Ujjain News: भगवान नागचंद्रेश्वर के सुलभ दर्शन के लिए अस्थाई सेतु तैयार
उज्जैन से सुदर्शन सोनी की रिपोर्ट
उज्जैन । श्री महाकालेश्वर मंदिर के तृतीय तल पर भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर का प्राचीन मंदिर स्थित है उल्लेखनीय है कि इस मंदिर के पट वर्ष में एक बार सिर्फ नागपंचमी पर्व पर 24 घण्टे के लिए ही खुलते है। नागपंचमी पर्व पर भगवान नागचन्द्रेश्वर के दर्शन के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते है। गतवर्ष तक श्री नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए जाने हेतू मंदिर समिति द्वारा अस्थाई सीढ़िया लगवाई जाती रही है । मगर अब नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन हेतु एक ऐयरो सेतु (फुट ओवर ब्रिज) का निर्माण किया गया है।
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि, मंदिर परिसर स्थित श्री विट्ठल पंढरीनाथ मंदिर से श्री नागचन्द्रेश्वर मंदिर की छत तक उक्त सेतु 27 मीटर 422 एम.एम. (लगभग 91 फीट) लंबा व 10 फीट चौडा है, जिसमें 5 फीट आने व 5 फीट जाने का मार्ग बनाया गया है। उक्त सेतु 5 मजबूत खंबों पर बना है , जो पूर्ण रूप से अस्थायी हैं। इस सेतू का भार किसी प्राचीन मंदिर पर नहीं है । पहला व अंतिम खंबा 5.4 X 22 मीटर व बीच के तीन खंबे 4.5 X 1.4 मीटर के बने है। पर्व समाप्ति के उपरांत उक्त सेतु को पूर्ण रूप से हटाया जाएगा। सेतु के कारण मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं हो इस बात का विशेष ध्यान दिया गया है । सेतू के निर्माण से बाबा महाकाल की सवारी में किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी ।
उल्लेखनीय हैं कि श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाडे के महंत विनीत गिरी जी की प्रेरणा से उनके अनुयायी व महाकाल भक्त द्वारा इस सेतु के निर्माण का कार्य किया जाकर श्री महाकालेश्वर भगवान व श्री नागन्द्रेश्वर भगवान को अर्पित किया गया हैं, दानदाता द्वारा उनका नाम व सेतु बनाने में लगने वाली राशि को गुप्त रखने की मंशा जाहिर की गई है। इस वर्ष नागपंचमी पर्व 2 अगस्त को है इस नवीन सेतू के निर्माण का कार्य पूर्ण होने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निरीक्षण कर इसकी जांच आदि सुनिश्चित कर ली गई है । इस सेतू के निर्माण से दर्शनार्थियों को सुलभता एवं शीघ्रता के साथ भगवान श्री नागचंद्रेश्वर के दर्शनों का लाभ मिलेगा ।