
Supreme Order to EC : सुप्रीम कोर्ट का निर्देश ‘EC बिहार की वोटर लिस्ट से हटाए 65 लाख लोगों के नाम सार्वजनिक करे!’
New Delhi : सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि बिहार में वोटर लिस्ट से हटाए गए 65 लाख नामों को डिस्प्ले बोर्ड या वेबसाइट पर डाला जाए, ताकि जिन लोगों को भी दिक्कत है वे 30 दिन के अंदर सुधार के लिए उपाय कर सकें। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पूछा कि अगर 22 लाख लोगों की मृत्यु हुई है, तो बूथ स्तर पर इसका खुलासा क्यों नहीं किया गया! कोर्ट ने इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा।
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हम नहीं चाहते कि नागरिकों का अधिकार राजनीतिक दलों पर निर्भर हो। सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने पीठ के सामने SIR को लेकर अपना पक्ष भी रखा। EC ने कहा कि राजनीतिक विद्वेष के माहौल में काम करते हुए, शायद ही कोई ऐसा फैसला हो जिस पर विवाद न हुआ हो। आयोग ने अदालत से कहा कि वह राजनीतिक दलों के बीच संघर्ष में फंसा हुआ है। क्योंकि, यदि कोई पार्टी जीतती है तो उसके लिए ईवीएम अच्छी है, अगर वे हारते हैं तो ईवीएम खराब हो जाती है।
चुनाव आयोग ने कहा कि बिहार में मोटे तौर पर अनुमान के मुताबिक लगभग 6.5 करोड़ लोगों को एसआईआर के लिए कोई दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं पड़ी। राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं को मृत, पलायन कर चुके या दूसरे स्थानों पर चले गये लोगों के नामों की सूची दी गई।
चुनाव आयोग के इस जवाब पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम नहीं चाहते कि नागरिकों के अधिकार राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं पर निर्भर रहें। मृत, पलायन कर चुके या दूसरे स्थानों पर चले गये मतदाताओं के नामों को डिस्प्ले बोर्ड या वेबसाइट पर प्रदर्शित करने से अनजाने में हुई त्रुटियों को सुधारने का मौका मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को स्थानीय समाचार पत्रों, दूरदर्शन, रेडियो या किसी भी आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से इसका व्यापक प्रचार करने का भी निर्देश दिया।
22 अगस्त तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करनी होगी
सुप्रीम कोर्ट में SIR को लेकर चल रही सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने मृत, जिला स्तर पर पलायन कर चुके या दूसरे स्थानों पर जा चुके मतदाताओं की सूची साझा करने पर कोर्ट में सहमति जताई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग से 22 अगस्त तक उसके निर्देश पर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के साथ ही बिहार में जारी SIR के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई स्थगित कर दी गई।





