जैविक कृषि कर मोटे अनाजों का करें उत्पादन बोले विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर

हम प्राकृतिक खेती की और लौटें, मिलेट्स को अपनाएं, जिला स्तरीय मिलेट्स मेला एवं किसान संवाद प्रसंग में बोले श्री तोमर*

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जैविक कृषि कर मोटे अनाजों का करें उत्पादन बोले विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर

संभागीय ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की रिपोर्ट* ..

.नर्मदापुरम/इटारसी। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है पर आज लोग कृषि के क्षेत्र को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में आजीविका कमाने में रुचि रखते हैं, लेकिन धीरे-धीरे यह ट्रेंड बदल रहा है। आज आईटी एक्सपर्ट युवा भी कृषि की ओर रुझान रख रहे हैं और उन्नत कृषि कर रहे हैं। उक्त बात मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने जिला स्तरीय मिलेट्स मेला एवं किसान संवाद कार्यक्रम में कहीं। नर्मदापुरम और इटारसी की सीमाओं के मिलन बिंदु पर एक रिसोर्ट में आयोजित इस कार्यक्रम में सांसद दर्शन सिंह चौधरी, राज्यसभा सांसद श्रीमती माया नारोलिया, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और नर्मदापुरम विधायक डॉक्टर सीतासरन शर्मा, सिवनी मालवा विधायक प्रेम शंकर वर्मा, नगर पालिका नर्मदापुरम अध्‍यक्ष श्रीमती नीतू यादव, भाजपा जिला अध्यक्ष माधवदास अग्रवाल, मध्यप्रदेश तैराकी संघ अध्यक्ष पीयूष शर्मा, कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना, उप संचालक कृषि जे.आर. हेडऊ,सहित अन्य जनप्रतिनिधि गण, उपस्थित थे। साथ ही बड़ी संख्या में किसान, कृषि विभाग के अधिकारी गण भी उपस्थित रहे। जिला मिलेट्स मेला एवं किसान संवाद कार्यक्रम में उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान का पसीना और मेहनत अतुलनीय है। जितना पसीना किसान खेतों में बहाता है, उतना कोई नहीं बहाता। इस तरह वह देश की आवश्यकता को पूरा कर रहा है। श्री तोमर ने कहा कि जिस प्रकार सेना का जवान अपने कर्तव्य पालन के लिए अभिनंदनीय है इसी तरह हमारे देश का किसान भी अपने कर्तव्य पालन के लिए अभिनंदनीय हैं। श्री तोमर ने कहा कि आज आवश्यकता है कि हम सब जैविक एवं प्राकृतिक खेती की ओर लौटे। मिलेट्स अर्थात मोटे अनाज जिसे श्री अन्न कहा जाता है उसकी खेती करें। श्री तोमर ने कहा कि 20 वर्ष में देश में एवं मध्य प्रदेश में किसानों ने जो पुरुषार्थ किया उससे कृषि आमदनी बढ़ी है,कृषि की ग्रोथ बढ़ी है। मध्य प्रदेश के किसानों ने आज पंजाब एवं हरियाणा से ज्यादा गेहूं का उत्पादन कर मध्यप्रदेश का नाम देश में रोशन किया है। अब लोग कहते हैं कि खेती देखनी हो तो मध्य प्रदेश जाकर देखो।

