MP की सड़कों पर अब भारतीय मानक ब्यूरो के मानकों से तैयार बसें दौड़ेंगी

एंबूलेेंस की होगी GIS मैपिंग, राज्य परिवहन प्राधिकारी तय करेंगे किराया और माल भाड़ा, नगरीय और उपनगरीय मार्ग बनेंगे

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MP की सड़कों पर अब भारतीय मानक ब्यूरो के मानकों से तैयार बसें दौड़ेंगी

भोपाल: मध्यप्रदेश में यात्रियों को लेकर दौड़ने वाली बसों और वाहनों को अब वाहन स्वामी मनमर्जी से मोडीफाई या बॉडी निर्माण नहीं कर सकेंगे। प्रदेश में अब लोक सेवा वाहनों की बॉडी का निर्माण आटोमोबाइल उद्योग मानकों(AIS)

मानदंडों या भारतीय मानक ब्यूरो(BIS)के अनुसार ही किया जा सकेगा और ऐसे वाहन ही सड़कों पर दौड़ सकेंगे। एंबूलेंस को जीपीएस से लैस किया जाएगा और सार्वजनिक यात्री वाहनों और माल वाहनों का किराया और मालभाड़ा राज्य परिवहन प्राधिकारी निर्धारित करेंगे।

मध्यप्रदेश में अप्रैल से शुरु होंने वाली सार्वजनिक परिवहन सेवा के लिए परिवहन विभाग यह सब बदलाव करने जा रहा है। प्रदेश में अभी चार्टर्ड बस और अन्य वातानुकूलित यात्री वाहनों को लेकर हमेशा यह शिकायत आती है कि वाहनों को वाहन स्वामी अपने हिसाब से मोडीफाई करवाते है या वाहनों की बॉडी का निर्माण अमानक तरीकों से करवाते है। उसमें प्रयोग होंने वाली सामग्री घटिया और ज्वलनशील होती है जो हादसों का कारण बनती है। इस पर परिवहन विभाग रोक लगाने जा रहा है। अब प्रत्येक लोक सेवा वाहन की बॉडी का निर्माण एआईएस और बीआईएस मानकों के अनुसार किया जाएगा। मंजिली गाड़ी और ठेका गाड़ियों के संचालन की निगरानी और यात्रियों की सुविधा तय करने के लिए वाहन स्वामियों को

राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार उपकरण वाहन में लगवाने होंगे। परिवहन विभाग मार्ग और वाहन की प्रकृति के हिसाब से इसके लिए दिशा निर्देश जारी करेगा। राज्य परिवहन उपक्रम के अधिकारी इन वाहनों का निरीक्षण, परीक्षण करेंगे और इनके निर्देशों का पालन पंजीकृत बस मालिकोें के लिए अनिवार्य होगा।

*एंबूलेंस की होगी जीआईएस मैपिंग-*

प्रदेश में दौड़ने वाली सभी शासकीय, अर्द्धशासकीय और गैर सरकारी एबूलेंस जीपीएस से सुसज्जित होंगी और टोल फ्री नंबद 112 या राज्य सरकार द्वारा निर्धारित अन्य किसी नंबर के साथ वास्तविक समय में इसे जोड़ा जाएगा। इससे एबूलेंस पर नजर रखी जा सकेगी और उनका सदुपयोग संभव होगा। एंबूलेंस के नाम पर चलने वाली अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जा सकेगी।

वाहनों के संचालन के लिए नये सिरे से तय होंगे मार्ग-

प्रदेश में परिवहन अधिकारी के प्रस्ताव पर परिवहन विभाग नये सिरे से सार्वजनिक बसों को चलाने के लिए मार्ग तय करेगा। इसके लिए लाइसेंस जारी करने, मार्ग के लिए सड़क निर्माण, संधारणकर्ता शासकीय अभिकरण से प्रमाणपत्र ले सकेगा। इसमें सड़क की पुल-पुलिया के बारे में राय और वाहन संचालन में आने वाली बाधाओं पर भी मंथन होगा। मार्ग पर ग्राम, कस्बों की दूरी, मौसम के अनुसार वाहनों के संचालन योग्य होंने की जानकारी, दुर्घटना संभावित क्षेत्र पर भी विचार किया जाएगा।

वाहन का विवरण देना जरुरी नहीं, अनुज्ञा पत्र विभाग के नाम-

प्रदेश में जो सार्वजनिक वाहन चलेंगें उनके आवेदक अब राज्य परिवहन उपक्रम होगा। इसलिए इन वाहनों का आवेदन में विवरण देना जरुरी नहीं होगा। राज्य परिवहन के स्वामित्व वाले वाहन का पंजीकरण चिन्ह दर्ज किया जाएगा। इसके बाद अनुज्ञा पत्र जारी होगा। इसमें डीलक्स बस, वातानुकूलित बस चालक सहित 36 सीट , एक्सप्रेस बस चालक सहित 46 सीट और साधारण बस चालक सहित 51 सीट से कम नहीं होगी।

बसों में व्यापारिक माल एवं पार्सल ले जाने की अनुमति-

यात्री वाहनों में अब यात्रियों को उनके सामान, निजी वस्तुओं के अलावा व्यापारिक माल एवं पार्सल ले जाने की अनुमति होगी। ऐसे व्यापारिक माल और पार्सल का भार उस वाहन के भार के दस प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। पंजीकरण प्रमाणपत्र से अधिक भार का सामान परिवहन नहीं होगा। उल्लंघन या जोखिम पर माल को उतारा जाएगा और शर्त उल्लंघ्ज्ञन पर कार्यवाही होगी। विस्फोटक सामग्री का परिवहन नहीं किया जाएगा। ई वे बिल या अन्य दस्तावेज के अधीन माल का परिवहन होगा।

*आनलाईन पोर्टल पर शिकायत-*

सार्वजनिक बसों के यात्रियों की शिकायतों की सुनवाई के लिए आनलाईन पोर्टल बनेगा। इस पर दर्ज शिकायतों का पंजीकरण, निगरानी और निराकरण करने के लिए इंतजाम होगा। जुर्माना भी लगाया जा सकेगा।

ग्रामीण, नगरीय, उपनगरीय मार्ग बनेंगे- कोई मार्ग जो गांव को अन्य गांव से जोड़ा हो अथवा किसी ग्राम को तहसील मुख्यालय या नगर पालिक निगम , नगर पालिका, नगर पंचायत के अंतर्गत नगरीय क्षेत्र से जोड़ता हो ऐसे ग्रामीण मार्ग कहलाएंगे।

नगर पालिक निगम की सीमा के अंतर्गत नगरीय मार्ग, उपनगरीय क्षेत्र तक विस्तारित नगरीय मार्ग जिसमें पांच स्टापेज नगरीय क्षेत्र में होंगे वे नगर पालिक क्षेत्र सीमा में होंगे।

किराया और मालभाड़ा सरकार तय करेगी-

बसों और मालवाहक वाहनों का किराया और मालभाड़ा राज्य सरकार तय करेगी। वहीं रियायती योजनाएं भी सरकार ही तय करेगी।