Liquor Ban in Village : MP के इस गांव में जो शराब पियेगा उसे जुर्माना देना होगा!

शराब के कारण जब गांव में कलह बढ़ने लगी तो पंचायत ने यह फैसला किया!

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Liquor Ban in Village : MP के इस गांव में जो शराब पियेगा उसे जुर्माना देना होगा!

Teekamgarh : बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले का अंतोरा गांव आज शराब मुक्त है। यहां का कोई पुरूष शराब नहीं पीता। गलती से कभीं कोई पी लेता है, तो उस पर जुर्माना किया जाता है। यह पैसा गांव के विकास पर खर्च होता है। शराब पर प्रतिबंध का फैसला पंचायत ने किया जो महिलाओं के घर छोड़कर मायके चले जाने की शिकायत से परेशान थी। शराबी पतियों से परेशान होकर कई महिलाएं अपने मायके जाने लगी थी।

यह गांव शराबखोरी, लड़ाई-झगड़े और पत्नियों के मायके चले जाने को लेकर पूरे बुंदेलखंड में विख्यात था। अंततः गांव की पंचायत ने गांव वालों की सहमति से शराब पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया। उस फैसले का असर यह हुआ कि अब यह गांव शराब मुक्त हो गया। जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर अंतोरा गांव यहां के बड़ा गांव ब्लॉक में आता है। गांव के लोग पिछले कई सालों से जमकर शराब बेचते और शराब पीते थे। यह एक परंपरा के तौर पर चल रहा था।

इस वजह से कई परिवार टूट गए थे और कई लोगों ने आत्महत्या भी कर ली। शराब के चलते रोज गांव में झगड़ा और विवाद होता रहता था। इस सबसे परेशान होकर गांव में पंचायत करने का फैसला लिया। इस पंचायत में सभी समाज के लोग शामिल हुए। सभी मिलकर यह फैसला लिया कि जो भी व्यक्ति गांव में शराब पिएगा या बेचेगा उस पर पंचायत जुर्माना लगाएगी।

इस जुर्माने से जो पैसा पंचायत को मिलेगा उससे गांव का विकास किया जाएगा। यह पंचायत करीब दो माह पूर्व गांव में बुलाई गई थी। इस फैसले के बाद गांव शराब मुक्त हो गया। पिछले 2 महीने से न तो कोई गांव में शराब पीता है और न शराब बेचता है। अब महिलाएं भी सुखी हैं और उनके चेहरे पर मुस्कान लौट आई है।

 

क्यों बुलाई गई पंचायत

अंतोरा गांव में शराब की लगातार घटनाएं बढ़ रही थीं। गांव की रहने वाली एक महिला ने बताया कि शराब की इतनी घटनाएं हो गई थी, कि कई परिवारों की पत्नियां अपने पति और बच्चों को छोड़कर अपने मायके में रहने लगी थीं। कई परिवार टूट गए थे। इस कारण गांव के लोग भी परेशान थे और परिवार में झगड़ा और महिलाओं के साथ मारपीट की घटनाएं लगातार बढ़ रही थी।

गांव के रहने वाली महिला ने बताया कि लगातार घटनाएं होने के कारण कई लोगों ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। जब गांव में लगातार अपराध बढ़ने लगा और पत्नियां मायके जाने लगीं तो सर्व समाज में पंचायत बुलाने का निर्णय लिया। गांव वालों ने भी इस बात की पुष्टि की, कि पिछले दो महीने पूर्व लिए गए पंचायत के फैसले के कारण अब गांव में शांति और अमन है।