Gaganyaan Test Mission : दिसंबर में ISRO लॉन्च करेगा पहला गगनयान परीक्षण मिशन!

शुभांशु शुक्ला ने अपनी ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा का अनुभव भी साझा किया!

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Gaganyaan Test Mission o: दिसंबर में ISRO लॉन्च करेगा पहला गगनयान परीक्षण मिशन!

   New Delhi : इसरो प्रमुख वी नारायणन और भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला ने गगनयान मिशन और अंतरिक्ष प्रगति पर जानकारी दी। शुक्ला ने कहा कि 2027 तक भारत अपने अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजेगा। उन्होंने एक्सिओम-4 मिशन का अनुभव साझा किया। वहीं, नारायणन ने बताया कि मोदी सरकार के कार्यकाल में स्पेस सेक्टर ने तेजी पकड़ी है।

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और इसरो प्रमुख वी नारायण ने एक साथ मीडिया से बात की। इस दौरान शुभांशु ने गगनयान मिशन पर कहा कि जल्द ही भारत अपने रॉकेट और कैप्सूल से अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजेगा। उन्होंने यह भी बताया कि इसरो दिसंबर तक पहला गगनयान परीक्षण मिशन लॉन्च करेगा। उन्होंने अपनी ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा का अनुभव भी साझा किया। उन्होंने बताया कि 20 दिन अंतरिक्ष में बिताने के बाद शरीर गुरुत्वाकर्षण भूल जाता है और जमीन पर वापसी पर उसे दोबारा ढलना पड़ता है।

इसके साथ ही उन्होंने एक्सिओम मिशन के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि इसके तहत वे दो हफ्तों तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) में रहे। इस दौरान वे मिशन पायलट और कमांडर के रूप में जिम्मेदारी निभा रहे थे। शुक्ला ने मीडिया से बातचीत में कहा इस मिशन को संभव बनाने वाले सभी लोगों का धन्यवाद करता हूं। उन्होंने बताया कि आईएसएस पर रहते हुए कई प्रयोग किए गए और पृथ्वी व अंतरिक्ष से जुड़ी तस्वीरें भी ली गईं। उन्होंने कहा कि इसके लिए लंबी ट्रेनिंग ली गई थी और यह अनुभव उनके जीवन का सबसे अलग और यादगार रहा।

गगनयान मिशन पर शुभांशु

शुभांशु शुक्ला ने आगे भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि यह इसरो का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है, जिसके तहत 2027 में भारतीय वायुसेना के तीन पायलटों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। ये पायलट 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की कक्षा में तीन दिन रहेंगे और इसके बाद हिंद महासागर में सुरक्षित लैंडिंग कराई जाएगी। मिशन की कुल लागत लगभग 20,193 करोड़ रुपए है। शुक्ला ने कहा कि गगनयान की तैयारी के लिए पहले दो खाली टेस्ट फ्लाइट भेजी जाएंगी, इसके बाद एक फ्लाइट में रोबोट भेजा जाएगा। जब यह सब सफल हो जाएगा, तब इंसानों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। वहीं, अपनी बात कहते हुए आखिरी में उन्होंने ये भी कहा कि भारत आज भी अंतरिक्ष से सारे जहां से अच्छा लगता है।

नासा-इसरो मिशन पर इसरो प्रमुख

इसरो प्रमुख ने बताया कि 30 जुलाई को जीएसएलवी-एफ 16 रॉकेट ने नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार (निसार) को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया। यह उपग्रह पूरी तरह से सही ढंग से काम कर रहा है। नारायणन ने कहा कि अगले दो से तीन महीनों में भारत 6,500 किलो का अमेरिकी कम्युनिकेशन सैटेलाइट भी अपने लॉन्च व्हीकल से प्रक्षेपित करेगा। उन्होंने कहा कि इस तरह का सहयोग न केवल तकनीकी दृष्टि से अहम है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसरो की बढ़ती ताकत और क्षमता को भी दर्शाता है।