Rakhi Celebrated in Jail : सेंट्रल जेल में बंद कैदियों को भी उनकी बहनों ने राखी बांधी!

जेल प्रशासन की पुख्ता व्यवस्था से करीब ढाई हजार कैदियों के चेहरों पर रौनक आई!

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Rakhi Celebrated in Jail : सेंट्रल जेल में बंद कैदियों को भी उनकी बहनों ने राखी बांधी!

Indore : रक्षाबंधन का त्यौहार आज कई तरह से मनाया गया। इंदौर के केंद्रीय जेल में भी आज सभी बंदियों की कलाइयों पर उनकी बहनें राखी बांधने पहुंची। हजारों की संख्या में जेल पहुंची बहनों ने बिना जाति, धर्म के हिंदू मुस्लिम युवतियां और महिलाएं अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधने जेल पहुंची। इसके लिए जेल प्रशासन ने विशेष व्यवस्था की थी। फिलहाल जेल में करीब ढाई हजार बंदी है, जिन्हें राखी बांधने के लिए 5 से 6000 महिलाएं जेल पहुंची।

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मिठाइयां, फल और राखी के साथ अपने भाइयों के लिए असीम प्रेम लिए ये बहनें सेंट्रल जेल पहुंची। बहनो ने जैसे ही अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी वैसे ही भावनाएं फूट पड़ी। भाई और बहन दोनों की आंखों से आंसू बहने लगे। ये दृश्य हैं इंदौर की केंद्रीय जेल के जहां प्रदेश सरकार के निर्देश पर जेल प्रशासन ने जेल में निरूद्ध बंदियों को रक्षाबंधन मनाने के लिए अच्छा प्रबंध किया।

सुबह 8 बजे से ही प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से महिलाएं अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए सेंट्रल जेल पहुंचने लगी थी। जिनके लिए जेल प्रशासन ने व्यवस्था की। पूजा की थाली, मिठाई व राखी जेल केंटीन से ही उपलब्ध कराई गई थी। जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने बताया कि इस आयोजन के लिए काफी पहले से जेल विभाग द्वारा तैयारी की जाती है।

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इस बार नई व्यवस्था की गई

जेल परिसर में राखी बांधने के लिए उन्हीं बहनों को प्रवेश दिया गया जिन्होंने आधार कार्ड और समग्र आईडी से अपना रजिस्ट्रेशन करवाया। जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने बताया कि राखी बांधने वाली महिलाओं का सुबह पंजीयन किया गया। इस बार पंजीयन में आधार कार्ड और समग्र आईडी नंबर का उल्लेख करना आवश्यक किया गया था। पहली बार इस त्यौहार पर इस नई योजना पर काम किया गया। दोनों जरूरी दस्तावेजों का मिलान करने के बाद महिलाओं को क्रमवार जेल के अंदर कैदी भाइयों को राखी बांधने बुलाया गया। जो महिलाएं मिठाई नहीं ला पायीं, उन्हें जेल की केंटिन से मिठाई भी उपलब्ध कराई गई।