प्रदेश के बनेगी नई कृषि निर्यात नीति,निर्यात प्रोत्साहन योजना भी,22 करोड़ आवंटित

गेहूं के अलावा चावल, मसाले, संतरे का भी होगा  निर्यात

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भोपाल: पिछले एक माह में गेहूं निर्यात में देश का सिरमौर बना मध्यप्रदेश अब नई कृषि निर्यात नीति लागू करने जा रहा है। इसके अलावा निर्यात प्रोत्साहन योजना भी लागू की जाएगी। इसके लिए 22 करोड़ रुपए का प्रारंभिक बजट प्रबंधन भी हो गया है। इस नीति में प्रदेश से निर्यात के लिए निर्यातकों को मंडी फीस से छूट के अलावा अन्य कई तरह की सुविधाएं सरकार देने की तैयारी में है।

मध्यप्रदेश में नई कृषि निर्यात नीति 2022 के लिए राज्य सरकार ने 11 करोड़ रुपए का प्रबंध किया है। मंडी बोर्ड ने भी 11 करोड़ रुपए का बजट प्रबंधन किया है। नई कृषि निर्यात नीति में मध्यप्रदेश का ब्रांड डेवलप किया जाएगा। मध्यप्रदेश से ही क्वालिटी बेहतर हो और टेस्ट होकर ही यहां से भेजा जाए यह व्यवस्था की जाएगी। निर्यात के लिए जो भी पैरामीटर है उनके हिसाब से निर्यात होंने वाला अनाज, मसाले और फल तैयार किए जाएंगे।  गेहूं के अलावा, चावल, कोदो-कुटकी, मसाले, मिर्च के निर्यात की व्यवस्था भी की जाएगी।

निर्यातकों को निर्यात होंने वाली खाद्य सामग्री में मंडी फीस से छूट का प्रावधान तो किया ही जाएगा उसके अलावा भी कई तरह की सुविधाएं राज्य सरकार निर्यातकों को देगी। अभी महाराष्टÑ और गुजरात को लाजिस्टिक तथा हेंडलिंग में उनका खुद का सैटअप होंने से खर्चे कम होते है। मध्यप्रदेश को इस पर ज्यादा राशि खर्च करनी होती है। इसलिए हेंडलिंग और लाजिस्टिक की लागत कम करने के प्रावधान नई नीति में किए जाएंगे। मध्यप्रदेश सरकार इसके लिए खुद का अमला और सुविधाएं वहां विकसित करेगी।

निर्यात नीति बनाने और निर्यात बढ़ाने एक-एक लाख के दो विशेषज्ञ होंगे तैनात-
मध्यप्रदेश की निर्यात नीति तैयार करने और निर्यात बढ़ाने के लिए राज्य सरकार एक साल के लिए दो विशेषज्ञ तैनात करेगी। इनमें रेलवे के पूर्व अधिकारी कपिल रावत की तीन माह के लिए सेवाए ली थी। अब एक साल के लिए इनकी सेवाएं ली जाएंगी। इसके अलावा कृषि निर्यात, लेटर आॅफ क्रेडिट, कांट्रेक्ट , टेस्टिंग, हेंडओवर और अन्य मामलों के विशेषज्ञ की तैनाती भी की जाएगी। दो विशेषक एक साल के लिए रखे जाएंगे। इन्हें हर माह एक-एक लाख रुपए वेतन दिया जाएगा।

कृषि निर्यात प्रोत्साहन योजना होगी लागू-
कृषि निर्यात को प्रोत्साहित करने योजना लागू की जाएगी। इसमें निवेशकों को प्रोत्साहन देने की व्यवस्था की जएगी। उन्हें सिंगल विंडो से सुविधाएं देने और तरह-तरह की अन्य देशों की जानकारियां, बाजार दर और अन्य जानकारियां दी जाएगी।

एक माह में गेहूं निर्यात में देश का सिरमौर बना मध्यप्रदेश-
मध्यप्रदेश से मार्च 2022 में के वल 31 हजार मीट्रिक टन गेहूं का निर्यात हुआ था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर निर्यात बढ़ाने के लिए चलाए गए अभियान और मंडी बोर्ड के अधिकारियों की मेहनत का नतीजा यह रहा कि एक ही माह में मध्यप्रदेश से 5 लाख 86 हजार मीट्रिक टन गेहूं का निर्यात कर बीस गुना निर्यात वृद्धि हासिल की गई। भारत से होंने वाले कुल निर्यात का सर्वाधिक 38 प्रतिशत निर्यात मध्यप्रदेश से हुआ है।

27 प्रतिशत याने 4 लाख 7 हजार 612 मीट्रिक टन निर्यात कर गुजरात दूसरे और  एक लाख 85 हजार 246 मीट्रिक टन याने बारह प्रतिशत निर्यात कर पश्चिम बंगाल देश में तीसरे स्थान पर रहा है। मध्यप्रदेश से पिछले साल कुल दो लाख 8 हजार मीट्रिक टन अनाज का निर्यात ही किया गया था। गेहूं आयात करने वाले जो देश है उनमें प्रमुख रुप से यमन, कोरिया, यूएई, थाईलेंड, बांगलादेश, ओमान, वियतनाम, मलेशिया, मोजामबिक, कतर देश शामिल है।