मृतक के तबादले के बाद जागी सरकार,आयुक्त का फरमान- कर्मचारी की मौत के 3 दिन में देनी होगी जानकारी

1056

मृतक के तबादले के बाद जागी सरकार,आयुक्त का फरमान- कर्मचारी की मौत के 3 दिन में देनी होगी जानकारी

 

भोपाल:सरकारी विभागों में कितना सुस्त गति से काम होता है और मैदानी स्तर के अफसरों और राज्य स्तर के अफसरों के बीच कैसा तालमेल इसका उदाहरण आप इससे लगा सकते है कि छतरपुर जिले के नगर परिषद हरपालपुर में पदस्थ सहायक राजस्व निरीक्षक सुनील तिवारी की मौत के बाद विभाग के आला अफसरों ने उसका तबादला आदेश जारी कर दिया।

पूरे मामले को यह जानकारी सामने आई कि इस पूरे मामले में मैदानी अफसरों और राज्य के अफसरों के बीच तालमेल और समन्वय का अभाव है। हरपालपुर नगरपरिषद में पदस्थ सहायक राजस्व निरीक्षक सुनील कुमार तिवारी का प्रशासनिक आधार पर नगर परिषद लिधौराखास जिला टीकमगढ़ तबादला करने का प्रस्ताव मार्च में तैयार किया गया था। तबादले की यह फाइल विभाग के मंत्री तक पहुंची और तबादले का अनुमोदन होंने के बाद वापस विभाग के पास वापस पहुंची लेकिन इसमें छह महीने लग गए। इस बीच सात मई को सुनील तिवारी की हृदयाघात से मृत्यु हो गई। नगरीय प्रशासन विभाग ने 27 सितंबर 2024 को निकायों के अधिकारियों के तबादले आदेश जारी किए तो इसमें दिवंगत सुनील तिवारी को भी हरपालपुर से लिधौराखास नगर परिषद में स्थानांतरित करने का आदेश जारी कर दिया गया। जब मृतक का तबादला हो गया तो निकाय ने इसकी जानकारी शासन स्तर पर दी तब यह तबादला निरस्त किया।

दिवंगत अधिकारी का तबादला किए जाने के बाद जब सरकार की किरकिरी हुई तो अब मुख्यमंत्री के सचिव और नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त भरत यादव ने सभी नगर निगम आयुक्त, सभी संभागीय संयुक्त संचालक और नगरपालिका परिष द तथा नगर परिषद के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को नाराजगी भरा एक एक फरमान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि निगम, कार्यालय, निकाय में पदस्थ नियमित सेवा के अधिकारी और कर्मचारी के निधन होंने के बाद उससे संबंधित सूचना, जानकारी निगम, कार्यालय, निकाय द्वारा संचालनालय को उपलब्ध नहीं कराई जाती है। इसके कारण त्रुटिपूर्ण तबादले आदेश जारी हो जाते है जिससे शासन और संचालनालय के छवि धूमिल होती है।

यादव ने सभी को कहा है कि अब यदि निगम, कार्यालय, निकाय में पदस्थ नियमित सेवा के अधिकारी और कर्मचारी की मृत्यु होती है तो मौत के तीन दिन के भीतर उसकी जानकारी अनिवार्य रुप से राज्य शासन और संचालनालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। जानकारी समय पर नहीं मिलने पर अब कार्यालय प्रमुख स्वयं इसके उत्तरदायी होंगे। इस निर्देश का कड़ाई से पालन कराने को कहा गया है।