UPSC में Selection के बाद ‘Unfit’ घोषित, लेकिन रच दिए कई कीर्तिमान! जानिए इस IAS की कहानी

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इस बात की कल्पना करने मात्र से रोंएं खड़े हो जाते हैं कि किसी युवा का कड़े संघर्ष और मेहनत के बाद IAS में सिलेक्शन हो जाए और उसे हेल्थ ग्राउंड पर  “Unfit” घोषित कर दिया जाए। तय है कि उसके सारे सपने मुट्ठी में रेत की तरह भरभराकर ढह जाएंगे। ऐसे में उस युवा की मन:स्थिति के बारे में सिर्फ सोचा ही जा सकता है! लेकिन, उसने हिम्मत नहीं हारी और चिकित्सकीय पैनल में जाकर अपने आपको स्वस्थ साबित कराया।

हम बात कर रहे हैं भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2010 बैच के अधिकारी आशीष सिंह की, जो इस समय उज्जैन के कलेक्टर हैं।

Unfi IAS

दरअसल आशीष को बचपन से ही ‘सोरायसिस’ नामक बीमारी रही, जो एक प्रकार का immune disorder है। इसके कारण त्वचा पर कुछ निशान बन जाते हैं। इस बीमारी के कारण UPSC में selection के बाद भी ‘unfit for all the services’ घोषित कर दिया गया। लेकिन, आशीष सिंह की संघर्ष की प्रवृत्ति यहाँ भी काम आई और चिकित्सकीय पैनल को उन्हें स्वस्थ घोषित करना पड़ा।

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के तेरवा गांव के रहने वाले आशीष सिंह ने विपरीत परिस्थितियों में इस मुकाम को हासिल किया। गांव में बिजली नहीं थी, तो घर पर केरोसिन lamp से पढ़ाई करनी पड़ती थी। घर में माहौल खेती किसानी का रहा, इसलिए परिवार में प्राथमिकता उसी से संबंधित कामकाज को मिलती थी। वे बताते हैं कि पिताजी ने मेरे टैलेंट और उत्साह को देखते हुए सौर ऊर्जा के लिए सोलर पैनल लगवाए तो दादा जी ने भारी विरोध किया लेकिन पिताजी, जो स्वयं टीचर थे,ने परिवार के हंगामे के बाद भी सोलर पैनल लगवाए

Unfit IAS (Mediawala.in)
Asheesh Singh IAS

सामान्य ज्ञान के लिए घर में कोई अखबार नहीं आता था तो इसमें मुझे BBC हिंदी ने बहुत मदद की। BBC की वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता पूर्ण खबरों के माध्यम से समग्र और संतुलित दृष्टिकोण देखने का नजरिया विकसित हुआ। इसका परिणाम यह हुआ जब मैं दिल्ली पहुंचा तो देश के सर्वश्रेष्ठ स्कूलों से पढ़े युवाओं के पास भी ऐसा नजरिया और ऐतिहासिक तथ्यों की जानकारी नहीं थी, जो मेरे पास थी। IAS के लिए माता-पिता और बड़े भाई ने हमेशा प्रेरित किया और मेरे आत्मविश्वास में कभी भी कमी नहीं आने दी।

पिताजी स्थानीय स्कूल में शिक्षक थे और उनके लिए कलेक्टर यानी सबसे बड़ा आदमी और वह मुझे सबसे बड़ा आदमी बनाना चाहते थे। भारी विरोध, अंतर्विरोध और संघर्षों के बाद आखिर पिताजी के सपने को पूरा कर ही दम लिया।
अपनी 11 साल के कार्यकाल में आशीष ने कई क्षेत्रों में इनोवेटिव कार्य कर विशेष पहचान बनाई और कई क्षेत्रों में कीर्तिमान बनाएं।

Unfit IAS (Mediawala.in)
Asheesh Singh IAS

इंदौर नगर निगम कमिश्नर के रूप में उन्होंने अपनी टीम के साथ महज 6 महीने में 13 लाख टन कचरा साफ करवाया। यह लगभग असंभव कार्य था, जो आशीष के योजनाबद्ध प्रयास से ही संभव हो पाया। इस उल्लेखनीय कार्य के लिए उनकी पहचान न सिर्फ प्रदेश, देश में वरन विदेशों में भी हुई। इसका प्रमाण यह है कि अमिताभ बच्चन ने उन्हें अपने लोकप्रिय शो कौन बनेगा करोड़पति में 2 अक्टूबर 2019 (महात्मा गांधी की 150 जयंती) के कार्यक्रम में विशेष रूप से आमंत्रित किया। आशीष सिंह के प्रयासों से ही स्वच्छ भारत अभियान की 2019 की रैंकिंग में इंदौर को लगातार तीसरी बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया।

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आशीष बताते हैं कि उन्हें अपने करियर में बैहर नक्सली क्षेत्र में पोस्टिंग के दौरान किए गए कार्य हमेशा याद रहेंगे जिनसे उन्हें वाकई संतुष्टि मिली है। नक्सल एरिया बालाघाट जिले के बैहर में SDM के रूप में राजस्व सेवाओं को पहुंचाने के साथ ही कोई 25 बंद पड़े स्कूलों को चालू कराया और core area से 1200 परिवारों का व्यवस्थित व्यवस्थापन कराया।
कोरोना काल में उनकी पोस्टिंग उज्जैन कलेक्टर के रूप में हुई जहां उन्होंने पूरी क्षमता और ताकत से, जन सहयोग के साथ कोरोना जैसी महामारी से उज्जैन को उबारा। इसी के साथ उज्जैन में महाकाल परिसर की विकास को लागू किया । इस योजना से महाकाल परिसर का क्षेत्र 2.2 हेक्टेयर से बढ़कर 20 हेक्टेयर हो जाएगा।

आशीष सिंह ने यह सिद्ध कर दिखाया है कि अगर युवा मन में जज्बा और कमिटमेंट हो तो किसी भी असंभव कार्य को संभव किया जा सकता है।