
मुख्यमंत्री करेंगे 12 सितम्बर को मंदसौर जिले के गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट का शुभारंभ
मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट
मंदसौर / गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट का चौथा संस्करण आगामी 12 सितम्बर 2025 से गांधीसागर बांध के मनमोहक बैकवॉटर क्षेत्र में प्रारंभ होने जा रहा है। इस भव्य आयोजन का शुभारंभ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा किया जाएगा। कार्यक्रम से जुड़ी विस्तृत जानकारी जिला पंचायत सभागार मंदसौर में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान दी गई।
इस अवसर पर कलेक्टर श्रीमती अदिती गर्ग एवं आयोजन सहयोगी संस्था लल्लूजी एंड संस से श्री सौरभ गुप्ता, सीईओ जिला पंचायत श्री अनुकूल जैन, पत्रकारगण उपस्थित रहे। लल्लूजी एंड संस द्वारा मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड के सहयोग से विकसित यह रिट्रीट लक्ज़री कैंपिंग, एडवेंचर टूरिज्म और सांस्कृतिक गतिविधियों का अनूठा संगम है। पूरे सीज़न टेंट सिटी में पर्यटक हॉट-एयर बलूनिंग, पैरामोटरिंग, जेट स्कीइंग, कायाकिंग और मोटर बोटिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों का आनंद ले सकेंगे। रोमांचक गतिविधियों के साथ ही पर्यटक हिंगलाजगढ़ किले की हेरिटेज ट्रेल, गांधीसागर अभयारण्य में वन्यजीव सफारी और ग्रामीण जीवन के वास्तविक अनुभवों का भी हिस्सा बन पाएंगे।
इसके साथ ही, इस स्थल पर लागू नई संरक्षण पहलों को भी अधिकारियों ने विशेष रूप से रेखांकित किया। लगभग 2,500 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला एक बटरफ्लाई गार्डन विकसित किया गया है, जिसमें 4,000 से अधिक पोषक ( होस्ट ) और पराग (नेक्टर) प्रजातियों के पौधे लगाए गए हैं। यहां पहले से ही 40 से अधिक तितली प्रजातियां दर्ज की जा चुकी हैं। यह स्थल अब शिक्षा एवं इंटरप्रिटेशन केंद्र बना है, जहां प्रशिक्षित नेचुरलिस्ट आगंतुकों को तितलियों के जीवन चक्र से परिचित कराते हैं। इसके अतिरिक्त इस सीज़न में चतुर्भुज नाला की प्राचीन शैलचित्र कला से प्रेरित रॉक आर्ट इंटरप्रिटेशन ज़ोन तथा बायोडायवर्सिटी वॉक जैसी गतिविधियों को भी शामिल किया गया है, जिससे पर्यटक इस क्षेत्र की पारिस्थितिक समृद्धि से और गहराई से जुड़ सकें।
गांधी सागर फॉरेस्ट रिट्रीट के माध्यम से पर्यटक, गाइडेड बटरफ्लाई गार्डन टूर, नेचर वॉक / बर्ड वाचिंग जैसे प्राकृतिक अनुभव लेकर प्रकृति से जुड़ेंगे इसके साथ ही वाटर स्पोर्ट्स में स्पीड बोट, कयाकिंग ,बनाना राइड, जेट स्की जैसे एडवेंचर कर सकेंगे.. इनके साथ हवाई एडवेंचर में हॉट एयर बैलून और पैरामोटरिंग जैसी शानदार और साहसिक गतिविधियों का हिस्सा बनने का एक अनोखा अवसर मिलेगा जहां आसमां में जाकर गांधीसागर के प्राकृतिक सौंदर्य को निहारने का अवसर मिलेगा।
पर्यटन अधिकारियों ने बताया कि यह रिट्रीट मध्यप्रदेश की उस व्यापक दृष्टि का हिस्सा हैं जिसके तहत राज्य के जलाशयों के इर्द-गिर्द एक्सपीरियंस-बेस्ड टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है। रोमांच, सांस्कृतिक जुड़ाव और संरक्षण-आधारित पहलों के संयोजन से ये प्रोजेक्ट न केवल देशभर के पर्यटकों को आकर्षित करेगा, बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए नए रोज़गार के अवसर भी पैदा करेंगे।

इस अवसर पर अपने वक्तव्य में पर्यटन, संस्कृति एवं धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी ने कहा कि मध्यप्रदेश स्वयं को भारत का प्रमुख इको-टूरिज्म डेस्टिनेशन विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां प्राकृतिक सुंदरता और रोमांच का संगम सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर के साथ दिखाई देता है।
पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव एवं प्रबंध संचालक, म.प्र. पर्यटन बोर्ड श्री शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि गांधी सागर जैसे प्रोजेक्ट केवल आराम, अनुभव और मनोरंजन के लिए नहीं हैं, बल्कि ये सतत पर्यटन के ऐसे मॉडल हैं जो पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक भागीदारी को समान रूप से मजबूत करते हैं।





