Lata Mangeshkar: Truth and Rumor- मजरूह क्यों पहले चखते थे लता का खाना, पीछे है कुछ चौंकाने वाली वजह

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Lata Mangeshkar: Life

स्वर कोकिला लता मंगेशकर के लिए यहां तक पहुंचने का सफर इतना आसान भी नहीं था। एक फिल्मकार ने तो उनकी आवाज को पतला बताते हुए गाना गवाने से ही मना कर दिया था। उन्हें एक बार जहर लेकर मारने तक कि कोशिश भी की गई थी। यह घटना 1963 की है, जब लताजी को लगातार उल्टियां हो रही थीं। डॉक्टर ने जांच के बाद बताया कि उन्हें धीमा जहर दिया गया है।

लता मंगेशकर जब 33 साल की थीं, तब उन्हें जहर देकर मारने की कोशिश की गई थी। लता की करीबी मित्र पद्मा सचदेव की किताब ‘ऐसा कहां से लाऊं’ में भी इस बात का जिक्र है। यह घटना 1963 की है, जब लताजी को लगातार उल्टियां हो रही थीं। डॉक्टर ने जांच के बाद बताया कि उन्हें धीमा जहर दिया गया है। बाद में खुद लता मंगेशकर ने इस कहानी के पीछे से पर्दा हटाया था। लताजी ने एक बातचीत में कहा था ‘हम मंगेशकर्स इस बारे में बात नहीं करते। क्योंकि, यह हमारी जिंदगी का सबसे भयानक दौर था। मुझे इतनी कमजोरी महसूस होने लगी थी कि मैं बिस्तर से बड़ी मुश्किल से उठ पाती थी।’

धीमे जहर के इर्द-गिर्द बुनी कहानी
जब लताजी से पूछा गया था कि क्या ये सच है कि डॉक्टर्स ने उन्हें कह दिया था कि वे दोबारा कभी नहीं गा पाएंगी? इसके जवाब में लताजी ने कहा था कि ये बात सही नहीं है। ये एक काल्पनिक कहानी है, जो मुझे दिए जाने वाले धीमे जहर के इर्द-गिर्द बुनी गई है। इस हादसे के बाद ये खबर जमकर फैली थी कि जब भी लता जी खाना खाती थी, पहले मजरूह सुल्तानपुरी उस खाने को चखते थे। इसका बाद ही लता जी प्लेट को हाथ लगाती थी।

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सबसे पड़ी बहन थी लता
लता मंगेशकर 5 भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं। लता के अलावा उनकी बहनें मीना, आशा, उषा और भाई हृदयनाथ मंगेशकर हैं। महज 5 साल की उम्र से ही लता ने गाना सीखना शुरू कर दिया था, क्योंकि पिता दीनदयाल रंगमंच के कलाकार थे। लता को संगीत की कला विरासत में मिली थी।