US Presidential Election: भारतीय मूल के अमेरिकियों का दबदबा,पहले से भी ज्‍यादा कुल 6 भारतीय कैंडिडेट जीतकर सिनेट में जाएंगे,थानेदार भी सिनेट में रखेंगे कदम!

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US Presidential Election: भारतीय मूल के अमेरिकियों का दबदबा,पहले से भी ज्‍यादा कुल 6 भारतीय कैंडिडेट जीतकर सिनेट में जाएंगे,थानेदार भी सिनेट में रखेंगे कदम!

 

Newyork: US Presidential Election: भारतीय मूल की कमला हैरिस भले ही अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव हार गई हो लेकिन इस चुनाव में भारतीय मूल के अमेरिकियों का दबदबा कायम रहा है। दरअसल,पहले से भी ज्‍यादा कुल 6 भारतीय कैंडिडेट जीतकर सिनेट में जाएंगे।

भारतीय मूल के अमेरिकियों का दबदबा चुनाव नतीजों में साफ नजर आता है. इस बार पहले से भी ज्‍यादा कुल 6 भारतीय कैंडिडेट जीतकर सिनेट में जाएंगे. खास बात यह है कि भारतीय मूल के शख्‍स श्री थानेदार भी सिनेट में कदम रखने वाले हैं. मिशिगन से थानेदार नाम के भारतीय ने इन चुनावों में बंपर जीत दर्ज की. पेशे से बिजनेसमैन थानेदार ने कमला हैरिस की डेमोक्रैट्स पार्टी से परचम बुलंद किया है. मूल रूप से कर्नाटक के बेलगाम के रहने वाले थानेदार पीएचडी की पढ़ाई करने अमेरिका गए थे और वहीं बस गए.

हैरान करने वाली बात यह है कि अमेरिका राष्‍ट्रपति चुनाव में जीतने वले सभी भारतीय-अमेरिकी सदस्य डेमोक्रेट पाटी से हैं. उनके अलावा कैलिफोर्निया से अमी बेरा और रो खन्ना, इलिनोइस से राजा कृष्णमूर्ति और वाशिंगटन की प्रमिला जयपाल ने इन चुनावों में जीत दर्ज की. इसके अलावा वर्जीनिया से हास सुब्रमण्यम ने भी जीत दर्ज की. कृष्णमूर्ति पिछली कांग्रेस (अमेरिकी संसद) में चीन के साथ रिपब्लिकन सदस्यों की चयन समिति के रैंकिंग सदस्य थे. बेरा सदनों की विदेशी मामलों की समिति की इंडो-पैसिफिक उप समिति के सदस्य रह चुके हैं. वे हाल ही में स्टूडियो डिविजनल कॉकस के सह-अध्यक्ष भी हैं.

 *थानेदार का अहम योगदान*

बताया जाता है कि थानेदार ने अमेरिकी कांग्रेस में हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन कॉकस की स्थापना की है. और वो कोचिंग स्कूल पर एक सक्रिय आवाज है. वो जयपाल लॉर्ड्स के प्रगतिशील कॉकस के अध्यक्ष भी हैं. यह डेमोक्रेटिक पार्टी गठबंधन के भीतर सबसे कमजोर ब्लॉकों में से एक हैं. उधर, कानूनी और तकनीकी बैकग्राउंड से आने वाले सुब्रमण्यम ओबामा प्रशासन में तकनीकी नीति सलाहकार के रूप में काम कर चुके हैं.