New Delhi : महाराष्ट्र के NCP नेता नवाब मालिक की तत्काल रिहाई की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। दाऊद इब्राहिम से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार नवाब मलिक की याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि इस चरण में दखल नहीं देंगे। वो जमानत के लिए अर्जी दाखिल कर सकते हैं। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि जांच के इस चरण में मामले में दखल देने के पक्ष में नहीं है। कोर्ट इस स्तर पर हस्तक्षेप नहीं कर रहा।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हाईकोर्ट की टिप्पणियां केवल इस बात तक सीमित हैं कि अंतरिम राहत दी जानी थी या नहीं! ये कानून में उपलब्ध उपायों का सहारा लेने के रास्ते में नहीं आएगा। वहीं नवाब मलिक की और से वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्हें 2022 में कैसे गिरफ्तार किया गया, जब मामला 1999 का है! स्पेशल कोर्ट 5000 पेज की चार्जशीट के चलते जमानत नहीं देगा। पहली नजर में मेरे खिलाफ कोई केस नहीं बनता है। ये प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (PMLA) केस नहीं बनता।
नवाब मलिक ने बॉम्बे हाईकोर्ट के याचिका खारिज करने के फैसले को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट से तत्काल रिहाई की मांग की थी। मलिक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया था। उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्यवाही रद्द करने और उन्हें तत्काल रिहा किए जाने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने 15 मार्च को अंतरिम राहत देने से इन्कार कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि सिर्फ इसलिए प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत विशेष अदालत के उन्हें हिरासत में भेजने के आदेश को अवैध या गलत नहीं कहा जा सकता, क्योंकि वह उनके पक्ष में नहीं है।
नवाब मलिक पर आरोप है कि उन्होंने मुंबई के कुर्ला स्थित मुनिरा प्लंबर की 300 करोड़ रुपए की जमीन 30 लाख रुपए में खरीदी थी और उसमें भी पेमेंट 20 लाख रुपए का किया गया था. इस जमीन के मालिक को एक रुपया नहीं दिया गया. बल्कि उनसे ये जमीन पॉवर ऑफ एटॉर्नी के जरिए अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से संबंधित और मुंबई बम ब्लास्ट के आरोपी व्यक्तियों के नाम करवाई गई। इसके बाद नवाब मलिक के बेटे फराज मलिक के नाम ये जमीन ले ली गई। इसके बदले में दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के खाते में 50 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए।
मलिक फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में हैं। उनकी गिरफ्तारी एक भूमि सौदे के मामले में 23 फरवरी को हुई थी। उन्हें पहले ED की हिरासत में भेजा गया था, फिर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।