Khargone Choupal: खरगोन में महिला राज

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Khargone Choupal:

खरगोन में महिला राज

खरगोन जिले में महिला राज का बोलबाला है। अधिकांश महत्वपूर्ण पदो पर महिलाओ का राज है। जिले में पहली बार एक साथ विभिन्न विभागो पर महिलाऐं विराजमान है। कलेक्टर अनुग्रहा पी, मण्डलेश्वर एसडीएम दिव्या पटेल, भीकनगांव एसडीएम सिराली जैन, आरटीओ श्रीमति बरखा गौड, नगरपालिका सीएमओ प्रियंका पटेल, महिला बाल विकास अधिकारी श्रीमति रत्ना शर्मा, पुलिस लाईन में आरआई श्रीमति रेखा रावत और महिला सेल व महिला थाने में डीएसपी अंजलि रघुवंशी महत्वपूर्ण पदो पर है।

Khargone Choupal: खरगोन में महिला राज -

अब शासन ने खरगोन में महिला सशक्तिकरण को और मजबूत करने के लिये अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के ठीक बाद पीएचई विभाग की कार्यपालन यंत्री बनाकर मंजू सिह को भेज दिया है। गर्मी के पहले अब मंजू सिह पर भी बडी जबाबदारी होगी लोगो को भीषण गर्मी के मौसम में पानी पीलाने की चुनौती। खरगोन जिला प्रदेश में सम्भवत ऐसा पहला जिला होगा जहाॅ महिला का राज चल रहा है। जिले विभाग प्रमुख पर जहाॅ महिलाओ का बोलबाला है लेकिन कार्यालयो में अधीनस्थो कर्मचारियों में भी महिलाऐ कार्यरत है। तहसीलदार, डाक्टर, इंजीनियर, प्राचार्य, शिक्षक पटवारी, सहित कई विभागो में शाखा प्रमुख महिलाऐं है।

शासन कुछ विभागो में विभाग प्रमुख बनाकर अगर महिलाओं की और तैनाती कर देता है तो खरगोन जिला प्रदेश ही नही देश में उदाहरण पेश करेगा। कुल मिलाकर शासन ने खरगोन जिले में महिला कलेक्टर के सहयोग लिये महिला अधिकारीयो की तैनाती कर रखी है। महिला सशक्तिकरण की नजर से देखे तो खरगोन में तो महिलाओं ने पुरूषो को पिछे छोड रखा है। महिलाओं की तैनाती कई लोगो को रास भी नही आ रही है। विशेष रूप से पक्ष और विपक्ष के नेता और जनप्रतिनिधि महिलाओ पर अपनी मनमर्जी के काम करने का दबाब नही बना पाते है। विशेषकर सत्ताधारी दल के छुटभैया नेता महिलाओ पर अपना रौब नही जमा पा रहे है।

चार राज्यो में कांग्रेस की करारी हार के बाद कांग्रेस में खलबली

पाॅच राज्यो के विधानसभा चुनावो में कांग्रेस की करारी हार के बाद कांग्रेस में खलबली मची है। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरूण यादव के एक ट्वीट ने एक तीर से कई निशाने लगाये है वही जिले में मजबूत कांग्रेस के कार्यकर्ता को समझ नही आ रहा है की 2023 में कैसे 2018 जैसा माहौल तैयार करेगे। कांग्रेस के वर्तमान राजनैतिक परिदृश्य में देख तो कांग्रेस के नेता को लग रहा है की जनता हमे फिर सत्ता दिला देगी।

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खरगोन जिले में 2018 में कांग्रेस भाजपा का 6 विधानसभा क्षेत्र में सफाया कर दिया था। लेकिन फिलहाल सभी नेता और विधायक अपने अपने क्षेत्र तक ही सीमित नजर आ रहे है। खरगोन में भले फिलहाल कांग्रेस मजबूत दिख रही हो लेकिन चुनावो में माहौल प्रदेश से बनाता है। प्रदेश में कांग्रेस के क्या हालात आप देख सकते है की 20 मार्च को कमलनाथ सरकार के गिरने के दूसरे वर्ष लोकतंत्र सम्मान दिवस पर आयोजित रैली विरोध प्रदर्शन में मात्र दो पूर्व मंत्री पीसी शर्मा और सचिन यादव ही शामिल हुए। पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिह सहित पार्टी के दिग्गज नेता महत्वपूर्ण आयोजन में नदारद रहे। यही कमी है कांग्रेस की अगर भाजपा होती तो भोपाल की सडक जाम कर देती।

