दिल्ली से अजय कुमार चतुर्वेदी की खास खबर
नई दिल्ली: कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी कोरोना के इलाज के लिए इन दिनों दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती है। इसके पहले जून माह की शुरुआत में वे कोरोना संक्रमित हो गई थीं। इसे महज एक संयोग ही कहा जाएगा कि नेशनल हेराल्ड से जुड़े कथित मनी लाउंडरिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने श्रीमती गांधी को आठ जून को पेश होने का सम्मन भेजा था, उनके कोरोना पीड़ित होने के कारण ईडी ने उन्हें 23 जून को तलब किया है। लेकिन उन्हें शनिवार को तबियत ठीक न होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया। ऐसे में कि वे ED से कोई और तारीख देने का आग्रह कर सकती है।
हालांकि दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में कुछ और ही कयास लगाए जा रहे। जानकारों का कहना है कि क्यूंकि श्रीमती गांधी कोरोना संबंधित परेशानियों के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती है, लेकिन अगर स्थिति में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ तो इलाज के लिए उनके विदेश जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। अगर ऐसा हुआ तो ED को फिर इंतजार करना पड़ेगा और श्रीमती गांधी से हरी झंडी मिलने के बाद ही बुलाने के लिए तीसरा सम्मन जारी करना होगा।
बहरहाल, कांग्रेस के विरोध के बीच पार्टी के नेता और सांसद राहुल गांधी आज ईडी के सामने पेश हुए। इस मामले में कांग्रेस को अन्य दलों का साथ नहीं मिला। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी के ईडी के सामने उपस्थित होने के कांग्रेस के विरोध को नाटक करार दिया और कहा कि जब TMC के नेताओं को जांच एजेंसी ने बुलाया था तब कांग्रेस ने चुप्पी साध ली थी। भाजपा की नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आरोप लगाया कि वास्तव में कांग्रेस का विरोध गांधी परिवार की दो हजार करोड़ रुपये की संपत्ति बचाने के लिए है, जो नेशनल हेराल्ड की आड़ में मनी लाउंडरिंग से कमाया गया है।
तमाम जद्दोजहद के बाद राहुल गांधी तो सोमवार को जांच एजेंसी के सामने उपस्थित हो गये। अब सबकी नजरें सोनिया गांधी के अगले कदम पर है।