तीन महिलाओं को टिकट दिलाकर फंसे सांसद (MPS Trapped By Getting Tickets To Three Women)….

813

 तीन महिलाओं को टिकट दिलाकर फंसे सांसद (MPS Trapped By Getting Tickets To Three Women)….
– मालवा में इंदौर के भाजपा सांसद शंकर लालवानी नगर निगम में तीन महिलाओं को टिकट दिलाकर संकट में फंस गए हैं। भाजपा के अंदर ही बगावत के हालात हैं। उनकी कृपा से टिकट हासिल करने वाली इन महिला नेत्रियों के खिलाफ कई बागी मैदान में उतर गए हैं। वार्ड क्रमांक 66 की प्रत्याशी कंचन गिदवानी के खिलाफ डेढ़ दर्जन से ज्यादा निर्दलियों ने मोर्चा संभाल रखा है। वार्ड क्रमांक 6 की संध्या यादव के खिलाफ भी भाजपा से टिकट मांगने वाले कई दावेदार मैदान में हैं। वार्ड क्रमांक 42 की मुद्रा शास्त्री की शिकायत भोपाल तक पहुंची है। अकेले बागी ही इन प्रत्याशियों के सामने मुसीबत नहीं हैं, इन्हें इंदौर के कई बड़े नेताओं का समर्थन भी हासिल है। सवाल यह है कि सांसद ने आखिर इन महिलाओं की सफारिश क्यों की? मजेदार बात यह है कि महिलाओं के लिए आरक्षित वार्डों से तो महिलाएं मैदान में हैं ही, अनारक्षित वार्ड में किसी पुरुष को उम्मीदवार बनना था लेकिन सांसद ने वहां भी पुरानी महिला प्रत्याशी का समर्थन कर दिया। इस कारण भी कार्यकर्तार्ओं में नाराजगी है। सांसद ऐसी महिला प्रत्याशियों को चुनाव कैसे मैनेज कर जिताते हैं, इस पर सभी की नजर है। हालांकि प्रदेश स्तर से पार्टी मान मनौव्वल के लिए सक्रिय हो गई है।

WhatsApp Image 2022 06 27 at 10.01.50 AM

विधायकों के लिए मुसीबत बनें निकाय चुनाव....
– भाजपा और कांग्रेस की विचारधारा अलग है। दोनों दलों ने निकाय चुनाव में टिकट वितरण के लिए अलग-अलग मापदंड अपनाए हैं। बावजूद इसके एक मसले पर भाजपा और कांग्रेस ने एक जैसा रुख अपनाया है। इस रुख ने हर विधायक की नींद उड़ा रखी है। भाजपा और कांग्रेस नेतृत्व ने साफ कर दिया है कि जिस विधायक के क्षेत्र के नगरीय निकाय में पार्टी हारी, विधानसभा के अगले चुनाव में उसका टिकट कट सकता है। इस मापदंड के कारण विधायकों के लिए निकाय चुनाव मुसीबत बन गए हैें। इतना ही नहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने यह भी कहा है कि जिस दावेदार ने अपने क्षेत्र में टिकट दिलवाए हैं, वहां जीत की जिम्मेदारी भी उसी की है। यदि उनका कंडीडेट हारा तो विधानसभा चुनाव के दौरान उसके नंबर घट जाएंगे। इस क्राइटेरिया के कारण विधायक भाजपा के हों या कांग्रेस के, प्रत्याशी उनकी पसंद का हो या नहीं, उसे जिताने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। कांग्रेस से विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदार नेता भी मोर्चे पर डट गए हैं। विधानसभा चुनाव में ये दल क्या निर्णय लेते हैं, यह तब पता चलेगा लेकिन फिलहाल तो विधायकों ने निकाय चुनावों को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है।

