850 करोड़ के आसामी धोनी ने भी देशज चिकित्सा पद्धति पर जताया भरोसा, जड़ी बूटियों से करा रहे हैं इलाज, खर्च मात्र 40 रुपए

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850 करोड़ के आसामी धोनी ने भी देशज चिकित्सा पद्धति पर जताया भरोसा, जड़ी बूटियों से करा रहे हैं इलाज, खर्च मात्र 40 रुपए

देशज परंपराओं और हमारे पारंपरिक ज्ञान-विज्ञान को तार्किक आधार पर लिपिबद्धिकरण कर युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए आयुष मंत्रालय व आरोग्य भारती के प्रयासों को उस वक्त और बल मिल गया जब लगभग 850 करोड़ की नेटवर्थ वाले देश के गौरवशाली क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी अपना उपचार कराने के लिए देशज परंपरागत चिकित्सा पद्धति पर भरोसा जताया।
महेंद्र सिंह धोनी दुनिया के सबसे चर्चित क्रिकेटर्स में शुमार हैं। वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं और चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से आईपीएल खेल रहे हैं। धोनी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से रिटायरमेंट लेने के बाद भी हर महीने करोड़ों की कमाई करते हैं। आईपीएल के अलावा वे कई ब्रांड्स के लिए विज्ञापन करते हैं।

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान धोनी इन दिनों अपने घुटनों के दर्द से थोड़े परेशान थे और घुटनों के दर्द का इलाज देश या विदेश के किसी महंगे अस्पताल में न कराकर रांची के पास स्थित जंगल में एक स्थानीय वैद्य से करवा रहे हैं जो एक पेड़ के नीचे बैठकर इलाज करते हैं।
धोनी का इलाज कर रहे वैद्य बंधन सिंह खरवार का कहना है कि जब महेंद्र सिंह धोनी उनसे इलाज करवाने पहुंचे तो उन्हें भी यह जानकारी नहीं थी कि उनके सामने टीम इंडिया के पूर्व कप्तान बैठे हैं। उन्होंने बताया कि टीवी पर नजर आने और सामने दिखने में काफी अंतर होता है। जंगली जड़ी-बूटियों की मदद से महेंद्र सिंह धोनी का पारंपरिक इलाज करने वाले वैद्य बंधन सिंह खरवार कहते है कि वह प्रत्येक मरीज की तरह धोनी से भी दवा की एक खुराक के लिए 40 रुपए का शुल्क लेते हैं।
धोनी भी बिना किसी तामझाम के साथ सामान्य मरीज की तरह रांची से लगभग 80 किलोमीटर दूर लापुंग के गलगली धाम में पहुंचते हैं। बताया जाता है कि धोनी घुटनों के इलाज के लिए हर चार दिन पर यहां पहुंचते हैं। खबर फैलने के बाद से धोनी के आते ही फैन्स की काफी भीड़ जुटने लगती है। इसलिए अब वह गांव पहुंचकर गाड़ी में ही बैठे रहते हैं, जहां उन्हें दवा की खुराक पहुंचा दी जाती है। जानकारी के अनुसार धोनी पिछले एक महीने से जंगल में इलाज करवाने पहुंच रहे हैं।