*सारे अफसर बच गये*
राजधानी भोपाल में एक ऐसी काॅलोनी है जहां प्रदेश के वरिष्ठ अफसरों के अवैध बंगले बने हैं। अवैध इसलिये कि नगर निगम से मिली अनुमति से कई गुना निर्माण कर लिया गया है। इस काॅलोनी के बिल्डर के यहां आयकर छापा पड़ा था, जिसमें मिली डायरी में साफ साफ लिखा था कि किस अफसर ने कितनी राशि दो नम्बर में दी है। बताया जाता है कि अधिकांश अफसरों के नाम 70 लाख से एक करोड़ की एंट्री मिली थी। पूरी पडताल के बाद भी आयकर विभाग किसी भी अधिकारी पर शिकंजा नहीं कस सका। भारी तादाद में दो नम्बर का लेनदेन करके भी सभी अधिकारी सबूत के अभाव में दूध के धुले साबित हो गये हैं।
*कांग्रेस में घबराहट और बेचैनी!*
पांच राज्यों के चुनाव परिणामों से मप्र कांग्रेस नेताओं खासकर विधायकों में खासी घबराहट और बेचैनी देखी जा रही है। लंबे समय से विपक्ष में बैठे कांग्रेस नेताओं को अब 2023 में भी कोई उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है।
मप्र कांग्रेस के पास न तो कोई चमत्कारिक नेता है और न कमलनाथ सरकार के 18 महीने के कार्यकाल की कोई महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिसके दम पर वह 2023 की बैतरणी पार करने की क्षमता रखती हो। मुखबिर का कहना है कि मप्र कांग्रेस के कई विधायक अब भाजपा और आम आदमी पार्टी में अपना भविष्य तलाशने में लग गये हैं। यहां तक अटकलें शुरू हो गई हैं कि कांग्रेस विधायकों का बड़ा खेमा पाला बदलने पर विचार कर रहा है।
*सीएम और वेटिंग सीएम की काॅलोनी*
भोपाल का श्यामला हिल्स अब सीएम और वेटिंग सीएम की काॅलोनी बनता जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सरकारी निवास इसी पहाड़ी पर बना है। इसके ठीक सामने कांग्रेस के सीएम पद के दावेदार कमलनाथ का घर है।
भाजपा से मुख्यमंत्री पद के नये दावेदार ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी इसी पहाड़ी पर सरकारी बंगला आवंटित कर दिया गया है। संयोग से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और उमा भारती के सरकारी बंगले भी इसी पहाड़ी पर हैं, जिन्हें सीएम बनने के सपने अभी भी आते हैं। श्यामला हिल्स को वेटिंग सीएम काॅलोनी भी कह सकते हैं।
*तीन रिटायर डीजी बने ज्योतिषी*
यह सुनने में थोड़ा अजीब लगेगा, लेकिन मप्र कैडर के डीजी स्तर से रिटायर तीन आईपीएस अधिकारियों की पहचान अच्छे ज्योतिषी के रूप में भी होने लगी है। इनमें एक ऋषि कुमार शुक्ला सीबीआई चीफ भी रह चुके हैं। शुक्ला मप्र के डीजीपी भी रहे हैं। उन्हें ज्योतिष का खासा ज्ञान हैं। लेकिन वे व्यवसायिक रूप से इसका उपयोग नहीं करते हैं। रिटायरमेंट के बाद ज्योतिष की पुस्तकें पढ़कर अपनी नाॅलेज बढाते रहते हैं। पूर्व डीजीपी नन्दन दुबे की भी ज्योतिष में गहरी पकड़ है। उनके साथ काम करने वाले अफसर बताते हैं कि दुबे की अनेक भविष्यवाणी सटीक रहती थीं। रिटायर परिवहन आयुक्त एसएस लाल तो घोषित ज्योतिषी बन गये हैं। प्रदेश के कई अफसर भी अपनी जन्म कुंडली लेकर उनके दरवाजे पर पहुंचते हैं।
*आईपीएस उपेन्द्र जैन का संकल्प पूरा*
इस सप्ताह मप्र कैडर के वरिष्ठ आईपीएस उपेन्द्र जैन का एक बलात्कारी को कड़ी सजा दिलाने का संकल्प पूरा हुआ तो उन्होंने राहत की सांस ली है। दरअसल उपेन्द्र जैन जब भोपाल के आईजी के पद पर थे, तब कथित पत्रकार प्यारे मियां द्वारा मासूम बच्चियों को शराब पिलाकर उनके साथ बलात्कार का सनसनीखेज मामला सामने आया था।
राज्य सरकार इस मामले में कड़ी कार्रवाई चाहती थी। बताते हैं कि इस घटना से उपेन्द्र जैन खुद भी बहुत आहत थे। उन्होंने सरकार से वायदा किया था कि अब प्यारे मियां का जनाजा ही जेल से बाहर आएगा। इस सप्ताह कोर्ट ने प्यारे मियां को अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई तो उपेन्द्र जैन ने संकल्प पूरा होने पर राहत महसूस की है।
*कमलनाथ का चश्मा*
मप्र कांग्रेस में कमलनाथ के चश्मे को लेकर खूब चटकारे लिये जा रहे हैं। चर्चा है कि पार्टी के दो चतुर विधायकों ने कमलनाथ की आंखों पर ऐसा चश्मा चढा दिया है कि कमलनाथ को वही नजर आता है, जो यह विधायक दिखाना चाहते हैं। कांग्रेस संगठन में मालवा और महाकौशल के इन विधायकों की तूती बोल रही है।
मजेदार बात यह है कि कांग्रेस के नेताओं और विधायकों को कमलनाथ से मिलने के लिये इन दो चतुर विधायकों से मदद लेनी पड़ती है। इन दोनों विधायकों ने कांग्रेस के कई नेताओं और विधायकों की कमलनाथ से दूरी बनवा रखी है। हाल यह है कि अजय सिंह, अरूण यादव, जीतू पटवारी, कांतिलाल भूरिया जैसे दिग्गज नेता फिलहाल पूरी तरह हांसिये पर हैं। मुखबिर का कहना है कि जीतू पटवारी ने अपना अलग गुट बनाना शुरु कर दिया है।
*और अंत में….*
बुंदेलखंड के दो मंत्रियों के बीच चल रहे शीतयुद्ध में अब ज्योतिरादित्य सिंधिया की एंट्री हो गई है। बुंदेलखंड के सीनियर मंत्री इसी क्षेत्र के जुनियर मंत्री के निशाने पर हैं। सीनियर मंत्री के साढू को भ्रष्टाचार के आरोप में जेल भिजवाने पर भी जूनियर मंत्री संतुष्ट नहीं हुए तो उनके इशारे पर सीनियर मंत्री के लाड़ले बेटे की एक फाइल प्रवर्तन निदेशालय भेज दी गई। वैसे सीनियर मंत्री भी राजनीति के चतुर खिलाड़ी हैं। उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र के एक आयोजन में ज्योतिरादित्य सिंधिया को बुला लिया। सिंधिया ने भी छाती ठोंककर एलान कर दिया कि वे हरहाल में सीनियर मंत्री के साथ हैं। सिंधिया का साथ मिलने से सीनियर मंत्री ने गहरी राहत की सांस ली है।