

Ex IAS Mohammad Suleman: 1989 बैच के IAS अधिकारी मोहम्मद सुलेमान हुए रिटायर, मुख्य सचिव ने दी भावभीनी विदाई, अब क्या करेंगे सुलेमान!
भोपाल: भारतीय प्रशासनिक सेवा में 1989 बैच के IAS अधिकारी मोहम्मद सुलेमान 36 साल की शासकीय सेवा के बाद कल रिटायर हो गए। दरअसल उनकी सेवानिवृत्ति इसी वर्ष जुलाई में होना थी लेकिन उन्होंने अपने व्यक्तिगत कारणों से पांच माह पूर्व ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ले ली। मध्य प्रदेश शासन में कल 13 मार्च को उनकी शासकीय सेवा का आखिरी दिन था।
मुख्य सचिव अनुराग जैन भी 1989 बैच के IAS अधिकारी होकर सुलेमान के बैचमेट हैं। सुलेमान के रिटायर होने पर कल भोपाल मंत्रालय में मुख्य सचिव सहित अन्य IAS अधिकारियों ने सुलेमान को भावभीनी विदाई दी। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने उन्हें शाल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया, डॉक्टर राजेश राजौरा, संजय दुबे, मनु श्रीवास्तव, स्मिता भारद्वाज, अनुपम राजन,संजय शुक्ला और रश्मि अरुण शमी के साथ ही कई प्रमुख सचिव,सचिव और अन्य आईएएस अधिकारी मौजूद थे।
अपने 36 वर्षीय शासकीय सेवा काल में मोहम्मद सुलेमान मध्य प्रदेश शासन में कई महत्वपूर्ण पदों का दायित्व निभा चुके हैं। सुलेमान ने अपने करियर की शुरुआत ग्वालियर के असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में की थी। वे बाद में सिवनी, बालाघाट और इंदौर के कलेक्टर रहे। कोरोना महामारी के दौरान मोहम्मद सुलेमान को ACS हेल्थ की अहम जिम्मेदारी दी गई थी। रिटायरमेंट के वक्त वे अपर मुख्य सचिव, कृषि उत्पादन आयुक्त और कर्मचारी चयन मंडल के अध्यक्ष के रूप में पदस्थ थे।
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शिवराज और कमलनाथ सरकार में अहम विभाग को जिम्मा संभाला
IAS सुलेमान पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के भरोसेमंद अफसरों में शामिल रहे और काफी विरोध के बाद भी मोहन सरकार बनने तक एसीएस हेल्थ के रूप में काम करते रहे। दरअसल शिवराज सरकार में मुख्य सचिव के बाद ब्यूरोक्रेट्स में उनकी गिनती नंबर दो पर होती थी।
इसके पहले 2018 में कमलनाथ की कांग्रेस सरकार के दौरान भी मोहम्मद सुलेमान को उद्योग जैसे अहम विभाग की जिम्मेदारी मिली थी। उनके अनुभव का लाभ उठाने इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट्स के लिए कमलनाथ जनवरी 2019 में उन्हें स्विट्जरलैंड के दौरे पर साथ ले गए थे। कह सकते हैं बीजेपी और कांग्रेस सरकार में वे हमेशा अहम भूमिका में रहे। लेकिन मोहन यादव की सरकार में उन्हें पूर्ववर्ती सरकारों की तरह उतना महत्व नहीं मिला। यही वजह है कि वे प्रदेश के सबसे बड़े प्रशासनिक पद मुख्य सचिव पर आसीन नहीं हो सके। यह भी कहा जा सकता है कि उनके VRS लेने का कारण भी शायद यही रहा होगा।
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आगे क्या योजना है सुलेमान की?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुलेमान द एनर्जी एंड रिसोर्सेस इंस्टीट्यूट (टेरी) नाम प्रतिष्ठान से पीएचडी करेंगे। साथ ही वे दिल्ली में रहकर पढ़ाने का काम भी कर सकते हैं। दूसरी ओर यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि सुलेमान किसी मल्टी नेशनल कंपनी के साथ भी जुड़ सकते हैं। मध्य प्रदेश शासन में प्रमुख सचिव ऊर्जा के रूप में उन्होंने कई वर्षों तक सफलतापूर्वक कार्य किया है। आने वाले समय में वे एनर्जी से जुड़ी किसी बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी में महत्वपूर्ण पद पर कार्य करते हुए दिखे तो आप आश्चर्य मत करिएगा!