मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मंत्रीगण जिलों में स्वास्थ्य अधो-संरचना पर नजर रखें। अस्पतालों में आवश्यक व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहें। टीकाकरण कार्य संतोषजनक है, लेकिन इसे शत-प्रतिशत करना है। कोई भी व्यक्ति वैक्सीन डोज से न छूटे।
कोविड की तीसरी लहर में संक्रमण की स्थिति पर निगाह रखते हुए आर्थिक गतिविधियाँ पूरी सावधानियों के साथ संचालित की जाएँ। गरीब वर्ग के काम-धंधे प्रभावित न हों, सभी व्यक्ति मास्क और परस्पर दूरी की सावधानियों को अपनाएँ।
मंत्रीगण नेतृत्वकारी भूमिका निर्वहन कर कोविड नियंत्रण में पहले की दोनों लहरों के समान जन-सहयोग प्राप्त करने का कार्य करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक के पहले मंत्रियों को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मंत्रीगण कोरोना से बचाव, उपचार और प्रबंधन के कार्यों एवं अधो-संरचनात्मक व्यवस्थाओं का निरंतर जायजा लेते रहे। होम आइसोलेशन व्यवस्था पर भी मंत्री एवं अन्य जन-प्रतिनिधि नजर रखें। यह सुनिश्चित करें कि चिकित्सकों द्वारा प्रतिदिन संक्रमित रोगियों के स्वास्थ्य की जानकारी दूरभाष पर ली जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश बड़े राज्यों की श्रेणी में कोविड नियंत्रण में सफल राज्यों में शामिल है। अन्य प्रांतों में जहाँ पॉजिटिविटी 10 से ऊपर है, देश में यह 14.75 है वहीं मध्यप्रदेश में मात्र 7 प्रतिशत है।
प्रदेश में वैक्सीन के प्रथम डोज का 97 और द्वितीय डोज का 90.6 प्रतिशत है। इसके बावजूद हमें असावधान नहीं होना है, जो नागरिक संक्रमण से प्रभावित हैं उनकी पूरी देख-रेख और उपचार का कार्य मिलकर करना है। उनका मनोबल भी बढ़ाना है।
मध्यप्रदेश के कोविड नियंत्रण के जन-भागीदारी के मॉडल का वर्तमान स्थितियों में भी उपयोग करते हुए आमजन को समस्या से बाहर निकालकर लाने का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य में सभी के सहयोग से सफलता मिलेगी।
स्वास्थ्य विभाग का प्रेजेंटेशन
अपर मुख्य सचिव श्री मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि राज्य में सिर्फ 2.2 पॉजिटिव प्रकरणों में रोगी अस्पतालों में भर्ती हैं। शेष होम आइसोलेशन का लाभ ले रहे हैं। कोविड केयर सेंटर और घरों में संक्रमित नागरिकों को चिकित्सकों का मार्गदर्शन मिल रहा है। होम आइसोलेशन में रह रहे नागरिकों से नियमित संवाद भी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान के संबोधन के प्रमुख बिन्दु
मुख्यमंत्री श्री चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक आज मंत्रालय सभाकक्ष में राष्ट्र गीत वंदे-मातरम के सामूहिक गायन के साथ शुरू हुई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विभिन्न बिन्दुओं पर निर्देश दिए और मंत्रीगण से अपेक्षा व्यक्त की।
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विभागीय समीक्षा बैठकों के बाद प्राथमिकताओं को विभाग के रोड मैप में लेकर कार्य हो।
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बजट में भी प्राथमिकता बिंदुओं का ध्यान रखें। योजनाओं का क्रियान्वयन गंभीरता से हो।
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मंत्री नियमित रूप से योजनाओं की समीक्षा करें।
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वाराणसी कॉनक्लेव के मुद्दों पर विभाग स्तर पर कार्य हो। विभाग से संबंधित मुद्दों को प्राथमिकताओं में शामिल किया जाए।
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आवश्यक हो तो फ्लेगशिप योजनाओं की री-पैकेजिंग की जाए। सुधार और बेहतर क्रियान्वयन के प्रयास जारी रहें।
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संत रविदास जयंती पर आगामी माह कार्यक्रम होंगे। इसकी अभी से तैयारी प्रारंभ करें।
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बजट की तैयारी में आमजन के सुझाव भी लिए जाएँ।
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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि कल रात्रि उन्होंने रेन बसेरों में जाकर वहाँ रात गुजारने वाले नागरिकों से भेंट की है। मंत्रीगण भी जिलों में रैनबसेरा जैसे स्थान देखें। नागरिकों को शीत के प्रकोप से बचाने की व्यवस्थाएँ भी देखें। इस कार्य में सामाजिक संस्थाओं का सहयोग भी प्राप्त करें। निर्धन तबके और निराश्रित व्यक्तियों की सहायता का कार्य हो।