Big Financial Scam at Shirdi: शिरडी के श्री साईं बाबा संस्थान ट्रस्ट में ₹76 लाख विद्युत घोटाला- 47 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी और गबन का मामला दर्ज 

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Big Financial Scam at Shirdi: शिरडी के श्री साईं बाबा संस्थान ट्रस्ट में ₹76 लाख विद्युत घोटाला- 47 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी और गबन का मामला दर्ज 

 

शिरडी: Big Financial Scam at Shirdi: देशभर के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के सबसे बड़े केंद्र शिरडी के श्री साईं बाबा संस्थान ट्रस्ट में एक बड़ा आर्थिक घोटाला सामने आया है। संस्थान में लेखा परीक्षण (ऑडिट) के दौरान ₹76 लाख के विद्युत सामान के गबन का खुलासा हुआ है। इस मामले में शिरडी पुलिस ने संस्थान के 47 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी और गबन का मामला दर्ज किया है।

Big Financial Scam at Shirdi: न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने FIR दर्ज की है। जांच में खुलासा हुआ कि यह पूरा मामला 1 साल पहले हुए ऑडिट में सामने आया था, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया था। प्रशासन की लापरवाही को देखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता संजय बाबुताई काले ने न्याय के लिए औरंगाबाद हाई कोर्ट की खंडपीठ में क्रिमिनल रिट याचिका दायर की। न्यायालय ने मामले की गंभीरता से लेते हुए 15 अक्टूबर को शिरडी पुलिस को सभी 47 आरोपियों पर तत्काल FIR दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट के इस सख्त रुख के बाद ही शिर्डी पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई को अंजाम दिया।

Big Financial Scam at Shirdi: एक रिपोर्ट के मुताबिक विद्युत विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलकर ये पूरी साजिश रची है। उन्होंने अपने अधीनस्थ विद्युत सामग्री का सही पंजीकरण नहीं किया। कई कीमती सामान को जानबूझकर ‘डेड स्टॉक रजिस्टर’ में फर्जी तरीके से दर्ज कराया गया, जबकि हकीकत में वो सामान संस्थान से गायब थी। इस तरह, अधिकारियों-कर्मचारियों ने संस्थान को करोड़ों का आर्थिक नुकसान पहुंचाया। पुलिस जांच में सामने आया है कि 39 आरोपियों ने अपनी जिम्मेदारी की राशि संस्थान को चुका दी है, लेकिन 8 आरोपियों ने अब तक अपनी देय राशि का भुगतान नहीं किया है।

फरियादी संजय काले ने इस पूरे घोटाले से जुड़े सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत हासिल किए थे। उनकी गहन छानबीन ने मंदिर के विद्युत विभाग में चल रही

अव्‍यवस्‍था, फर्जी प्रविष्टियां और सामग्री की हेराफेरी का पूरा ब्यौरा सामने ला दिया। स्थानीय स्तर पर शिकायतों के बावजूद कार्रवाई न होने पर उन्हें अंततः उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा।

कोर्ट के आदेश पर FIR दर्ज होने के बाद, शिरडी पुलिस ने दस्तावेजों, ऑडिट रिपोर्टों और जवाबदेही की समीक्षा के लिए एक टीम का गठन किया है। इस घटना ने ट्रस्ट के वरिष्ठ अधिकारियों और उनकी निगरानी प्रणाली के लिए एक बड़ी चेतावनी जारी की है कि अब उन्हें आर्थिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने और कड़ाई से लेखापरीक्षण लागू करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।