bjp

क्या होगा शोभा का अगला राजनीतिक कदम….
– कांग्रेस नेत्री शोभा ओझा का अब क्या होगा? लगभग दो साल बाद मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद वे कहीं की रहीं भी या नहीं? यह सवाल इसलिए पैदा हो रहा है क्योंकि संगठन में विधानसभा चुनाव से पहले उनके पास जो दायित्व था, वह अब केके मिश्रा के पास है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ अब मिश्रा को बदलने वाले नहीं हैे। इसलिए सवाल पैदा हो रहा है कि शोभा के इस समय इस्तीफा देने के मायने क्या हैं? कमलनाथ ने उन्हें आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया था। भाजपा सरकार आने के बाद भी वे दो साल तक पद पर बनी रहीं। तब भी जब सरकार उन्हें कोई मदद नहीं कर रही थी। अचानक नगरीय निकाय चुनावों के बीच उन्होंने पद छोड़ दिया। इसे लेकर दो तरह की राय है। कांग्रेस के एक पदाधिकारी का कहना था कि ओझा अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतित हैं। इसलिए संगठन में काम करने के उद्देश्य से उन्होंने पद छोड़ दिया। दूसरी राय है कि उनकी योजना आयोग का पद छोड़कर एक बार फिर इंदौर की किसी सीट वे विधानसभा चुनाव की तैयारी करने की है। वजह जो भी हो लेकिन इस्तीफा देने के बाद शोभा ओझा को लेकर कयासों का दौर जारी है। उनका राजनीतिक भविष्य अधर में है।

WhatsApp Image 2022 06 27 at 10.03.47 AM

‘मुझे ठोकना भी आता है’ पर नेतृत्व की आपत्ति….
– लगता है भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और विवादों का ‘चोली-दामन’ जैसा साथ हो गया है। मसला नाथूराम गोडसे का हो, नूपुर शर्मा का या फिर हिंदुत्व या सनातन धर्म से जुड़ा कोई अन्य मामला, साध्वी चर्चा के साथ विवादों में रहती हैं। कई बार उनके बयानों के लिए उन्हें भाजपा नेतृत्व द्वारा तलब कर हिदायत दी जा चुकी है। ताजा विवाद साध्वी को अंडर वर्ल्ड से मिली धमकी और उसे लेकर दिए जवाब से पैदा हुआ है। अंडर वर्ल्ड से उन्हें जान से मारने की धमकी मिली। उन्होंने इसकी शिकायत दर्ज कराई, यहां तक सब ठीक था लेकिन दो दिन बाद ट्वीट कर जब उन्होंने धमकी देने वालों को जवाब दिया तो उन्हें फिर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कार्यालय तलब कर लिया। पार्टी नेतृत्व को साध्वी द्वारा जवाब देने पर कोई एतराज नहीं है लेकिन उनके द्वारा जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया, उसके कुछ शब्दों को लेकर आपत्ति है। चूंकि वे एक संत हैं, इसलिए पार्टी मानती है कि उनकी भाषा संयत और शालीन होना चाहिए लेकिन जवाब में उन्होंने अंडरवर्ल्ड स्टाइल में ही शब्दों का उपयोग किया है। सबसे ज्यादा आपत्ति ‘मुझे ठोकना भी आता है,’ वाक्य पर है। साध्वी ने संगठन को अपनी सफाई दे दी है।

WhatsApp Image 2022 06 27 at 10.06.15 AM

 महापौर प्रत्याशी की वफादारी की देनी होगी ‘दाद’.
– राजनीति के इस दौर में जब प्रधानमंत्री, पार्टी अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री की तारीफ में कसीदे पढ़े जाते हों, ऐसे में यदि कोई प्रत्याशी इनके सामने ही किसी और नेता की तारीफ करे तो उसकी हिम्मत और बफादारी की दाद देनी होगी। हम बात कर रहे हैं भोपाल से भाजपा की महापौर प्रत्याशी मालती राय की। अवसर उनके चुनाव कार्यालय के उद्घाटन का था। मंच पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा भी बैठे थे। मालती जब बोलने के लिए खड़ी हुईं तो उन्होंने मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष नहीं, प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग की तारीफ में पुल बांध दिए। उन्होंने कहा कि मुझे यह टिकट विश्वास सारंग के कारण मिला है। मेरे टिकट के लिए इन्होंने बहुत मेहनत की। मुख्यमंत्री चौहान एवं प्रदेश अध्यक्ष शर्मा की मौजूदगी में यह कहना ज्यादा महत्वपूर्ण है। दूसरा कोई होता तो मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष की ही तारीफ करता। आखिर चुनाव तो मुख्यमंत्री और पार्टी की बदौलत ही जीता जाना है। आमतौर पर टिकट मिलने के बाद नेता बदल जाते हैं। मालती राय ने ऐसा न कर अपने नंबर और बढ़ा लिए हैं। उम्मीद है, शिवराज और वीडी को भी मालती की यह बेबाकी पसंद आई होगी।

CM SSC