उज्जैन से अजेंद्र त्रिवेदी की रिपोर्ट
उज्जैन: कोरोना संक्रमण में विगत 2 वर्षों से निगम के ठेकेदारों की आर्थिक स्थिति बद से बदतर हो गई है। ठेकेदारों ने कई बार अधिकारियों से चर्चा कर भुगतान की बात कही पर अभी तक उनका भुगतान नहीं हुआ। हालत यह है कि वर्तमान में ठेकेदारों के 70 से 80 करोड़ रु बकाया है।
इसी को देखते हुए नगर निगम बिल्डर एसोसिएशन उज्जैन ने हड़ताल कर, काम लेना बंद कर दिए ।वर्तमान स्थिति में स्वच्छ भारत मिशन ,झोन,वार्ड ,निगम अध्यक्ष ,महापौर आदि मद के कार्य के टेंडर खाली जा रहे हैं।
भुगतान न होने के कारण ठेकेदार नए टेंडर नहीं ले रहे है। सिर्फ स्मार्ट सिटी व महाकाल क्षेत्र के बड़े कार्य ही प्रगति में है।
बिल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष निलेश अग्रवाल का कहना है की हम कई बार आयुक्त व अन्य अधिकारियों यहां तक कि सीएम को भी ज्ञापन दे चुके हैं पर ठेकेदारों का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। ठेकेदारों ने काम लेना बंद कर दिए हैं। इस कारण से निगम के महत्वपूर्ण कार्य भी रुके हुए हैं।
देखा जाए तो स्थानीय ठेकेदार नगर निगम की रीड की हड्डी हैं जो शहर के छोटे-छोटे गली मोहल्लों में जा जा कर कार्य करते हैं। मूलभूत सुविधा के कार्य छोटे ठेकेदारों द्वारा ही किए जाते हैं ,जो कि निरंतर चलते रहते हैं ।वर्तमान समय काफी तंगी का होने से ठेकेदार ने निगम से मुंह मोड़ लिया है। वह अपने पुराने भुगतान करने की गुहार में लगे हुए हैं।