Looking for Interpol : देह व्यापार के सरगना मोमिनुल की इंटरपोल को भी तलाश

इंटरपोल ने इंदौर पुलिस से मोमिनुल के बारे में जानकारी मांगी

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Indore : देश में 25 साल से अपनी पहचान छुपाकर रह रहे देह व्यापार में आरोपी की जानकारी इंटरपोल ने भी मांगी है। केंद्र सरकार के जरिए इंदौर पुलिस को मिले पत्र में बांग्लादेश के नागरिक मोमिनुल के बारे में जानकारी चाही गई है। मोमिनुल को बांग्लादेश की पुलिस भी खोज रही है, जबकि वो बरसों भारत में नाम बदलकर रह रहा है और फिलहाल इंदौर की जेल में बंद है।

पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र के मुताबिक, कुछ महीने पहले विजय नगर पुलिस ने मोमिनुल उर्फ विजय दत्त को देह व्यापार के मामले में गिरफ्तार किया था। विजय नगर टीआई ने उसे मुंबई के नालासोपारा से गिरफ्तार किया था। उसके पकड़े जाने के बाद मुंबई पुलिस को उसके बारे में जानकारी मिली थी। बांग्ला देश का ये सरगना वहां से हजारों लड़कियों को लाकर भारत में देह व्यापार में धकेल चुका है। फिलहाल वो इंदौर की जेल में बंद है। कुछ महीने पहले विजय नगर इलाके में एक बड़े गिरोह को देह व्यापार में पकड़ा गया था, जिसमें स्थानीय बदमाश शामिल थे। उसमें विजय दत्त का नाम सामने आया, पर असलियत में वो मोमिनुल है, जो फर्जी पहचान पत्रों जरिए भारत में रह रहा था।

भारत में बांग्लादेश की सीमा से देह व्यापार करने वाले गिरोह के 41 आरोपियों को अब तक जेल भेजा जा चुका है। विजय नगर पुलिस ने गिरोह का सरगना मोमिनुल के अलावा 4 युवक और 4 युवतियों को गिरफ्तार किया था।

जाल बिछाकर पकड़ा गया

मोमिनुल का देह व्यापार का गिरोह मुंबई के नालासोपारा में सक्रिय था। उसे पकड़ने के लिए सीनियर अधिकारी और जांच एजेंसियों ने टीम गठित की। इसमें हेड कॉन्स्टेबल भरत बड़े, SI प्रियंका शर्मा, कुलदीप और उत्कर्ष को मुंबई रवाना किया गया। पुलिसकर्मियों ने नाम बदलकर यहां किराए का कमरा लिया। इसके बाद सरगना विजय दत्त उर्फ मोमिनुल की खोज शुरू की। नालासोपारा की तंग गलियों में एक सप्ताह की रेकी की। हेड कॉन्स्टेबल भरत ने बांग्लादेशी बनकर SI प्रियंका को बेचने की अफवाह फैलाई। लेकिन, मोमिनुल इतना शातिर था कि वह भागकर इंदौर आ गया। इसकी जानकारी इंदौर पुलिस को दे दी गई। यहां उसे कालिंदी कुंज इलाके से पुलिस ने पकड़ लिया।

16 साल हिंदू परिवार के साथ रहा

बांग्लादेश में हिंदू-मुस्लिम दंगों के बाद विजय दत्त उर्फ मोमिनुल रशीद भारत आ गया था। यहां 16 साल तक एक हिंदू परिवार के साथ रहा। यहां उसने अपना नाम बदल कर विजय दत्त रख लिया। मोमिनुल (40) ने पुलिस को बताया कि पश्चिम बंगाल के कृष्णा घाट नदी पर मजदूरी करने लगा। इसके बाद मुंबई चला गया और वहां होटल में काम करने लगा। वहीं उसने एक युवती से शादी भी कर ली।

वो बांग्लादेश की लड़कियों को अवैध तरीके से भारत की बॉर्डर पार कराता था। भारत में इन लड़कियों को देह व्यापार में धकेल देता। लड़कियों के परिजन को हर महीने 5 से 6 हजार रुपए भेज देता था, जिससे उन्हें शक नहीं होता था। लड़कियों को पहले कोलकाता फिर मुंबई लाया जाता था। यहां से देश के अलग-अलग क्षेत्रों में भेजा जाता था। पश्चिम बंगाल में मोमिनुल 25 साल से पहचान छिपाकर रहा।

बांग्लादेश में उसके दो बच्चे

वह बांग्लादेश भी जाता रहता था। वहां भी उसने ज्योत्सना खातून से शादी की थी। उसके दो बच्चे भी हैं। पत्नी बांग्लादेश में NGO चलाती है, जो महिला कल्याण के लिए काम करता है। इसी के जरिए वह बेसहारा और गरीब लड़कियों को घरेलू काम करने के बहाने भारत बुलाता था। उसने अपना नाम राशन कार्ड में विजय दत्त लिखवाकर सभी कागजात विजय दत्त के नाम से ही बनवाए। वह पासपोर्ट, आधार कार्ड, वोटर कार्ड और कई दस्तावेज बनवा चुका है। इस कारण से जांच एजेंसियां उसे ढूंढ नहीं पा रही थीं।