Indian Export: पहली बार 100 अरब डॉलर के पार पहुंचा

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*बसंत पाल की विशेष रिपोर्ट*

नई दिल्ली: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के मुताबिक सितंबर माह के अंत में आए आंकड़ों के अनुसार भारत ने पिछली तिमाही में 101.89 बिलियन डॉलर का निर्यात किया। पहली बार हुआ कि भारत ने निर्यात (Export) के मामले में 100 बिलियन डॉलर की सीमा को पार किया है। सितंबर में ही भारत का Export 33.44 Billion Dollar था। जबकि, अगस्त माह में भारत ने 33.28 बिलियन डॉलर का निर्यात किया था। इस तिमाही में सबसे अधिक निर्यात, 35.17 बिलियन डॉलर, जुलाई माह में हुआ था। भारत के आर्थिक विकास को देखकर यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि भारत पुनः वैश्विक निर्यात का केंद्र बनने जा रहा है, जैसा वह मौर्य और गुप्त शासन के समय हुआ करता था।
आर्थिक विश्लेषक भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त कर रहे हैं। लेकिन, एक के बाद एक हर सूचकांक में भारतीय अर्थव्यवस्था द्वारा शानदार प्रदर्शन किया जा रहा है, जो बताता है कि भारत कोरोना के कारण प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था को सफलतापूर्वक दोबारा पटरी पर ला रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था का उत्थान इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि इसी समय चीनी अर्थव्यवस्था पतन की ओर अग्रसर है। इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर से लेकर रियल स्टेट तक हर क्षेत्र में चीनी अर्थव्यवस्था विपरीत दिशा में जा रही है।
भारत के निर्यात में वृद्धि एक ऐसे समय में आई, जब वैश्विक महामारी के कारण दुनिया की सप्लाई चेन बुरी तरह प्रभावित हो चुकी है। चीन जिसे दुनिया की फैक्ट्री का तमगा हासिल था स्वयं अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए जूझ रहा है। विश्व भर के आर्थिक विश्लेषक इस स्थिति को देखकर भयभीत हैं। इस आपदा को अवसर में बदलने के लिए मोदी सरकार ने पिछले वर्ष मार्च महीने में PLI योजना शुरू की जिसका तेजी से विस्तार हो रहा है। इस समय यह योजना अर्थव्यवस्था के 10 महत्वपूर्ण सेक्टर में कार्य कर रही है जिसमें आईटी और इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट, आधुनिक केमिस्ट्री सेल बैटरी, ऑटोमोबाइल्स और ऑटो कंपोनेंट, फार्मास्यूटिकल ड्रग्स, टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग आदि शामिल हैं।
मोदी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 400 Billion Dollar के निर्यात का लक्ष्य रखा है। अब तक दो तिमाही भी चुकी है, अर्थात सितंबर के आखिर तक भारत ने इस वित्तीय वर्ष का आधा समय पूरा कर लिया है। अब तक भारत का कुल निर्यात 197 Billion Dollar का हो चुका है। जबकि, पिछले वित्तीय वर्ष की प्रथम छमाही में भारत का कुल निर्यात 125.61 Billion Dollar था। अर्थात भारतीय निर्यात में वार्षिक वृद्धि दर की बात करें तो इसमें 56.92% का उछाल आया है, जबकि 2019 की तुलना में यह 23.84% बढ़ा है।
भारत के मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट अर्थात वस्तु निर्यात में 21.35% की वृद्धि कोई है। पिछले वर्ष के 56.38 Billion Dollar की तुलना में इस वर्ष भारत का मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट 33.44 Billion Dollar की बढ़ोतरी के साथ 84.75 बिलियन डॉलर हो गया है। मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट में वे वस्तुएं आती हैं जो भौतिक रूप से मौजूद होती हैं, जैसे लकड़ी के खिलौने, पेट्रोलियम आदि। इंजीनियरिंग गुड्स अर्थात ऐसी वस्तुएं जिनके निर्माण में तकनीकी श्रम लगाया गया हो उनका निर्यात भी पिछले वर्ष की तुलना में 36.7% बढ़ा है।
400 Billion Dollar के एक्सपोर्ट का लक्ष्य एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य लगता है, किंतु मोदी सरकार ने बैठने के बजाए काम करने पर विश्वास दिखाया है। टेक्सटाइल सेक्टर की बात करें तो ईश्वर अब तक टेक्सटाइल सेक्टर के लिए 33 Billion Dollar का लक्ष्य रखा गया है जो अगले वर्ष तक 44 Billion Dollar हो जाएगा। इसके अतिरिक्त ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल जैसे कई क्षेत्र हैं, जिसमें इसका लाभ की संभावना है। भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए 20 निर्माताओं द्वारा सरकार के पास आवेदन भेजा गया है।
इस समय चीन पावर क्राइसिस से जूझ रहा है जिसका सीधा असर उसके विनिर्माण क्षेत्र पर पड़ा है। जिआंगसू (Jiangsu), झेजियांग (Zhejiang) और गुआंगदोंग (Guangdong) जैसे राज्य जिन्हें मैन्युफैक्चरिंग हब की संज्ञा मिली हुई है, बिजली आपूर्ति की समस्या से जूझ रहे हैं। यह तीन राज्य ही चीनी अर्थव्यवस्था के एक तिहाई भाग के बराबर है। इन तीनों राज्यों में बिजली खपत पर लगाए गए प्रतिबंध का सीधा असर चीन के निर्यात पर पड़ रहा है।
एक और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की नीतियों के कारण चीनी विनिर्माण क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हो रहा है वहीं, दूसरी ओर मोदी सरकार की नीतियों के कारण भारत में नई-नई निर्माण इकाइयां लग रही है, और विदेशी निवेश आकर्षित हो रहा है। पिछले दिनों ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने वक्तव्य में कहा था कि भारत चीन के हर प्रश्न का उत्तर है।’ मोदी सरकार ने यह साबित कर दिया है कि ग्लोबल सप्लाई चेन में चीन का जो विकल्प दुनिया खोज रही है वह भारत ही है।