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श्री तोमर ने कहा कि पूर्व की तुलना में वर्तमान में शासन की जो किसान कल्याणकारी योजनाएं संचालित हैं उनसे खेती में आसानी हो रही है। मध्यप्रदेश में आज 46 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की सुविधा किसानों को सीधे प्राप्त हो रही है। आने वाले समय में इसे बढ़ाकर 65 लाख हेक्टेयर में कर दिया जाएगा। इससे कृषि की ग्रोथ बढ़ेगी। वर्तमान में 29 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। शासन द्वारा सिंचाई एवं बिजली के क्षेत्र में दी गई सहूलियत से आज कृषि आमदनी में बढ़ोतरी देखी जा रही है, साथ ही कृषि वैज्ञानिक नए-नए अनुसंधान कर रहे हैं इससे भी खेती को अतुलनीय लाभ मिल रहा है। श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्वामीनाथन आयोग की 201 सिफारिश में से 200 सिफारिश को मानकर इसे खेती में अपनाया है। प्रधानमंत्री ने फसल बीमा योजना शुरू की, साथ ही किसान सम्मान निधि योजना भी शुरू की जिससे आज किसानों को प्रतिवर्ष ₹12 हजार रुपए की राशि की सम्मान निधि प्राप्त हो रही है। श्री तोमर ने कृषि विभाग के अधिकारियों, कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों एवं जनप्रतिनिधियों से कहा कि वह दूरस्थ किसानों तक भी पहुंचे और उन्हें कृषि की उन्नत तकनीक से प्रशिक्षित करें। इसके पूर्व श्री तोमर ने कार्यक्रम स्थल पर आयोजित एक मिलेट्स प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

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सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने कहा कि भारत पहले सोने की चिड़िया कहलाता था क्योंकि हमारे भारत देश का किसान आत्मनिर्भर था। आज की युवा पीढ़ी कृषि की ओर आकर्षित हो रही है। आईआईटी के बच्चे भी कृषि में रुचि ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि मंत्री रहते हुए मिलेट्स अर्थात मोटे अनाज को बढ़ावा दिया था। श्री चौधरी ने कहा कि किसान भाई प्राकृतिक खेती शुरू करें। गौ माता को घर में ही रखकर उसकी देखभाल करें। श्री चौधरी ने कहा कि खेती में खतरनाक रसायनों का एवं डीएपी का उपयोग पूर्णतया बंद कर दें। यह कैंसर का कारक है।

राज्यसभा सांसद श्रीमती श्रीमती माया नारोलिया ने कहा कि पहले की खेती और अब की खेती में जमीन आसमान का अंतर है। वर्तमान में मध्य प्रदेश शासन ने किसानों को खेती में बहुत ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध कराई है। मोटे अनाज अर्थात श्री अन्न की अधिक से अधिक खेती करने एवं इसे अपने खान-पान में शामिल करने के लिए एक कार्यशाला भी आयोजित की गई थी। और इस तरह मिलेट्स के उत्पादन को बढ़ावा देने की अन्य गतिविधियां भी हुईं।

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नर्मदापुरम विधायक सीताशरण शर्मा ने कहा कि नर्मदापुरम जिला कृषि प्रधान जिला है। यहां तवा नदी से सिंचाई होती है। जिले के किसान वर्ष में तीन फसल लेते हैं। मध्य प्रदेश के किसानों के कारण ही आज मध्य प्रदेश के किसानों ने गेहूं के उत्पादन में पंजाब को भी पीछे छोड़ दिया है। अब समय आ गया है कि किसान मिलेट्स अर्थात मोटे अनाज की ओर जाएं और उसकी खेती करें।

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कलेक्टर सोनिया मीना ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था में कृषि का बहुत अधिक योगदान है। नर्मदापुरम जिला भी कृषि प्रधान जिला है और कृषि के क्षेत्र में अपनी एक अलग ही पहचान रखता है। देश के सर्वश्रेष्ठ राज्यों में मध्य प्रदेश की गिनती होती है और इसका श्रेय यहां के किसानों एवं कृषि को जाता है। कलेक्टर ने कहा कि ग्रीष्मकालीन मूंग के लिए नर्मदापुरम जिला एक विशेष पहचान रखता है। उन्होंने कहा कि शासन एवं प्रशासन द्वारा मिलेट्स की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।

कार्यक्रम को संजय मिश्रा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष एवं अन्य जनप्रतिनिधियों को किसानों की तरफ से एक घोषणा पत्र सौंपा गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दूर-दूर से आए किसान उपस्थित थे।