
Simone Tata: भारत के ‘लैक्मे’ को वैश्विक ब्रांड बनाने वाली सिमोन नहीं रही
Simone Tata: भारत के मशहूर टाटा ग्रुप से जुड़ीं सिमोन टाटा का 95 साल की उम्र में मुंबई में निधन हो गया। उन्होंने भारतीय कॉस्मेटिक्स ब्रांड लैक्मे को नई ऊंचाई पर पहुंचाया।
नई दिल्ली: टाटा परिवार की एक जानी-मानी हस्ती सिमोन टाटा ( Simone Tata ) का 95 साल की उम्र में निधन हो गया। वे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उम्र से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं। सिमोन टाटा ट्रेंट की चेयरपर्सन एमरेटस और टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन नोएल टाटा की मां और टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा की सौतेली मां थीं। मुंबई में स्विट्जरलैंड के महावाणिज्य दूतावास ने अपने एक्स हैंडल पर यह खबर साझा की और लैक्मे ब्रांड को भारत की अग्रणी कॉस्मेटिक कंपनी बनाने में सिमोन टाटा के योगदान को याद किया।

We mourn the passing of Simone Tata, a truly accomplished woman whose achievements and grace touched so many. Her legacy will continue to inspire generations. May she rest in peace. Our thoughts & prayers are with the Tata family 🙏#SimoneTata pic.twitter.com/y3sHlL7ngJ
— Swiss Consulate Mumbai (@SwissCGMumbai) December 5, 2025
स्विट्जरलैंड में जन्मी सिमोन टाटा ने भारत में मिडिल क्लास की महिलाओं की ब्यूटी से संबंधित सोच को बदला। बाद में उन्होंने उनके कपड़े खरीदने के तरीके को भी प्रभावित किया। उन्हें सबसे ज्यादा याद किया जाता है कि उन्होंने कैसे लैक्मे (Lakme) को भारत का अग्रणी कॉस्मेटिक ब्रांड बनाया। साथ ही उन्होंने ट्रेंट की वेस्टसाइड (Westside) चेन के साथ आधुनिक फैशन रिटेल की नींव भी रखी। उन्होंने सर रतन टाटा इंस्टीट्यूट जैसे कई चैरिटेबल संस्थानों के काम को भी संभाला।
सिमोन टाटा का जन्म 1930 में स्विट्जरलैंड के जिनेवा में हुआ था। उनका नाम सिमोन डुनोयर था। वे एक अमीर फ्रांसीसी-स्विस परिवार में पली-बढ़ीं। 1950 के दशक की शुरुआत में वह एक युवा ग्रेजुएट के तौर पर पहली बार भारत आईं। साल 1953 में जिनेवा में एयर इंडिया के साथ उनका छोटा सा कार्यकाल रहा। यहीं उनकी मुलाकात नवल टाटा (Naval Tata) से हुई, जो उस समय इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन की एक बैठक में भाग लेने आए थे। साल 1955 में दोनों की शादी हो गई।
1990 के दशक के मध्य में भारत की अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के साथ, उन्होंने एक बड़ा फैसला लिया। उन्होंने लैक्मे को हिंदुस्तान यूनिलीवर को 45 मिलियन डॉलर में बेच दिया। इस पैसे का इस्तेमाल उन्होंने एक नया रिटेल वेंचर ट्रेंट शुरू करने के लिए किया। आज ट्रेंट वेस्टसाइड और जुडियो चेन चलाता है। हालांकि उन्होंने 2000 के दशक के मध्य में चेयरपर्सन का पद छोड़ दिया था, लेकिन उनके द्वारा स्थापित प्राइवेट लेबल, अनुशासित मूल्य निर्धारण और सुलभ फैशन का मॉडल आज भी कंपनी को परिभाषित करता है।
मेकअप को लेकर महिलाओं की झिझक तोड़ी
सिमोन टाटा 1962 में लैक्मे के बोर्ड में शामिल हुईं। लैक्मे उस समय टाटा ऑयल मिल्स की एक छोटी सी कॉस्मेटिक यूनिट थी। उस दौर में भारत में उपभोग पर काफी नियंत्रण था और मीडिल क्लास की महिलाएं मेकअप को लेकर थोड़ी झिझकती थीं। सिमोन टाटा ने इस ब्रांड को इस विश्वास के साथ आगे बढ़ाया कि सुंदरता कोई लग्जरी नहीं, बल्कि हर भारतीय महिला का अधिकार होना चाहिए।
अगले दो दशकों में उन्होंने इस ब्रांड को आगे बढ़ाया और लोगों की सोच को बदलकर उन्हें अधिक आत्मविश्वासी और आधुनिक बनाया। 1970 और 1980 के दशक में उनके नेतृत्व में लैक्मे ने सिर्फ ग्लैमर से ही नहीं, बल्कि भारतीय महिलाओं की चाहतों और उनकी जेब के हिसाब से प्रोडक्ट बनाकर तरक्की की। उन्होंने Lakme को भारत की अग्रणी कॉस्मेटिक कंपनी बनाया।





