Amendment of IAS Service Rules : इस्तीफे के बाद भी IAS की शर्तों के साथ दोबारा बहाली संभव

केंद्र सरकार ने IAS अधिकारियों की सेवा संबंधी नियमों में संशोधन किया 

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Amendment of IAS Service Rules : इस्तीफे के बाद भी IAS की शर्तों के साथ दोबारा बहाली संभव

New Delhi : एक अधिसूचना के जरिए केंद्र सरकार ने नियमों में संशोधन किया है। इसके मुताबिक IAS अधिकारी इस्तीफा देने के बाद भी नौकरी में कुछ शर्तों के साथ बहाल हो सकते हैं। अधिसूचना में कहा गया है कि एक अधिकारी अपना इस्तीफा वापस ले सकता है, बशर्ते इस्तीफे का कारण उसकी ईमानदारी, दक्षता या आचरण पर कोई कमी नहीं रही हो! अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति लाभ) संशोधन नियम, 2011 ज्यादातर भारतीय सरकारी कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने के बाद भी सेवा में दोबारा बहाल होने का विकल्प देता है।

संशोधित नियमों के मुताबिक यदि कोई अधिकारी किसी निजी वाणिज्यिक कंपनी या निगम या सरकार के स्वामित्व वाली या नियंत्रित कंपनी में जाने के लिए इस्तीफा देता है, तो केंद्र सरकार इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध स्वीकार नहीं करेगी। इसके अलावा यदि उन्होंने किसी राजनीतिक दल या राजनीतिक आंदोलनों से जुड़े रहने के लिए इस्तीफा दे दिया है तब वह सरकार में दोबारा शामिल नहीं हो सकता। नियम 5(1ए)(i) कहता है कि केंद्र सरकार किसी अधिकारी को ‘जनहित में’ अपना इस्तीफा वापस लेने की अनुमति दे सकती है।

2013 में नियम में केंद्र सरकार (Central Govenrment) ने 28 जुलाई 2011 को एक अधिसूचना के माध्यम से संशोधन किया है। इसके तहत इस्तीफे की स्वीकृति के 90 दिन के भीतर इस्तीफा वापस लेने की अनुमति मिल सकटी है। यदि अधिकारी राजनीति में हिस्सा लेने वाले किसी भी राजनीतिक दल या संगठन से जुड़े होने के इरादे से इस्तीफा देता है, तो इस्तीफे को वापस लेने का अनुरोध केंद्र सरकार स्वीकार नहीं करेगी।

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उदाहरण के रूप में कश्मीर कैडर के IAS शाह फैसल ने 9 जनवरी 2019 को इस्तीफा दिया। लेकिन, उनका इस्तीफा अब तक स्वीकार नहीं किया गया और डीओपीटी की वेबसाइट अब भी उन्हें ‘सेवारत’ अधिकारी के रूप में दिखा रही है। इसलिए वह किसी भी समय अपना इस्तीफा वापस लेने और सेवा में फिर से शामिल होने के हकदार हैं।

किन परिस्थितियों में इस्तीफा स्वीकार

दोबारा बहाली की इच्छा नहीं रखने वालों को नौकरी में बनाए रखना सरकार के हित में नहीं है. इसलिए, सामान्य नियम यह है कि सेवा से किसी सदस्य का इस्तीफा स्वीकार किया जाना चाहिए, सिवाय नीचे दी गई परिस्थितियों को छोड़कर:

– जब सरकारी सेवा करने वाला कोई कोई अधिकारी या कर्मचारी निलंबित है, त्यागपत्र देता है, तो सक्षम प्राधिकारी को उसके खिलाफ लंबित अनुशासनात्मक मामले की जांच करनी चाहिए कि क्या इस्तीफा स्वीकार करना जनहित में होगा।

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– स्वीकृति से पहले इस्तीफा वापस लेना। यदि सरकारी सेवा में कोई आधिकारी या कर्मचारी त्यागपत्र देने के बाद सक्षम प्राधिकारी के उसे स्वीकार करने से पहले ही लिखित रूप से सूचना भेजकर दोबारा नौकरी में बहाली चाहता है, तो उसका इस्तीफा खुद-ब-खुद वापस हो जाएगा। फिर इस्तीफा मंजूर करने का कोई सवाल नहीं उठता।