Congress & PK Friendship Broken : कांग्रेस में शामिल नहीं हो रहे प्रशांत, पार्टी से उनकी बातचीत टूटी!

कांग्रेस ने PK को पार्टी को पुनर्जीवित करने में पूरी आजादी नहीं दी

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New Delhi : कांग्रेस में प्रशांत किशोर को शामिल करने को लेकर अंतर्विरोध नजर आ रहा था। अब असमंजस खत्म हो गया। सोनिया गांधी ने उन्हें पार्टी को पुनर्जीवित करने पूरी आजादी के साथ काम करने की छूट नहीं दी। इसके अलावा I-PAC का तेलंगाना राष्ट्र समिति के साथ किया गया गठजोड़ भी कांग्रेस और PK के बीच बातचीत टूटने की वजह माना जा रहा है।

चुनाव रणनीति के जानकार माने जाने वाले प्रशांत किशोर (PK) कांग्रेस में शामिल नहीं हो रहे।, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करके यह जानकारी दी। कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया था। लेकिन, PK को कांग्रेस में शामिल करने को लेकर शुरू से ही अंतर्विरोध था। आज यह असमंजस भी समाप्त हो गया। हालांकि, इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (I-PAC) का तेलंगाना राष्ट्र समिति के साथ किया गया गठजोड़ इस वार्ता के टूटने की वजह माना जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, प्रशांत किशोर ने खुद ये घोषणा की, कि वे कांग्रेस में शामिल नहीं होंगे। हालांकि, उन्होंने इसकी कोई तात्कालिक वजह नहीं बताई।

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के अधिकार प्राप्त कार्य समूह यानी ‘एंपावर्ड एक्शन ग्रुप’ में शामिल होने के प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया। इस कार्यसमूह को 2024 के आम चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक चुनौतियों को ध्यान देने के लिए गठित किया गया है। जानकारी बताती है कि पार्टी ने उन्हें पार्टी को पुनर्जीवित करने पूरी आजादी के साथ काम करने की छूट नहीं दी है।

रणदीप सुरजेवाला ने मंगलवार को ट्वीट कर बताया कि प्रशांत किशोर ने स्वयं कांग्रेस में शामिल होने से इनकार कर दिया।

मालूम हो कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रशांत किशोर को कांग्रेस में शामिल करने और उनके 2024 के लिए मिशन के प्रस्तावित विजन को आगे बढ़ाने पर विचार करने के लिए समिति का गठन किया था। इस 13 सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष को सौंप दी। कांग्रेस नेताओं की सोमवार को इस बाबत बैठक भी हुई थी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी समेत कई नेता प्रशांत किशोर को कांग्रेस में लाए जाने के पक्ष में थे, लेकिन दिग्विजय सिंह समेत तमाम नेताओं ने इसको लेकर अपनी आशंकाएं जाहिर की थीं।

कई अड़चनें दिखाई दी

प्रशांत किशोर और कांग्रेस के बीच बात बनने के बीच कई अवरोध थे। लेकिन, TRS का I-PACके साथ दो दिन पहले हुआ समझौता फ्लैश प्वाइंट बना। प्रशांत किशोर चाहते थे कि वो सीधे कांग्रेस नेतृत्व को रिपोर्ट करें। प्रशांत किशोर कहते रहे हैं कि उनका I-PAC से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन यह सर्वविदित है कि उनका इस संगठन में स्पष्ट प्रभाव है। टीआरएस और आईपीएसी के बीच गठजोड़ के पहले प्रशांत किशोर दो दिन हैदराबाद भी गए थे।