खरगोन में पूर्व कृषि मंत्री बालकृष्ण पाटीदार ने बढाई सक्रियता 

प्रदेश के पूर्व कृषि मंत्री बालकृष्ण पाटीदार ने ने विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर सक्रिय हो गये। हलाकि कांग्रेस के रवि जोशी से चुनाव हारने के बाद भी क्षेत्र में समाजिक गतिविधियों से पूर्व मंत्री जुडे रहे थे। निमाड के सफेद शेर बालकृष्ण पाटीदार ने अब चुनावी जमावट बिछाना शुरू कर दी है। बालकृष्ण पाटीदार और उनके सुपुत्र नितिन पाटीदार क्षेत्र में लगातार दौरे कर रहे है।

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द काश्मीर फाइल्स फिल्म दिखाने का मामला हो या समाजिक धार्मिक गतिविधियों में नितिन पाटीदार ने अपनी टीम को पुनः सक्रिय कर दिया है। पाटीदार, यादव बाहुल्य इलाके में नितिन शादि समारोह से लेकर हर सुख दुख के कार्यक्रमो में दस्तक दे रहे है। पूर्व मंत्री बालकृष्ण पाटीदार ने करीब एक दर्जन आदिवासी बाहुल्य रामपुरा (जुलवानिया) के कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल कराकर संकेत दे दिये है की 2023 में उनकी दावेदारी मजबूत होगी। हलाकि भाजपा में भाजपा जिला अध्यक्ष राजेन्द्र राठौर, कल्याण अग्रवाल, हाल ही में प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष बने संघ के कार्यकर्ता श्याम महाजन और बाबूलाल महाजन सहित कई दावेदार ताल ठौक रहे है।

यूपी में सफल रहे राजकुमार

महेश्वर विधानसभा में वापस भाजपा में शामिल होने के बाद यूपी विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिये गये पूर्व विधायक राजकुमार मेव सफल रहे है। उत्तरप्रदेश विधानसभा के चुनाव में प्रयागराज में पूरे समय पार्टी के लिये प्रचार करने के बाद प्रयागराज की 13 में 10 सीट में भाजपा की जीत ने राजकुमार का कद बढाया है। हलाकि यूपी में जीत का श्रेय मोदी योगी की जोडी को ही जाता है लेकिन राजकुमार मेव अब वापस संघ और संगठन की नजर में आ गये है। निसंदेह ही राजकुमार को 2023 में इसका लाभ मिल सकता है।

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निमाड मालवा से और भी कई नेता चुनाव प्रचार को लेकर गये थे लेकिन वहाॅ के वीजेपी के नेताओ को सफलता नही मिली। इन दिनो वापस महेश्वर में राजकुमार मेव सक्रिय हो गये है। गौरतलब है की भाजपा ने 2018 में भूपेन्द्र आर्य को उम्मीदवार बनाने पर नाराज मेव ने निर्दलीय चुनाव लड लिया था। अब सांसद गजेन्द्र सिह पटेल के प्रयास से मेव की भाजपा में वापसी हुई है। 2023 में एक अनार और सौ बिमार के तर्ज पर इस आरक्षित सीट लिये कई दावेदार है। लेकिन राजकुमार मेव की सक्रियता बढने से महेश्वर क्षेत्र दोनो ही प्रमुख दल में अभी से हलचल शुरू हो गई है।

और अंत में – 

चर्चा है की मण्डलेश्वर अनुभाग में नियम विरूद्ध कई जमीनो के डायवर्सन हो गये है। अनियमितताएं की खबर के बीच अब कागज निकाले जा रहे है। ये खबर राजधानी के गलियारे तक पहुंच गई है। हलाकि कलेक्टर के अवकाश पर होने से फिलहाल प्रशासनिक हलचल नही है। लेकिन खरगोन में कई कालोनियों की फाईल टेबलो पर पढी है। नियमानुसार नही होने पर कलेक्टर कार्यवाही नही कर रही है। ऐसे समय में मण्डलेश्वर अनुभाग में जमीन से जुडी फाईलो के कागज बहार आने के बाद मामला तूल पकड सकता है ?