बुधनी में उम्मीदवारों के नामों पर कांग्रेस और बीजेपी में चल रहा मंथन! बुधनी-विजयपुर सीट पर 13 नवंबर को वोटिंग, 23 को नतीजे

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बुधनी में उम्मीदवारों के नामों पर कांग्रेस और बीजेपी में चल रहा मंथन! बुधनी-विजयपुर सीट पर 13 नवंबर को वोटिंग, 23 को नतीजे

 

भोपाल:मध्य प्रदेश की बुधनी और विजयपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को वोटिंग होगी। नतीजे 23 नवंबर को घोषित होंगे। दोनों सीटों के लिए नामांकन 18 से 25 अक्टूबर तक किए जा सकेंगे। स्क्रूटनी 28 अक्टूबर को होगी। वहीं, 30 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। विजयपुर सीट से वन मंत्री रामनिवास रावत का नाम भाजपा उम्मीदवार के तौर पर तय है। वहीं, बुधनी के लिए प्रदेश चुनाव समिति ने पांच नामों का पैनल दिल्ली भेजा है। माना जा रहा है कि पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव और वन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष गुरु प्रसाद शर्मा में से किसी एक को टिकट मिल सकता है। दोनों ही केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी हैं। इसकी घोषणा भी दिल्ली से होगी। इधर कांग्रेस रायशुमारी के बाद पैनल तैयार कर एआईसीसी को भेजेगी।

सूत्रों के मुताबिक बुदनी से पैनल में केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेठे बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान का नाम भी है।कार्तिकेय के साथ संगठन की तरफ से बुधनी भाजपा मंडल अध्यक्ष आशा राम यादव का नाम भी शामिल किया गया है। कांग्रेस की बात करें तो दोनों सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर मंथन चल रहा है। बुधनी में कांग्रेस की तरफ से पांच दावेदार हैं, लेकिन पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष महेश राजपूत के नाम पर मुहर लग सकती है।

बुधनी से भाजपा के ये है दावेदार

रमाकांत भार्गव, पूर्व सांसद विदिशा बुधनी सीट से भाजपा के प्रबल दावेदार है। ये शिवराज सिंह चौहान के करीबी और मार्कफेड के अध्यक्ष रह हैे। बुधनी में शिवराज सिंह चौहान के 6 चुनाव के संचालक की भूमिका में रहे। पार्टी इनाम के तौर पर उन्हें प्रत्याशी बना सकती है। वे शिवराज की पसंद भी माने जाते हैं।

दूसरे दावेदार गुरुप्रसाद शर्मा, पूर्व अध्यक्ष, वन विकास निगम है। इन्हें राजनीति का लंबा अनुभव। सर्वमान्य नेता, तीन बार के वन विकास निगम अध्यक्ष। जनता के बीच गहरी पैठ,अपने लिए कभी पार्टी से कुछ नहीं मांगा।

शिवराज के खास लोगों में शामिल हैं। इनके नाम पर संगठन की सहमति है।

तीसरे दावेदार कार्तिकेय सिंह चौहान, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के बेटे है पिछले दो विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में लगातार सक्रिय। खेल प्रतियोगिताओं के माध्यम से युवाओं के बीच लोकप्रिय।केंद्रीय नेतृत्व युवा चेहरा मैदान में उतारने का फैसला लेता है तो कार्तिकेय का दावा मजबूत रह सकता है। चौथे दावेदार राजेंद्र सिंह राजपूत, पूर्व अध्यक्ष, वेयर हाउसिंग कॉपोर्रेशन है। 2003 के विधानसभा चुनाव में बुधनी से जीते। शिवराज के मुख्यमंत्री बनने के बाद साल 2005 में सीट खाली की। जनता से सीधा संपर्क, समाज के सभी वर्ग में गहरी पैठ।संगठन के दावेदार के पैनल में नाम शामिल। पिछले 20 साल से क्षेत्र में सक्रिय है इसलिए उनका दावा भी है चौथे दावेदार रघुनाथ सिंह भाटी, पूर्व जिला अध्यक्ष, सीहोर है। वे शिवराज सिंह चौहान के विश्वासपात्र। मजबूत संगठन क्षमता, प्रदेश संगठन में प्रदेश मंत्री रहे। बुधनी विधानसभा क्षेत्र में जाना-पहचाना चेहरा।उनका बुधनी में मालवीय वर्ग बड़ा वोट बैंक हैं। पूर्व सीएम शिवराज के खास लोगों में गिने जाते हैं।

कांग्रेस देगी स्थानीय को मौका-कांग्रेस ने बुधवार को विजयपुर औ वीरपुर में रायशुमारी की चार-चार नामों का पैनल बनाकर एआईसीसी को भेजा जाएगा।

शिवराज सिंह चौहान के प्रभाव वाली बुधनी में कांग्रेस के पास फिलहाल कोई मजबूत चेहरा नहीं हैं। ऐसे में कांग्रेस यहां दमदार और असरदार उम्मीदवार खोज रही है।

विजयपुर उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने बनाई समिति

कांग्रेस ने विजयपुर सीट के लिए अकउउ के सचिव और मध्य प्रदेश सह प्रभारी चंदन यादव, राज्यसभा सांसद अशोक सिंह, पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह, पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव की समिति बनाई है। कांग्रेस नेताओं की समिति स्थानीय जिला अध्यक्ष, ब्लाक अध्यक्ष, मंडल, सेक्टर, बूथ के कार्यकतार्ओं और नेताओं के साथ बैठक कर मजबूत प्रत्याशी के नामों को लेकर चर्चा कर रही है। बुधनी में उप चुनाव के लिए कांग्रेस ने पूर्व मंत्री अरुण यादव को संयोजक बनाया है। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल को इस समिति में सदस्य बनाया है। बुधनी विधानसभा में कांग्रेस के सामने एक मजबूत टिकाऊ चेहरा खोजना सबसे बड़ी चुनौती है।

भाजपा में करण सिंह वर्मा और रामपाल को बुधनी का प्रभार

भाजपा संगठन ने राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा को बुधनी विधानसभा सीट का प्रभारी और पूर्व मंत्री रामपाल सिंह को सह प्रभारी बनाया गया है। ये नेता दोनों क्षेत्र में प्रवास कर रहे हैं। इस सीट पर भाजपा का फोकस बूथ स्तर पर वोट प्रतिशत बढ़ाने पर हैं।