किसी भी लेखक की सबसे बड़ी सफलता ये होती है कि उसने जिसके लिए और जिस भावना से जो लिखा है, वो उस तक उसी भावना के साथ पहुंचे और वो उसे उसी संवेदना से उसे पढ़े! लेकिन, यह तभी संभव है, जब आपका लेख किसी ऐसी जगह छपे या प्रसारित हो, जिसका दायरा विस्तृत हो! लेखक के लिए वो पल बहुत सुकून देने वाला होता है, जब उसके लिखे पर उस व्यक्ति की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिले, जिसके लिए उसने लिखा है।
गृह विभाग में मेरे चौथे बॉस- विजय सिंह
‘मीडियावाला’ पर पूर्व IPS अधिकारी एन के त्रिपाठी ने बुधवार को प्रसारित अपने साप्ताहिक कॉलम ‘फ्लैश बैक’ के तहत ‘गृह विभाग में मेरे चौथे बॉस – विजय सिंह’ लिखा था। उन्होंने इस कॉलम में अपने तत्कालीन बॉस विजय सिंह के साथ बिताए दिन और उनकी प्रशासनिक खूबियों के बारे में लिखा था। इस कॉलम की लिंक आश्चर्यजनक रूप से नई दिल्ली में रहने वाले विजय सिंह तक पहुंची और उन्होंने इसे पढ़ा!
सामान्यतः किसी भी प्रतिक्रिया से बचने वाले पूर्व अधिकारी विजय सिंह ने SMS पर कुछ पंक्तियाँ लिखकर एन के त्रिपाठी को प्रेषित की। त्रिपाठीजी का कहना है कि ‘मीडियावाला’ के विस्तार से ही मेरा कॉलम उन तक पहुंचा, उन्होंने उसे पसंद किया और अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।
विजय सिंह द्वारा व्यक्त प्रतिक्रिया यहाँ प्रस्तुत है।
‘प्रिय त्रिपाठी साहब,
मैंने आपका बहुत उदार लेख पढ़ा और इसने गृह विभाग में हम लोगों के समय की यादें ताजा कर दीं। उन दिनों सिद्धांतों के प्रति समर्पित टीम साथ होने पर ईमानदारी और सम्मान से काम करना संभव था। आपके समर्थन और मार्गदर्शन से काफ़ी फ़र्क पड़ गया था। मप्र पुलिस की एक महान परंपरा एवं महान नेतृत्व रहा है और विश्वास है कि इसे आगे बढ़ाया जा रहा है।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
– विजय सिंह.
Original SMS of Shri Vijay Singh