिए कलेक्टर आशीष ‍सिंह की पहल पर लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के सकारात्मक परिणाम भी सामने आए। इस अभियान को और अधिक गति प्रदान कर अगले एक माह में इंदौर को पूरी तरह भिक्षावृत्ति मुक्त शहर बनाया जाने के प्रयास शुरू हो गए हैं। इसके लिए नगर निगम के अधिकारियों के साथ ही अन्य संबंधित अधिकारियों द्वारा मिशन मोड पर अभियान शुरू किया जाएगा।

साथ ही भिक्षा वृत्ति और बाल भिक्षावृत्ति की रोकथाम के बारे में भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम 2023 की धारा 163 के तहत जारी प्रतिबंधात्मक आदेश का भी कड़ाई से पालन कराया जाएगा। यह जानकारी कलेक्टर द्वारा ली गई बैठक में दी गई। बैठक में नगर निगम आयुक्‍त शिवम वर्मा, स्मार्ट सिटी के सीईओ दिव्यांक सिंह, नगर निगम के अपर आयुक्त सिद्धार्थ जैन, महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी रामनिवास बुधोलिया सहित नगर निगम के सभी झोनल अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी अधिकारी आदि मौजूद थे।

बैठक में कलेक्टर ने कहा कि इंदौर को भिक्षावृत्ति से मुक्त शहर बनाने के लिए चलाए जा रहे अभियान के सकारात्मक परिणाम दिखने लगे है। इस अभियान को और अधिक गति देकर प्रभावी बनाने की जरूरत है। शहर को अगले एक माह में पूर्ण भिक्षावृत्ति मुक्त शहर बनाया जाएगा। इसके लिए जरूरी है कि सभी अधिकारी मिशन मोड में काम करें। उन्होंने कहा कि भिक्षावृत्ति और बाल भिक्षावृत्ति की रोकथाम के संबंध में भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम के तहत जारी प्रतिबंधात्मक आदेश का भी कड़ाई से पालन कराया जाए। यह आदेश 14 सितम्बर 2024 तक प्रभावशील रहेगा।
साथ ही ऐसे भिक्षुक जो बार-बार समझाइश देने के बावजूद भी नहीं मान रहे, उनकी सूची तैयार की जाए। ऐसे भिक्षुकों को सेवा धाम उज्जैन अथवा उनके पैतृक स्थान भेजने की व्यवस्था की जाए। इसके लिए उन्होंने नगर निगम को एक नोडल अधिकारी बनाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए बनाए दलों के सदस्यों से कहा कि वे पूर्ण सक्रियता से कार्य करें। चौराहों और मंदिरों के बाहर सतत निगरानी रखें। वे नियमित रूप से लगातार भ्रमण करते रहें।

बताया गया कि भिक्षावृत्ति की रोकथाम के संबंध में भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम के तहत जारी आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। इसका उल्लंघन दंडनीय अपराध की श्रेणी में आएगा। जारी आदेश के अनुसार भिक्षुओं को भीख स्वरूप कुछ भी देना या नाबालिग बच्चों से किसी सामान को खरीदना इस आदेश से निषेध किया गया है। इसका उल्लंघन दंडनीय होगा। जो व्यक्ति भिक्षुओं या किसी नाबालिग बच्चे को भीख स्वरूप कोई चीज प्रदान करता है या देता है या नाबालिग बच्चे से कोई सामान खरीदता हैं तो उसके विरूद्ध भी इस आदेश के उल्लंघन पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी।