Nagchandrareshwar Will be Opened : नागपंचमी पर श्री महाकालेश्वर मंदिर में भक्तों के लिए खुलेंगे नागचन्द्रेरश्वर के पट!

साल में केवल नागपंचमी के दिन ही खुलते है इस मंदिर के पट!

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Nagchandrareshwar Will be Opened : नागपंचमी पर श्री महाकालेश्वर मंदिर में भक्तों के लिए खुलेंगे नागचन्द्रेरश्वर के पट!

Ujjain : मंगलवार को नागपंचमी का त्योहार मनाया जाएगा, जिसमें देश के कोने-कोने से काफी संख्याी में श्रद्धालु भगवान नागचन्द्रेश्वर के दर्शन के लिए आएंगे। इसे देखते हुए प्रशासन ने व्या्पक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं। श्री महाकालेश्वर मंदिर के द्वितीय तल पर श्री नागचन्द्रेश्वर मंदिर के पट वर्ष में एक बार 24 घंटे सिर्फ नागपंचमी के दिन खुलते है।

हिंदू धर्म में सदियों से नागों की पूजा करने की परंपरा रही है। हिंदू परंपरा में नागों को भगवान का आभूषण भी माना गया है। श्री महाकाल मंदिर के गर्भगृह के उपर ओंकारेश्वर मंदिर और उसके भी शीर्ष पर भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर का मंदिर प्रतिष्ठाापित है। श्री नागचन्द्रेश्वर मंदिर में 11 वीं शताब्दीे की एक अद्भुत प्रतिमा स्थापित है। प्रतिमा में श्री नागचन्द्रेश्वर स्वयं अपने सात फनों से सुशोभित हो रहे है। साथ में शिव-पार्वती के दोनों वाहन नंदी एवं सिंह भी विराजित है।

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मूर्ति में श्री गणेश की ललितासन मूर्ति, उमा के दांयी ओर कार्तिकेय की मूर्ति व उपर की ओर सूर्य-चन्द्रमां भी अंकित है। इस प्रकार श्री नागचन्द्रेश्वर की मूर्ति अपने आप में भव्य एवं कलात्मकता का उदहारण है। भगवान के गले और भुजाओं में भुजंग लिपटे हुए है। कहते हैं कि यह प्रतिमा नेपाल से यहां लाई गई थी। ऐसी मान्यता है कि, उज्जैेन के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसी प्रतिमा नहीं है। इस प्रतिमा के दर्शन के उपरांत अंदर प्रवेश करने पर भगवान श्री नागचन्द्रेतश्वर की मुख्य प्रतिमा (शिवलिंग) के दर्शन होते है।

सोमवार की रात 12 बजे पट खुलेंगे।

पट खुलने के बाद रात्रि 12 बजे विशेष पूजा-अर्चना के साथ आम भक्तों के लिये मंदिर के पट खुल जायेंगे और श्री नागचन्द्रेनश्व्र महादेव के 29 जुलाई मंगलवार तक लगातार 24 घंटे दर्शन होंगे। मंदिर के पट मंगलवार की रात्रि 12 बजे बंद होंगे।

श्री नागचन्द्रेश्वर की होगी त्रिकाल पूजा

नागपंचमी पर्व पर भगवान श्री नागचन्द्रे श्वीर की त्रिकाल पूजा होगी। जिसमें सोमवार 28 जुलाई 2025 की मध्यरात्रि 12 बजे पट खुलने के पश्चा्त श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाडे के महंत श्री विनितगिरी जी महाराज एवं अन्य अधिकारियो द्वारा प्रथम पूजन व अभिषेक किया‍ जावेगा। मंगलवार 29 जुलाई 2025 को अपरान्ह 12 बजे अखाडे द्वारा पूजन होगा। श्री महाकालेश्वजर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा मंगलवार 29 जुलाई 2025 को ही श्री महाकालेश्वेर भगवान की सायं आरती के पश्चात श्री नागचन्द्रेश्वर जी की पूजन-आरती श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी एवं पुरोहितों द्वारा की जावेगी। 29 जुलाई को रात्रि 12 बजे के बाद भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर महादेव के पट बंद कर दिए जाएंगे।

नागचंद्रेश्वर मंदिर की खास बात 

यह मंदिर साल में सिर्फ एक दिन नागपंचमी (श्रावण शुक्ल पंचमी) पर ही दर्शन के लिए खोला जाता है। ऐसी मान्यता है कि नागराज तक्षक स्वयं मंदिर में रहते हैं। नागचंद्रेश्वर मंदिर में 11वीं शताब्दी की एक अद्भुत प्रतिमा है, इसमें फन फैलाए नाग के आसन पर शिव-पार्वती बैठे हैं। कहते हैं यह प्रतिमा नेपाल से यहां लाई गई थी। उज्जैन के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसी प्रतिमा नहीं है।

पूरी दुनिया में यह एकमात्र ऐसा मंदिर है, जिसमें विष्णु भगवान की जगह भगवान भोलेनाथ सर्प शय्या पर विराजमान हैं। मंदिर में स्थापित प्राचीन मूर्ति में शिवजी, गणेशजी और मां पार्वती के साथ दशमुखी सर्प शय्या पर विराजित हैं। शिवशंभु के गले और भुजाओं में भुजंग लिपटे हुए हैं।