शराब ठेके आवंटन में असहयोग, लापरवाही पर नपे भिंड और जबलपुर के आबकारी अफसर

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शराब ठेके आवंटन में असहयोग, लापरवाही पर नपे भिंड और जबलपुर के आबकारी अफसर

भोपाल: एक ओर आबकारी महकमा शराब दुकानों के नवीनीकरण, नीलामी और लाटरी की प्रक्रिया से जूझ रहा है और बंद दुकानों के राजस्व की भरपाई करने का प्रयास कर रहा है, वहीं विभाग के ही दो अफसर शराब दुकानों के समूहो के ठेके आवंटन में सरकार की नीतियों से परे जाकर ठेका निष्पादन में असहयोग कर रहे है। इसके चलते वाणिज्य कर विभाग और आबकारी आयुक्त ने भिंड के आबकारी उप निरीक्षक रविशंकर तिवारी और जबलपुर के सहायक आबकारी आयुक्त रविन्द्र मानिकपुरी को निलंबित कर दिया है। सबसे खास बात यह है कि ये अफसर सरकार की नई शराब नीति के निष्पादन में अपने ही विभाग को सहयोग नहीं कर रहे थे।

सबसे रोचक बात यह है कि जिन अफसरों के कंधों पर शराब दुकानों के ठेके निष्पादन की जिम्मेदारी है वहीं गुपचुप रुप से विभाग की नीतियों को पलीता लगाने में लगे हुए थे। शराब दुकानों के ठेके ज्यादा कीमत पर जाए इसके बजाय वे इस तरह के काम कर रहे थे कि दुकानों के ठेके न हो पाए।

आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल ने भिंड के आबकारी उपनिरीक्षक रविशंकर तिवारी को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए है। उनके बारे में विभाग को शिकायत मिली थी कि वे शराब ठेकेदारों को भ्रमित कर रहे थे और ठेका आवंटन प्रक्रिया में असहयोग कर रहे थे। संभागीय उड़नदस्ता ग्वालियर संभाग में पदस्थ उपायुक्त आबकारी से इस पूरे मामले में जांच कराई गई थी। उनके जांच प्रतिवेदन के अनुसार रविशंकर तिवारी मदिरा दुकानों के वार्षिक निष्पादन में असहयोग कर रहे थे। तिवारी शासन राजस्व विरुद्ध क्रियाकलापों में लिप्त होकर संभवित टेंडरदाताओं को भ्रमित और निरुत्साहित कर रहे थे। इससे सरकार का राजस्व प्रभावित होंने की संभावना है। तिवारी का कृत्य उनके पदीय कर्त्तव्यों के विपरीत आचरण माना गया। रविशंकर तिवारी आबकारी उपनिरीक्षक जिला भिंड को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उन्हें मुख्यालय कार्यालय आबकारी आयुक्त ग्वालियर में अटैच किया गया है।

वहीं जबलपुर के सहायक आबकारी आयुक्त रविन्द्र मानकपुरी को राज्य शासन स्तर पर प्रमुख सचिव वाणिज्य कर के अमित राठौर के निर्देश पर निलंबित किया गया है उनका निलंबन आदेश उपसचिव वाणिज्यकर वंदना शर्मा ने जारी किया है। आबकारी आयुक्त के 19 फरवरी और दस मार्च को भेजे गए पत्र तथा नस्ती के आधार पर उन्हें निलंबित किया गया है । रविन्द्र मानकपुरी द्वारा शासकीय कार्य के निर्वहन में लापवाही बरतते हुए वरिष्ठ अधिकारियों , कार्यालय से जारी आदेश और निर्देशों की अवहेलना की जा रही थी।

वर्ष 25-26 के लिए कंपोजिट मदिरा दुकानों और एकल समूहों के निष्पादन के लिए जारी आबकारी नीति के क्रियान्वयन एवं निष्पादन की कार्यवाही के प्रति बरती जा रही घोर लापरवाही से राजस्व पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा था। ये अनियमितताएं गंभीर श्रेणी की मानी गई और शासकीय कर्त्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही अनुशासनहीनता उनके द्वारा करना पाया गया। इसके बाद उन्हें निलंबित कर आबकारी आयुक्त ग्वालियर में अटैच किया गया है। निलंबन अवधि के दौरान उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता मिलता रहेगा।