
10 BEO’s Suspended in 5 Years: गिनीज बुक में नाम लिखा जाना चाहिए उदयगढ़ का!
– राजेश जयंत
अलीराजपुर। जनजातीय बहुल अलीराजपुर जिले के उदयगढ़ खंड शिक्षा कार्यालय का नाम गिनीज बुक में लिखा जाना चाहिए.. कोई उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए नहीं बल्कि इसलिए कि यहां बीते 5 वर्षों में 10 खंड शिक्षा अधिकारी शासकीय राशि के गबन मामले में निलंबित हो चुके हैं.. कुछ पुराने मामले कुछ नए.
इस विकासखंड कार्यालय में अनियमितता और गड़बड़ियों की जिला स्तर तक की शिकायतें अक्सर फाइल में दबकर ही दम तोड़ती रही। मीडिया ने भी कई मामले हाईलाइट किए परंतु राजनीतिक अप्रोच और प्रशासनिक पकड़ के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अविभाजित झाबुआ के वक्त संविदा शिक्षक भर्ती घोटाला जैसे तैसे FIR और कोर्ट की पेढ़ी पर चढ़ा मगर प्रशासन जो मामले का पक्षकार था, वही सुस्त रहा और उस बड़े मामले को गोलमाल कर दिया गया..
गबन के दो बड़े मामलों में भी यहां दिल्ली और भोपाल के पत्र पर ही पर कार्यवाही हो सकी, दूसरी कार्रवाई को तो अभी आधा अधूरा ही माना जा सकता है।
बाबुओं पर कोई कार्रवाई नही:
हाल ही में सामने आए शासकीय राशि गबन मामले में तीन खंड शिक्षा अधिकारी निलंबित कर दिए गए, जांच दल गठित कर दिया गया, किंतु असली कर्ता धर्ता बनाम बाबूजी मामले की लीपापोती के लिए विभाग में दिन-रात जुटे हैं। समय-समय पर पहले भी हम चेताते रहे मगर किसी ने ध्यान नहीं दिया और यहां घोटालेबाज कंबल ओढ़ कर घी पीते रहे।
“स्थानीय को हटाना जरूरी:
यहां लगातार घोटाले पर घोटाले होते रहे और आगे भी यह चलता रहेगा जब तक की इस विकास खंड में यही के बाबू और अधिकारी बनाए जाते रहेंगे…!!
रामसिंह सोलंकी BRC के साथ ही BEO भी बने रहे। इस विकासखंड में एक अन्य BEO के पदस्थ होने पर भी सोलंकी यहां दूसरे BEO बने रहे.
उस वक्त भी प्रशासनिक मजबूरी देखने में आई कि दोनों के बीच कार्य का विभाजन कर दिया.. वर्तमान में सोलंकी BRC के साथ ही प्रभारी BEO थे। निलंबन का आदेश सार्वजनिक नहीं किया गया अतः सभी असमंजस में है क्योंकि सोलंकी BRC बने हुए हैं. .
जोड़ तोड़ के बीच BEO का प्रभार
रामसिंह सोलंकी के निलंबन के बाद से ही यहां BEO-BRC पद पर आसीन होने के लिए जोड़-तोड़ शुरू हो गई। भ्रष्टाचार मामले में 5 वर्षों में 10 खंड शिक्षा अधिकारियों के निलंबन के बावजूद यहां इस पद के लिए लॉबिंग शुरू हो गई। स्थानीय कर्मचारी इस पद पर बैठने के लिए जोर आजमाइश कर ही रहे थे कि इसी बीच कलेक्टर डॉ अभय अरविंद बेडेकर ने अलीराजपुर विकासखंड की उमावि बड़ी के उच्च माध्यमिक शिक्षक पंचम सिंह चौहान को उदयगढ़ का खंड शिक्षा अधिकारी बना दिया। जो एक सकारात्मक पहल है।
“BRC के लिए एड़ी चोटी का जोर:
उदयगढ़ में अब तक BRC बने हुए निलंबित BEO राम सिंह सोलंकी का यहां से हटना भी लगभग तय है और इस पद पर बैठने के लिए अनेक स्थानीय कर्मचारी राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे है। इनमें अधिकतम वें हैं जो एक दशक से भी अधिक समय से शैक्षणिक कार्य से दूर होकर नियम विरुद्ध अपनी जुगाड़ से जन शिक्षक बने हुए हैं।
– यह वह लोग हैं जिन्होंने जन शिक्षक रहते कई स्कूलों में मनमाने बिल लगाए
– PTA नाम के रहे जबकि यह खुद अपने पावर का दुरुपयोग करते रहे..
