पेट्रोल-डीजल,गैस के दाम घटे, किसानों से लगान बंद हो,परीक्षा से हो पंचायत प्रतिनिधियों का चयन

बजट को लेकर आमजन ने सरकार को दिए अनोखे सुझाव

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भोपाल-राज्य सरकार इस बार भी आमजन के सुझावों को बजट में शामिल कर रही है। इसके लिए 24 जनवरी तक सुझाव मांगे गए है। अब तक कई रोचक सुझाव आ चुके है। इसमें पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दाम घटाने, किसानों से लगान वसूली बंद करने से लेकर पंचायत के प्रतिनिधियों का चयन परीक्षा के जरिए कराने और सरकारी योजनाओं का लाभ आमजन तक नहीं पहुंचाने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को नौकरी से बाहर करने के सुझाव दिए गए है।

अब तक सैकड़ों की संख्या में सुझाव राज्य सरकार को माय गाव डॉट जीओवी पर मिल चुके है। साकेत सक्सेना का कहना है कि सरकार की जिन योजनाओं का लाभ निचले स्तर के अधिकारी-कर्मचारियों की वजह से पात्र लोगां को नहीं मिल पाता उनकी जांच कराई जाए । पात्रों को लाभ मिले और ऐसे अधिकारियों तथा कर्मचारियों को बाहर करे।

राम सोनी ने किसानों से लिए जाने वाले भू राजस्व को बंद करने की मांग की है। उनका कहना है कि लगान खत्म कर व्यपवर्तित भूमि से लगान बढ़ाया जाए इससे किसानों को फायदा होगा।सोनिया बजाज ने कार्यालयों का समय दस से साढ़े पांच करने की मांग की है ताकि कार्यालय की बिजली खर्च कम हो सके। उन्होंने पेट्रोल-डीजल, घरेलु गैस, बिजली के दाम कम करने और नीले राशन कार्ड के अलावा अन्य कार्डो पर भी राशन की मांग की है।

परीक्षा से चुने जाए पंचायत प्रतिनिधि-
अंकित पांडेय ने सुझाव दिया है कि ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत के चुनाव में प्रत्याशियों की चयन प्रक्रिया एक परीक्षा के जरिए हो जो उसे उत्तीर्ण करे उसे ही मौका मिले। इससे पढ़ा-लिखा प्रतिनिधि होगा और बजट आबंटन की राशि की पादर्शिता हो ये सभी काम जिला अधिकारी के सुपरविजन में हो । गांव के विकास से ही देश का विकास संभव है।

शहरों से पलायन रुके इसके लिए कस्बे के लिए बढ़े बजट-
प्रदीप गौतम ने कस्बे को स्मार्ट बनाने के लिए ज्यादा बजट मांगा है ताकि शहरों की ओर होंने वाला पलायन रुक सके। नीतेश सिंह लोधी का सुझाव है कि ग्रामीण युवाओं को रोजगार के लिए सबसिडी पर लोन दिया जाए और उचि मूल्य पर दूध की खरीदी हो, बायो गैस को सीएनजी गैस में परिवर्तित करने की योजना बने ताकि किसानों की डीजल पर निर्भरता कम हो जाए।

प्रतियोगी परीक्षाओं का शुल्क हो केवल पचास रुपए-
प्रियम गौतम ने सुझाव दिया है कि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए शुल्क पचास रुपए से ज्यादा नहीं रखा जाए। आर्थिक रुप से कमजोर परिवार के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं में कोचिंग के लिए बजट दिया जाए।सोशल कार्यो को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त बजट का प्रावधान किया जाए। प्रत्येक व्यक्ति का बीमा करने की योजना बनाई जाए। गुलशन श्रीवास्तव ने एमपीपीएससी एई और एमपीपीईबी सब इंजीनियर परीक्षा में हजारों वेकेंसी निकालने की मांग की है ताकि इंजीनियरों को रोजगार मिल सके।

बालकिशन ने अन्य राज्यों की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी दिव्यांगों को ज्यादा पेंशन देने की मांग की है।
अमन त्रिपाठी ने स्कूल स्तर पर ऐसा प्रशिक्षण देने का सुझाव दिया है जिससे बच्चो को को कम उम्र में ही प्रतिस्पर्धी शिक्षण का पर्यावरण मिल सके । अनिल मिश्रा ने सुझाव दिया है कि मध्यप्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए सभी अनुभवी अतिथि शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित करे और उनका पद स्थाई करें। ताकि एमपी में शिक्षको की कमी ना हो साथ ही वो मन लगाकर एमपी के नौनिहालों को अच्छी शिक्षा दे सके।

प्रतीक त्रिवेदी का सुझाव है कि सरकार को नवीन पैकेज के तहत एमएसएमई को कुछ राशि देना चाहिए ताकि ये लाकडाउन से प्रभावित न हो।

अतुल तिवारी ने किसानों के ट्रांसफार्मर रखवाने के लिए अनुदान योजना को पुन: प्रारंभ करनें की मांग की है ताकि किसानों की आमदनी बढ़ाने की पीएम की घोषणा पूरी हो सके।

विनीत ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार का आग्रह किया है। अंकित पांडेय ने अतिथि शिक्षकों का वेतनमान अठारह हजार रुपए करने की मांग की है। उन्होंने सौ प्राइवेट फैक्ट्री शुरु करने को कहा है ताकि बेरोजगारी दूर हो।