Lokayukt Trap : प्रधान आरक्षक ने FIR दर्ज नहीं करने की 4500 रू रिश्वत मांगी, लोकायुक्त ने रंगे हाथ पकड़ा!

जानिए, प्रधान आरक्षक ने किसके कहने पर ये रिश्वत ली!

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Lokayukt Trap : प्रधान आरक्षक ने FIR दर्ज नहीं करने की 4500 रू रिश्वत मांगी, लोकायुक्त ने रंगे हाथ पकड़ा!

Nagda (Ujjain) : शनिवार को उज्जैन की लोकायुक्त टीम ने प्रधान आरक्षक को साढ़े 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। प्रधान आरक्षक फरियादी से एफआईआर दर्ज नहीं करने को लेकर रिश्वत की मांग कर रहा था।

डीएसपी सुनील तालान ने बताया कि बिरला ग्राम नागदा निवासी बृजेश विश्वकर्मा और एक अन्य के बीच रुपए के लेन-देन को लेकर विवाद हुआ। जिसे लेकर बिरलाग्राम में पदस्थ प्रधान आरक्षक योगेन्द्र सेंगर ने मामले में एफआईआर दर्ज नहीं करने के एवज में 4500 रुपये रिश्वत मांगी गई थी। प्रधान आरक्षक योगेन्द्र सेंगर ने बताया था कि शिकायत पर कार्रवाई न करने के एवज में उपनिरीक्षक आनंद सोनी को 4500 की रिश्वत देनी है।

लोकायुक्त की टीम ने प्रधान आरक्षक योगेंद्र सेंगर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़कर उसके खिलाफ धारा 7, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के अधीन प्रकरण दर्ज क़र विवेचना में लिया है। कार्रवाई के दौरान विशाल रेशमिया, इसरार, श्याम शर्मा, संदीप कदम सहित 10 सदस्यों की टीम ने कार्रवाई की। पूरे मामले में उप निरीक्षक आनंद सोनी का नाम भी सामने आया था। इसलिए उनके खिलाफ भी जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

उनके निर्देशन में हुई कार्रवाई

महानिदेशक लोकायुक्त जयदीप प्रसाद के निर्देशन मे अनिल विश्वकर्मा पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त के आदेश के अनुसार डीएसपी राजेश पाठक एवं सुनील तालान उप पुलिस अधीक्षक की लोकायुक्त की टीम ने बृजेश विश्वकर्मा पिता तिलकधारी विश्वकर्मा निवासी सी-2 67 बिरला ग्राम नागदा जिला उज्जैन से योगेन्द सेंगर प्रधान आरक्षक थाना बिरलाग्राम नागदा द्वारा प्राप्त शिकायत पर कार्रवाई न करने के एवज में उप निरिक्षक आनंद सोनी के नाम पर 4500 की रिश्वत की मांग की गई थी।