– अपने करीबी रिश्तेदार भाई, बहन, पत्नी इत्यादि को अतिथि शिक्षक का वेतन देते रहे- दे रहे हैं, जबकि उन्होंने कभी स्कूल का मुंह तक नहीं देखा…
– सामग्री और बिल का भौतिक सत्यापन असलियत सामने ला सकती है…
“बाबूजी पर किनका हाथ:
विकासखंड कार्यालय में यही के स्थानीय निवासी बाबू बने हुए हैं.. इनके पावरफुल होने का अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि गबन मामले में तीन खंड शिक्षा अधिकारी निलंबित कर दिए गए लेकिन इनका बाल तक बांका नहीं कर पाए। एक बाबूजी पहले धार जिले में कांग्रेसी विधायक के टच में रहे, सत्ता बदली तब यहां आकर भाजपा विधायक के करीब आ गए। अनुकंपा का नियम होता है कि- माता-पिता दोनों शासकीय सेवा में हो, तब किसी एक के दिवंगत होने पर उनकी जगह पुत्र पुत्री अनुकंपा की पात्रता नहीं रखते हैं, लेकिन उदयगढ़ में सब मुमकिन है।
अन्य विभाग में नौकरी कर लो, वहां सेवाओं का लाभ ले लो और फिर यहां आकर वापस से शिक्षक बन जाओ, ऐसा भी यहां चलता है।
“कैसे दूर होगा भ्रष्टाचार..?
-भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति यहां तब ही सक्सेस होगी जब विकासखंड में एक दशक से अधिक वक्त से शैक्षणिक कार्य को छोड़कर ऑफिस संभाल रहे समस्त जन शिक्षकों को अध्यापन कार्य में संलग्न किया जाए। स्थानांतरित किया जाए।
-रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़े गए जन शिक्षक पर भी प्रशासन में कोई कार्रवाई नहीं की, यहां तक कि जनजातिय कार्य विभाग आयुक्त के अटैचमेंट निरस्त करने के आदेश के बावजूद रिश्वत लेने वाले जन शिक्षक का अटैचमेंट किया गया.. रिश्वत मामले में अब तक कोई चालान पेश नहीं हुआ, आखिर क्यों…?
-ऐसे जग जाहिर मामले में कुछ ना करना प्रशासन की लाचारी और अप्रोच वाले कर्मचारी का बोलबाला बताती है।

“आदरणीय कलेक्टर साहब:
खंड शिक्षा कार्यालय में पदस्थ स्थानीय निवासी कर्मचारी को हटाने के साथ ही यह सुनिश्चित करना होगा कि जिस तरह से अपने यहां अन्य विकासखंड के उच्च माध्यमिक शिक्षक को खंड शिक्षा अधिकारी बनाया है वैसे ही यहां का अगला प्रभारी या मूल BRC भी उदयगढ़ क्षेत्र का ना हो..
जो स्थानीय लोग एप्रोच लगाकर BRC का दावा करें उन्हें तो इस ब्लॉक से ही बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए..
स्थानीय और जिले के जनप्रतिनिधि-नेताओं को भी चाहिए कि वह उदयगढ़ विकासखंड को भ्रष्टाचार मुक्त रखने के लिए यहां पहले से नियम विरुद्ध पदों पर बैठे हुए और अब BRC बनाने की चाहत रखने वाले लोगों को माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी की जीरो टॉलरेंस नीति का पाठ पढ़ाए, सबक सिखाएं.. ना कि उन पर अपना वरदहस्त रखकर अपना वोट बैंक घटाएं….
#जीरो टॉलरेंस
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